दुनियाः बांग्लादेश में उपद्रवियों ने सिद्धो-कान्हू की प्रतिमा ध्वस्त की और पाकिस्तान में आजादी के दिन विस्फोट
इजरायली सेना ने एक बार फिर गाजा में हवाई हमला किया है, जिसमें सात फिलिस्तीनी मारे गए हैं। ब्रिटेन में पिछले दो सप्ताह में हुई हिंसा, आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ नस्लवादी हमलों के सिलसिले में पुलिस ने एक हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।
बांग्लादेश में उपद्रवियों ने सिद्धो-कान्हू की प्रतिमा ध्वस्त की
बांग्लादेश में रह रहे संथाल आदिवासी समुदाय के लोग भी उन्मादियों के निशाने पर हैं। बांग्लादेश के दिनाजपुर डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर में एक प्रमुख चौराहे पर स्थापित भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की संथाल क्रांति के नायक सिद्धो-कान्हू की प्रतिमा उन्मादियों ने ध्वस्त कर दी है। इसकी जानकारी बांग्लादेश के इंडिजिनस राइट एक्टिविस्ट खोखन सुतिन मुर्मू ने साझा की है। सिद्धो-कान्हू को संथाल समुदाय के लोग देवता की तरह पूजते हैं। उनकी प्रतिमा ध्वस्त किए जाने की खबर पर बांग्लादेश के साथ-साथ झारखंड के संथाल आदिवासी आहत हैं।
बांग्लादेश के ग्रेटर सिलहट और उत्तर बंगाल राजशाही, दिनाजपुर, रंगपुर, गैबांधा, नोआगांव, बागुरा, सिराजगंज, चपैनवाबगंज, नटोर, दिनाजपुर आदि जगहों पर संथाल आदिवासियों की अच्छी-खासी आबादी है। ये लोग बांग्लादेश में हिंसा और उन्माद की घटनाओं से बुरी तरह डरे हुए हैं। वहां की कई संथाल बस्तियों के लोग उन्मादियों और दंगाइयों के खौफ से तीर-धनुष लेकर पहरा दे रहे हैं।
दरअसल, अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ 1855 में हुई संथाल क्रांति के बाद संथाल समाज के कई लोग बांग्लाभाषी इलाकों में जाकर बस गए थे। 19वीं सदी के उत्तरार्ध में जब ब्रिटिश शासन के दौरान रेलवे ट्रैक का निर्माण चल रहा था, तब भी यहां से संथाली समुदाय के लोग मजदूरी के लिए ले जाए गए थे। वहां संथालों के अलावा उरांव, मुंडा, महतो, महली जाति के लोग भी रहते हैं। इनकी गिनती बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों में होती है।
पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस के दिन विस्फोट, एक की मौत
पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में बुधवार को एक बम विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। ये जानकारी वहां की पुलिस ने दी है। पाकिस्तान में 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि विस्फोट बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा के लियाकत बाजार में हुआ।
पुलिस ने कहा कि रिमोट-नियंत्रित डिवाइस से ट्रिगर किया गया विस्फोट उस समय हुआ जब लोग लियाकत बाजार में खरीदारी कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि कम से कम 0.5 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। घटना के बाद, सुरक्षा बल और बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया। कुछ की हालत गंभीर है। सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी की और तलाशी अभियान शुरू किया। किसी समूह या व्यक्ति ने विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है।
गाजा में इजरायली हमले में सात फिलिस्तीनियों की मौत
इजरायली सेना लगातार गाजा में हमास के ठिकानों को निशाना बना रही है। इजरायली सेना ने एक बार फिर गाजा में हवाई हमला किया है, जिसमें सात फिलिस्तीनी मारे गए हैं। फिलिस्तीनी सूत्रों ने बताया कि सेंट्रल गाजा के नुसेरात शरणार्थी शिविर में इजरायली सेना ने हवाई हमला किया, जिसमें तीन बच्चों सहित सात फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए। फिलिस्तीनी सुरक्षा सूत्रों ने शिन्हुआ समाचार एजेंसी को बताया कि मंगलवार शाम को हुए हवाई हमले में अबू नड्डा परिवार के एक आवासीय घर को निशाना बनाया गया। हालांकि, इजरायली सेना ने अभी तक इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
