दुनियाः पाकिस्तान में ईंधन की कीमत बढ़ाने पर सरकार पर भड़के लोग और नेपाल की प्रचंड सरकार पर फिर संकट के बादल
इस्लामिक रेजिस्टेंस मूवमेंट (हमास) की सशस्त्र शाखा अल-कस्साम ब्रिगेड ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उसके सदस्य गाजा पट्टी के शहरों में घुसने वाले इजरायली सैन्य वाहनों के खिलाफ इस्तेमाल के लिए विस्फोटक डिवाइस तैयार करते दिख रहे हैं।
पाकिस्तान में ईंधन की कीमत बढ़ने पर सरकार पर भड़के लोग
महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तानियों को एक और झटका लगा है। सरकार ने पेट्रोल की कीमत 9.56 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी है। सरकार के इस फैसले की देश भर में कड़ी आलोचना की जा रही है। शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार का कहना है कि दुनिया भर में ईंधन की कीमतों में वृद्धि होने कें चलते सरकार ने यहां भी कीमतें बढ़ाने का फैसला किया है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, हाई स्पीड डीजल (एचएसडी) की कीमत में भी 9.56 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। ताजा वृद्धि के बाद नई कीमतें अब 265.61 रुपये (प्रति लीटर पेट्रोल) और 277.49 रुपये (प्रति लीटर एचएसडी) हो गई हैं।
इस्लामाबाद निवासी एक शख्स ने कहा, "यह सरकार केवल अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को खुश करने के लिए काम कर रही है। इसे नागरिकों की पीड़ा की परवाह नहीं है।" पेट्रोल पंप पर खड़े एक व्यक्ति ने कहा,"मैं बीआईकेईए (पाकिस्तान में परिवहन सेवाएं प्रदान करने वाली एक स्थानीय कंपनी) का एक राइडर हूं। ईंधन की कीमतों में वृद्धि ने मुझे बुरी तरह प्रभावित किया है, क्योंकि हम अपनी सवारी की दरें नहीं बढ़ा सकते हैं और हमें अपनी जेब से ईंधन की कीमतों में वृद्धि का खर्च उठाना पड़ेेेगा।" उसने कहा, "यह सरकार हमारे दर्द को महसूस नहीं कर सकती है, यह हमारी पीड़ाओं को नहीं समझती, इसे हमारे मरने जीने की परवाह नहीं है। यह केवल आईएमएफ को खुश करना और अपने नागरिकों का जीवन कठिन बनाना चाहती है।"
सरकार पहले से ही बिजली के भारी दरों के चलते लोगों के विरोध का सामना कर रही है। लोगों ने बुनियादी जरूरतों की वस्तुओं की कीमतों के आसमान छूने पर सरकार की कड़ी आलोचना की है। विशेषज्ञों को डर है कि अगर सरकार पेट्रोल और एचएसडी पर शुल्क बढ़ाने का फैसला करती है, तो आने वाले दिनों में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है। अर्थशास्त्री इरशाद अंसारी कहते हैं, "सरकार पेट्रोल और एचएसडी पर 60 रुपये प्रति लीटर पेट्रोलियम शुल्क लगा रही है, जबकि उन्हें सामान्य बिक्री कर से छूट दी गई है।" उन्होंने कहा, "अगर सरकार पेट्रोल और एचएसडी दोनों पर शुल्क 5 रुपये प्रति लीटर बढ़ाने का फैसला करती है, तो पेट्रोल और एचएसडी की कीमतें क्रमशः 12.54 रुपये और 14.84 रुपये प्रति लीटर बढ़ जाएंगी।" वित्त विधेयक 2024 में पेट्रोलियम कर की अधिकतम सीमा 80 रुपये प्रति लीटर प्रस्तावित की गई है। इसका मतलब है कि सरकार आने वाले दिनों में करों में बढ़ोतरी करेगी। इसका सीधा असर पेट्रोल और एचएसडी की कीमतों पर पड़ेगा।
नेपाल की प्रचंड सरकार पर फिर संकट के बादल
नेपाल के दो सबसे बड़े दलों- नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (यूएमएल) के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक से यह अटकलें तेज हो गई हैं कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाली सरकार के दिन अब गिने-चुने रह गए हैं। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने शनिवार को नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के आवास पर जाकर देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। ओली की पार्टी मौजूदा गठबंधन सरकार का हिस्सा है।
