दुनियाः कनाडा की संसद ने खालिस्तानी निज्जर के सम्मान में रखा मौन और श्रीलंका के दौरे पर जाएंगे जयशंकर
अमेरिकी सरकार ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उत्तर कोरिया यात्रा "बड़ी चिंता का कारण" है। सिरिल रामफोसा ने बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली।
कनाडा की संसद ने खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर के 'सम्मान' में रखा मौन
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत की पहली वर्षगांठ पर कनाडाई संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स में एक मिनट का मौन रखा गया। पिछले साल 18 जून को निज्जर की कनाडा के सरे में एक पार्किंग स्थल के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भारत ने निज्जर को गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत 'नामित आतंकवादियों' की सूची में डाल रखा था। कनाडा ने निज्जर हत्या मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
ओटावा का आरोप है कि हत्या में भारतीय अधिकारी शामिल थे, लेकिन वह इसका सबूत देने में विफल रहा है। इससे कनाडा और भारत के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया है। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा उसकी धरती से संचालित खालिस्तान समर्थक तत्वों को बेखौफ पनाह दे रहा है। हाल ही में इटली में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि भारत के साथ "कई बड़े मुद्दों पर तालमेल" है और उन्हें भारत की नई सरकार के साथ बातचीत करने का "अवसर" दिखाई दे रहा है..."।
कुवैत अग्निकांड में 3 भारतीयों और मिस्र के 4 नागरिकों को हिरासत में लिया गया
कुवैत के अहमदी प्रांत में भीषण आग लगने से 46 भारतीयों समेत 50 लोगों की मौत के मामले में भारत के तीन, मिस्र के चार और कुवैत के एक नागरिक को हिरासत में लिया गया है। बुधवार को एक मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई है। उल्लेखनीय है कि 12 जुलाई को मंगाफ शहर में भूतल पर गार्ड के कमरे में बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण छह मंजिला इमारत में भीषण आग लग गई थी। इमारत में 196 प्रवासी मजदूर रहते थे, जिनमें से ज्यादातर भारतीय थे।
अंग्रेजी भाषा के दैनिक समाचार पत्र ‘अरब टाइम्स’ ने बताया कि "सार्वजनिक अभियोजन ने अल-मंगाफ की इमारत में आग लगने के मामले में एक कुवैती नागरिक, तीन भारतीय नागरिकों और मिस्र के चार नागरिकों को दो सप्ताह के लिए हिरासत में रखने का आदेश दिया है।" खबर में कहा गया है कि आरोपियों पर हत्या और लापरवाही का आरोप लगाया गया है। अखबार ने बताया कि कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के आदेश पर पीड़ितों के परिवारों को 15,000 अमेरिकी डॉलर (12.5 लाख रुपये) का मुआवजा दिया जाएगा।
पुतिन के उत्तर कोरिया दौरे को अमेरिका ने बताया 'चिंता का विषय'
अमेरिकी सरकार ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उत्तर कोरिया यात्रा "बड़ी चिंता का कारण" है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता पैट राइडर ने मंगलवार को वाशिंगटन में कहा, "रूस और उत्तर कोरिया के बीच गहराता सहयोग ऐसी बात है जिस पर चिंतित होने की जरूरत है।" राइडर ने कहा, "खासकर उन लोगों के लिए जो कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और स्थिरता बनाए रखने में रुचि रखते हैं, लेकिन रूसी आक्रमकता के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे यूक्रेन के लोगों का समर्थन भी करना चाहते हैं।" व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरिन जीन-पियरे ने कहा कि उत्तर कोरिया से हथियारों की डिलीवरी के कारण रूस यूक्रेन में युद्ध छेड़ने में सक्षम हुआ है।
जीन-पियरे ने कहा, "हम नहीं मानते कि किसी भी देश को पुतिन को उस आक्रामक युद्ध के प्रचार के लिए मंच प्रदान करना चाहिए, जो हम यूक्रेन और रूस के बीच देख रहे हैं।" उन्होंने कहा कि यह युद्ध "संयुक्त राष्ट्र चार्टर का स्पष्ट रूप से उल्लंघन करता है और अंतर्राष्ट्रीय तंत्र को कमजोर कर रहा है"। अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी हद तक अलग-थलग पड़ चुके उत्तर कोरिया पर यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगियों ने रूस को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति करने का आरोप लगाया है। मॉस्को और प्योंगयांग की सरकारों ने बार-बार उन दावों को खारिज किया है। उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने मंगलवार शाम प्योंगयांग में पुतिन का स्वागत किया। पर्यवेक्षकों के अनुसार, दो दिवसीय यात्रा में अन्य बातों के अलावा प्योंगयांग से हथियारों की आपूर्ति पर फोकस होगा, जिसका उपयोग रूस यूक्रेन के खिलाफ अपने युद्ध में करना चाहता है।