इस बीच, इजरायली सेना ने मंगलवार को वेस्ट बैंक में कैदियों के दो अपार्टमेंट उड़ा दिए। बताया जा रहा है कि इस हमले के बाद कैदियों में झड़प हो गई, जिसमें एक फिलिस्तीनी नागरिक की मौत हुई है। ज्ञात हो कि 7 अक्टूबर, 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला किया था। इस दौरान 1,200 लोग मारे गए और लगभग 250 इजरायली नागरिकों को हमास ने बंधक बना लिया था। इसके बाद इजरायली सेना ने गाजा में घुसकर हमास के ठिकानों पर कार्रवाई की। गाजा में इजरायली हमलों में फिलिस्तीनियों की मौत का आंकड़ा लगभग 40,000 हो गया है। मंगलवार को जारी बयान के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान, इजरायली सेना ने 32 लोगों को मार डाला और 88 अन्य को घायल कर दिया, जिससे फिलिस्तीनी-इजरायल संघर्ष शुरू होने के बाद से कुल मौतों की संख्या 39,929 और घायलों की संख्या 92,240 हो गई।
श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में रिकॉर्ड संख्या में उम्मीदवार मैदान में
श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव के 42 साल के इतिहास में रिकॉर्ड संख्या में उम्मीदवारों के शामिल होने की संभावना है क्योंकि बुधवार दोपहर की समयसीमा तक 38 उम्मीदवारों ने नामांकन भरे हैं। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 21 सितंबर को मतदान होगा। चुनाव आयोग के महानिदेशक समनश्री रत्नायके ने कहा कि 38 उम्मीदवारों में से 20 पंजीकृत राजनीतिक दलों से, 17 निर्दलीय और एक उम्मीदवार अन्य राजनीतिक समूह से हैं।
नामांकन स्वीकार करने की अंतिम तिथि बृहस्पतिवार है और यदि सभी 38 नामांकन स्वीकार हो जाते हैं तो नवंबर 2019 में हुए पिछले चुनाव में शामिल 35 उम्मीदवारों के मुकाबले इस बार के चुनाव में अब तक के सर्वाधिक 38 उम्मीदवार होंगे। नामांकन कल सुबह 9 से 11 बजे के बीच स्वीकार किए जाएंगे और आपत्तियों के लिए एक घंटे का समय दिया जाएगा।
निवर्तमान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के अलावा अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में राजपक्षे परिवार के 38 वर्षीय उत्तराधिकारी नामल राजपक्षे, मुख्य विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा और मार्क्सवादी जेवीपी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके शामिल हैं। देश में अक्टूबर 1982 में हुए पहले राष्ट्रपति चुनाव में केवल छह उम्मीदवार थे।
ब्रिटेन में दंगों के मामले में एक हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार
ब्रिटेन में पिछले दो सप्ताह में हुई हिंसा, आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ नस्लवादी हमलों के सिलसिले में पुलिस ने एक हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट पर गलत जानकारी से हिंसा भड़की थी। जिसमें दावा किया गया था कि जुलाई के अंत में उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड के साउथपॉर्ट में तीन बच्चों की हत्या करने वाला संदिग्ध एक मुस्लिम अप्रवासी था। इसे हत्या का दोषी ठहराया गया था। इंग्लैंड के कई शहरों और उत्तरी आयरलैंड में भी हिंसा भड़क उठी, लेकिन इसमें शामिल लोगों की पहचान करने के प्रयासों में तेजी लाने के बाद पिछले सप्ताह से हिंसा की घटनाओं में कमी आई है। कई लोगों को तुरंत जेल भेज दिया गया और कुछ को लंबी सजा भी दी गई।
राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख परिषद ने अपने लेटेस्ट अपडेट में कहा कि पूरे ब्रिटेन में 1,024 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 575 पर आरोप लगाए गए। गिरफ्तार किए गए लोगों में लिवरपूल में तोड़फोड़ के आरोपी 69 वर्षीय व्यक्ति तथा बेलफास्ट में 11 साल का लड़का शामिल है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अभियोजक ने बताया कि 13 वर्षीय लड़की ने बेसिंगस्टोक मजिस्ट्रेट कोर्ट में हिंसक उपद्रव करने का अपराध स्वीकार किया है। उसे 31 जुलाई को शरणार्थियों के लिए बने एक होटल के प्रवेश द्वार पर लात-घूंसे मारते हुए देखा गया था। अभियोजक थॉमस पावर ने कहा, "इस भयावह घटना से उन लोगों में डर पैदा हो गया, जो इन गुंडों के निशाने पर थे। यह बेहद दुखद है कि इतनी छोटी लड़की ने इस हिंसक घटना में हिस्सा लिया।" इससे पहले ब्रिटेन में 2011 में बड़े पैमाने पर दंगे हुए थे। पुलिस ने एक अश्वेत व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद कई दिनों तक सड़कों पर हिंसा फैली।
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