बंद कमरे में हुई बैठक का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों नेताओं ने संभवत: प्रचंड को हटाने के लिए नयी गठबंधन सरकार के गठन पर चर्चा की। एक बार फिर प्रधानमंत्री पद पर नजर गड़ाए ओली वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार द्वारा हाल में किए गए बजट आवंटन से नाखुश थे, जिसके बारे में उन्होंने सार्वजनिक रूप से बात की थी।
हालांकि, प्रधानमंत्री प्रचंड के करीबी सूत्रों ने ‘‘सत्ता में बदलाव की अफवाहों’’ को खारिज करते हुए कहा है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के दो शीर्ष नेता सीपीएन-माओवादी केंद्र के अध्यक्ष प्रचंड और सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली मौजूदा गठबंधन को पूर्ण कार्यकाल तक जारी रखने के लिए दृढ़ हैं। प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार गोविंदा आचार्य ने दावा किया कि प्रचंड और ओली ने रविवार और सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में दो बैठकें कीं, जिसके दौरान दोनों नेताओं ने ताजा राजनीतिक स्थिति और वर्तमान गठबंधन सरकार को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा गठबंधन सरकार में बदलाव और नये गठबंधन के गठन के दावों में कोई सच्चाई नहीं है।’’
हमास ने जारी किया विस्फोटक तैयार करते सदस्यों का वीडियो
इस्लामिक रेजिस्टेंस मूवमेंट (हमास) की सशस्त्र शाखा अल-कस्साम ब्रिगेड ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उसके सदस्य गाजा पट्टी के शहरों में घुसने वाले इजरायली सैन्य वाहनों के खिलाफ इस्तेमाल के लिए विस्फोटक डिवाइस तैयार करते दिख रहे हैं। चालीस सेकंड के इस वीडियो में समूह के सदस्य डिवाइस को पेंट करते और उन्हें पोर्टेबल बैग में रखते हुए दिख रहे हैं। ये बैग काले कपड़े से ढके हुए हैं जिस पर लिखा है: "जो मेरी मौत चाहता है, वह मृगतृष्णा ... और (ऑपरेशन) अल-अक्सा फ्लड का पीछा कर रहा है"।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने रविवार को बताया कि अल-क़स्साम ने पिछले अक्टूबर से गाजा में इजरायली सेना के साथ चल रहे युद्ध के दौरान पहली बार "फिदायीन ऑपरेशन" डिवाइस के इस्तेमाल की घोषणा की है। वीडियो जारी होने से पहले अल-क़स्साम और इस्लामिक जिहाद आंदोलन की सैन्य शाखा अल-कुद्स ब्रिगेड ने रविवार को पूर्वी गाजा शहर के शुजैया मोहल्ले और शहर के दक्षिण में ताल अल-हवा मोहल्ले में इजरायली वाहनों और सैनिकों को निशाना बनाने का दावा किया था।
अल-क़स्साम ने एक बयान में कहा कि उसके सदस्यों ने ताल अल-हवा के दक्षिण में "यासिन 105 रॉकेट से एक इजरायली नामर एपीसी (सैनिकों को ले जाने वाले बख्तरबंद वाहन) को नष्ट कर दिया, जिसमें उसके चालक दल के सदस्य हताहत हुए हैं।" अल-कुद्स ब्रिगेड ने एक अलग बयान जारी कर दावा किया कि उसके सदस्यों ने ताल अल-हवा में "शेजारेट एपीसी और एक डी9 सैन्य बुलडोजर" को भी निशाना बनाया। एक अन्य प्रेस विज्ञप्ति में उसने कहा कि इसके सदस्यों ने "शुजैया में इजरायली सैनिकों पर मोर्टार से हमला किया"। हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजरायली सीमा के भीतर घुसकर बड़ा हमला किया जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और 200 से अधिक बंधक बनाए गए। उसके बाद से गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल की जवाबी कार्रवाई जारी है।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से 18 कैदी भागे, एक की गोली लगने से मौत