रामफोसा ने दूसरी बार दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली
सिरिल रामफोसा ने बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली। वह गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे। उनकी पार्टी अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (एएनसी) पिछले महीने हुए चुनाव में बहुमत हासिल नहीं कर पायी थी। पिछले महीने हुए चुनावों में रामफोसा की एएनसी ने 30 साल में पहली बार अपना संसदीय बहुमत खो दिया। हालांकि, एएनसी और डेमोक्रेटिक अलायंस ने अपनी प्रतिद्वंद्विता को दरकिनार करके गठबंधन सरकार बनाने के लिए ऐतिहासिक समझौता किया। चुनाव में एएनसी को 40 प्रतिशत वोट मिले, जबकि डेमोक्रेटिक अलायंस (डीए) 22 प्रतिशत वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
प्रीटोरिया की यूनियन बिल्डिंग में प्रधान न्यायाधीश रेमंड जोंडो ने रामफोसा (71) को शपथ दिलाई। रामफोसा ने कहा, “मैं शपथ लेता हूं कि मैं दक्षिण अफ्रीका गणराज्य के प्रति वफादार रहूंगा... मैं गणराज्य के संविधान और अन्य सभी कानूनों का पालन, अनुपालन और समर्थन करूंगा।” रामफोसा ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के नागरिकों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काने के प्रयासों से विचलित नहीं होना चाहिए, क्योंकि देश राष्ट्रीय एकता की सरकार के दौर में प्रवेश कर रहा है। कई देशों को राष्ट्र प्रमुखों और प्रतिनिधियों के साथ हजारों मेहमानों की मौजूदगी में रामफोसा ने कहा, “हमें विभाजित करने या विचलित करने, संदेह या निराशा फैलाने या एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के हर प्रयास को अस्वीकार करना चाहिए। जो लोग हमारे रास्ते में खड़े होना चाहते हैं, जो तनाव को भड़काना चाहते हैं, वे सफल नहीं होंगे, क्योंकि दक्षिण अफ्रीकी दृढ़ निश्चयी हैं।” राष्ट्रीय एकता की नयी सरकार में रामफोसा एएनसी, मध्य-दक्षिणपंथी डीए और छोटी पार्टियां शामिल हैं।
श्रीलंका के दौरे पर जाएंगे विदेश मंत्री जयशंकर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार एनडीए सरकार के गठन के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा पर गुरुवार को कोलंबो जाएंगे जो भारत की 'पड़ोसी पहले' की नीति के अनुरूप है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि श्रीलंका यात्रा पर विदेश मंत्री साझेदारी के व्यापक मुद्दों पर द्वीप राष्ट्र के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठकें करेंगे। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, "यह यात्रा श्रीलंका के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, क्योंकि यह हमारा सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी और समय की कसौटी पर खरा उतरने वाला मित्र है। यह यात्रा विभिन्न क्षेत्रों में कनेक्टिविटी परियोजनाओं और अन्य पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को गति प्रदान करेगी।" श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने रविवार को कहा था कि अधिशेष नवीकरणीय ऊर्जा की भारत को बिक्री के बारे में बातचीत चल रही है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति के मीडिया विभाग ने एक बयान में कहा, "श्रीलंका और भारत के बीच बिजली लाइन कनेक्शन स्थापित करने के लिए वर्तमान में एक व्यवहार्यता अध्ययन किया जा रहा है। भारतीय विदेश मंत्री की आगामी श्रीलंका यात्रा के दौरान इस पर आगे चर्चा की उम्मीद है।" राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा कि श्रीलंका और भारत के बीच जमीनी कनेक्शन के लिए एक प्रारंभिक व्यवहार्यता अध्ययन पूरा हो चुका है। निकट भविष्य में एक पूर्ण व्यवहार्यता अध्ययन किया जाएगा। श्रीलंका के राष्ट्रपति 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए नई दिल्ली आये थे। उस समय उन्होंने भारतीय निवेश के साथ श्रीलंका में शुरू की गई विकास परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी के लिए जयशंकर की आगामी श्रीलंका यात्रा पर चर्चा की। श्रीलंकाई राष्ट्रपति के मीडिया विभाग ने 10 जून को एक बयान में कहा था, "भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति पर भी चर्चा हुई। मंत्री जयशंकर ने त्रिंकोमाली में एक औद्योगिक क्षेत्र की योजना पर प्रकाश डाला, जिसे भारत सरकार द्वारा स्थापित किया जाएगा, जो कई भारतीय निवेशकों और अन्य देशों के संभावित निवेशकों को आकर्षित करेगा।"
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