आखिर है क्या कोहली-गंभीर के बीच झगड़े और तनाव की वजह!
अभी और क्या-क्या देखने को मिलेगा क्रिकेट मैदानों पर, नहीं कहा जा सकता है, लेकिन सिर्फ उम्मीद की जा सकत है कि सोमवार की घटना के बाद दोनों ही खिलाड़ी समझदारी का प्रदर्शन करेंगे।
लखनऊ के इकाना स्टेडियम में सोमवार रात जो कुछ हुआ, वह आसानी से लोगों के जहन से जाने वाला नहीं लग रहा। गंभीर-कोहली-नवीद के बीच हुई तूतू-मैंमैं ने खेलों में ईर्ष्या का एक नया ही अध्याय सामने रख दिया। हालांकि बीसीसीआई ने इसे अपने तरीके से निपटाने की कोशिश की है और तीनों पर मैच फीस का जुर्माना लगाया है, लेकिन यह सिर्फ खानापुरी ही है क्योंकि आईपीएल में तो असली फैसले फ्रेंचाइजी ही लेते हैं।
लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) और रॉयल चैलेंजर बेंग्लोर (आरसीबी) के बीच यह पहली तू-तड़ाक नहीं थी, लेकिन लखनऊ में जो हुआ उसे एक तरह से बेंग्लोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई घटना का जवाब भी माना जा रहा है। और ऐसे में आशंकाएं इस बात को लेकर बढ़ गई हैं कि टूर्नामेंट में जो ये दोनों टीमें एक बार फिर आमने-सामने आएंगी तो क्या होगा।
क्रिकेट के दो वरिष्ठ खिलाड़ियों के बीच जिस तरह की जुबानी जंग चल रही थी और दोनों के टीम साथी उन्हें खींचकर अलग कर रहे थे, वह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण दृश्य था। यही कारण है कि पूर्व खिलाड़ी अनिल कुंबले, रॉबिन उथप्पा और हरभजन सिंह ने अपने तरीके से दोनों खिलाड़ियों को खरी-खोटी सुनाई है। अनिल कुंबले ने कहा है कि, “कुछ भी हो, खेल की तो इज्जत करनी चाहिए...।” वैसे कुंबले के भी कोहली से कोई अच्छे रिश्ते नहीं रहे हैं और उन्हें 2017 में आरसीबी के हेड कोच का पद छोड़ना पड़ा था।
उधर हरभजन सिंह ने पूरे मामले पर उनके खुद के साथ हुई श्रीसांत वाली घटना को याद किया और कहा कि तब जो हुआ था वह गलत था, और अब जो हुआ वह भी गलत है।
इस घटना के बाद एलएसजी के वरिष्ठों की बैठक हुई है और उन्होंने इस पूरे मामले को ज्यादा तूल न देने का फैसला किया। एक रिलीज में एलएसजी ने कहा, “यह दो महान खिलाड़ियों के बीच अहं का मामला था और इसमें कोई गंभीर बात नहीं है।” वहीं आरसीबी ने एक वीडियो जारी किया जिसमें कोहली कहते सुने जा सकते हैं कि, ”जैसा करोगे, वैसा भरोगे, अच्छा हो कुछ करो ही मत...”
तो फिर इसका अंत कहां होगा? दरअसल दिल्ली के दोनों दिग्गज खिलाड़ियों, कोहली और गंभीर के बीच तनाव को करीब दस साल हो चुके हैं। सवाल है कि आखिर वह क्या है जो दोनों के बीच तनाव की वजह बना हुआ है। क्या ऐसा कुछ है जो सिर्फ इन दोनों को ही पता है।
बात 2009 की है, जब गंभीर एक जमे-जमाए ओपनर थे और कोहली ने अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में टीम इंडिया में कदम रखा ही था। यह किस्सा काफी मशहूर है कि श्रीलंका के खिलाफ 316 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए दोनों ने ही शतक जड़ा था और कोहली ने उन्हें मिले प्लेयर ऑफ दि मैच की ट्रॉफी को गंभीर के साथ साझा किया था।
उस मैच में गंभीर ने नाबाद 150 रन बनाए थे, जबकि कोहली ने 114 रनों का योगदान दिया था। यह कोहली का पहला अंतरराष्ट्रीय शतक था। इन सबको देखते हुए क्रिकेट जगत खुद भी हैरान है कि आखिर इन दो खिलाड़ियों के बीच क्या चल रहा है।
क्या माना जाए कि गंभीर इस बात से दुखी हैं कि उन्हें क्रिकेट में जो कुछ मिलना चाहिए था वह उन्हें नहीं मिला। 2011 के विश्व कप की जीत सिर्फ धोनी के छक्के से नहीं मिली थी, उस जीत में गंभीर ने शानदार 97 रनों की पारी खेली थी। यह बात खुद गंभीर ने एक बार कही भी थी।
लेकिन यह बात भी सही है कि 2012 आते-आते गंभीर का खेल मैदान में रुतबा मधिम पड़ने लगा था। उन्हें कप्तानी के काबिल तो कभी समझा ही नहीं गया, टीम में भी मुश्किल से ही वह जगह बना पा रहे थे। हालांकि उन्होंने 2012 और 2014 में केकेआर को अपनी कप्तानी में आईपीएल खिताब जिताया था।
दूसरी तरफ कोहली कामयाबी की रोज-रोज नई इबारत लिख रहे थे। उन्होंने धोनी के वारिस के तौर पर टीम की कमान सौंपी गई और उन्होंने इसे बखूबी निभाया भी। क्या इस सबसे गंभीर चिढ़े हुए हैं, कि एक तरफ उनका क्रिकेट करियर ढलान पर फिसल रहा था वहीं कोहली कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ रहे थे।
अभी और क्या-क्या देखने को मिलेगा क्रिकेट मैदानों पर, नहीं कहा जा सकता है, लेकिन सिर्फ उम्मीद की जा सकत है कि सोमवार की घटना के बाद दोनों ही खिलाड़ी समझदारी का प्रदर्शन करेंगे।
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Published: 03 May 2023, 7:00 AM