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) स्थित एक जेल से कम से कम 18 खतरनाक अपराधी एक सुरक्षाकर्मी पर हमला करने के बाद फरार हो गये। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फरार कैदियों में से छह को मौत की सजा सुनाई गयी थी।घटना शुक्रवार को रावलकोट जेल में हुई जब एक कैदी ने सुरक्षाकर्मी को पिस्तौल का भय दिखाकर जेल की चाबियां छीन लीं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि फरार होने वाले 18 कैदियों में से छह को मौत की सजा सुनाई गयी थी जबकि तीन अन्य कैदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे।
अधिकारी ने बताया कि फरार होने की कोशिश कर रहे एक अन्य कैदी की गोली लगने से मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि वह (कैदी) पांच वर्ष कैद की सजा काट रहा था। पुलिस ने इलाके में व्यापक खोज अभियान शुरू किया है। इस बीच, अधिकारियों ने घटना की जांच शुरू कर दी और जेल प्रमुख तथा कुछ अन्य अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि कुछ अधिकारियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। समा टीवी की खबर के अनुसार, रावलकोट जेल के उपाधीक्षक समेत सात अधिकारियों को हिरासत में लेकर सुरक्षा उल्लंघन की जांच शुरू कर दी गई है। खबर के मुताबिक, सुरक्षा चूक के मद्देनजर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की सभी जेलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सरकार ने कैदियों के फरार होने के कारणों की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग के गठन का अनुरोध किया है।
उत्तर कोरिया ने दागे दो बैलिस्टिक मिसाइल
दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने सोमवार को पूर्व की दिशा में दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। कहा गया है कि दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के संयुक्त सैन्य अभ्यास के जवाब में ये कार्रवाई की गई है। दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने कहा कि दक्षिण ह्वांगहे प्रांत के जंगयोन क्षेत्र से सोमवार सुबह करीब 5:05 बजे उत्तर-पूर्वी दिशा में एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई। इसके तुरंत बाद सुबह करीब 5:15 बजे एक और बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई। पहली मिसाइल छोटी दूरी क्र थी। योनहाप समाचार एजेंसी ने इस बारे में और जानकारी नहीं दी कि मिसाइलें कितनी दूर तक गई। जेसीएस ने मीडिया को बताया, "हमारी सेना उत्तर कोरियाई बैलिस्टिक मिसाइल डेटा को अमेरिका और जापानी अधिकारियों के साथ साझा करेगी, हम स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं।"
इससे पहले रविवार को उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के सैन्य अभ्यास की निंदा करते हुए कहा था कि देश इसके खिलाफ "आक्रामक और भारी" जवाबी कार्रवाई करेगा। दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान का संयुक्त अभ्यास शनिवार को समाप्त हुआ, इसमें लड़ाकू जेट और युद्धपोत शामिल थे। एक अमेरिकी विमानवाहक पोत भी शामिल था। इससे पहले उत्तर कोरिया ने बुधवार को पूर्वी सागर की ओर बैलिस्टिक मिसाइल दागे थे। उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि उसने कई मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, लेकिन दक्षिण कोरिया ने इस दावे को "धोखा" बताते हुए खारिज कर दिया है और कहा कि प्रक्षेपण विफल हो गया क्योंकि मिसाइल हवा में ही फट गई। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पिछले महीने प्योंगयांग में एक शिखर सम्मेलन के दौरान "व्यापक रणनीतिक साझेदारी" संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके बाद प्योंगयांग और मॉस्को के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग को लेकर चिंताओं के बीच यह नवीनतम प्रक्षेपण किया गया। इस समझौते में यह वादा भी शामिल है कि यदि हमला होता है तो दोनों देश एक-दूसरे की सहायता करेंगे।
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