जेडीयू का घोषणापत्र जारी नहीं होने दे रही बीजेपी, दबाव में फैसला नहीं ले पा रहे नीतीश?
बीजेपी चाहती है कि जेडीयू अपने घोषणापत्र में कुछ मु्द्दों का जिक्रर न करे। जिसके लिए नीतीश कुमार तैयार नहीं हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और बीजेपी के बीच घोषणापत्र को लेकर मतभेद की खबरे हैं। कहा जा रहा है कि बीजेपी जनता जल यूनाइटेड के चुनावी घोषणापत्र को लकर नीतीश की पार्टी पर दबाव बना रही है।
दरअसल बीजेपी चाहती है कि जेडीयू अपने घोषणापत्र में कुछ मु्द्दों का जिक्रर न करे। जिसके लिए नीतीश कुमार तैयार नहीं हैं। टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक बीजेपी जेडीयू पर अपने घोषणापत्र में अनुच्छेद 370, समान नागरिक संहिता और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दे को जिक्र नहीं करने का दबाव बना रही है।
बता दें कि जेडीयू धारा 370 की पक्षधर है, जो जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता है। वहीं समान नागरिक संहिता पर भी जेडीयू की राय बीजेपी से जुदा है। वहीं राम मंदिर निर्माण को लेकर भी बीजेपी और जेडीयू में मतभेद है। लेकिन बीजेपी के दबाव की वजह से नीतीश की पार्टी इन तीनों मु्द्दों पर कोई बयान नहीं दे रही है।
ऐसे में जेडीयू नेतृत्व भारी दबाव में है। उसे समझ नहीं आ रहा है कि इन मुद्दों पर पार्टी की राय कैसे रखी जाए। उनके पास दो ही रास्ते हैं, या तो बीजेपी के सामने घुटने टेक दें या फिर लोकसभा चुनाव के बीच अपना विरोध दर्शाए। खबर है कि जेडीयू का घोषणापत्र तैयार है। इस घोषणापत्र को पार्टी के महासचिव केसी त्यागी और राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन वर्मा की टीम ने तैयार किया है। बताया जा रहा है घोषणापत्र में इन तीनों मुद्दों का भी जिक्र है। पहले यह 14 अप्रैल को जारी किया जाना था। लेकिन कहा जा रहा है कि बीजेपी के इन तीनों मुद्दों पर बदलाव की मांग की वजह से इसे टालना पड़ा। ऐसा लग रहा है कि नीतीश कुमार की पार्टी बीजेपी के सामने घुटने टेक रही है। उनके सामने बीजेपी की बात मानने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है।
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