दुनियाः जापानी राजकुमारी युरिको का 101 वर्ष की आयु में निधन और नेपाल में खाई में गिरी कार, 8 की मौत, 5 घायल

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की पार्टी ‘नेशनल पीपुल्स पावर’ ने शुक्रवार को संसदीय चुनाव में जीत दर्ज करते हुए संसद में दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया। नाइजीरिया में हर साल एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिंड्रोम से 15,000 लोगों की मौत होती है।

जापानी राजकुमारी युरिको का 101 वर्ष की आयु में निधन
जापानी राजकुमारी युरिको का 101 वर्ष की आयु में निधन
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नवजीवन डेस्क

जापानी राजकुमारी युरिको का 101 वर्ष की आयु में निधन

जापानी शाही परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य और सम्राट नारुहितो की परदादी राजकुमारी युरिको का शुक्रवार को टोक्यो के एक अस्पताल में 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इंपीरियल हाउसहोल्ड एजेंसी ने यह जानकारी दी है। समाचार एजेंसी क्योडो की रिपोर्ट के अनुसार, राजकुमारी युरिको की मृत्यु के बाद शाही परिवार में केवल 16 सदस्य बचे हैं, क्योंकि 1947 के इंपीरियल हाउस कानून के तहत महिला सदस्यों को एक आम व्यक्ति से शादी करने पर राजघराना छोड़ना पड़ता है।

प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने राजकुमारी युरिको की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की। इशिबा ने कहा, "मैं इस क्षति के बारे में सुनकर दुखी हूं। मैं अन्य जापानी नागरिकों के साथ अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।" जापान के पूर्व कुलीन वर्ग की सदस्य राजकुमारी युरिको को हल्के स्ट्रोक और एस्पिरेशन न्यूमोनाइटिस से पीड़ित होने के बाद मार्च में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान इस महीने की शुरुआत में मेडिकल जांच में पता चला कि उनके हृदय और गुर्दे पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे हैं।

साल 1923 में जन्मी राजकुमारी युरिको ने 1941 में 18 साल की उम्र में सम्राट हिरोहितो (मरणोपरांत सम्राट शोवा) के सबसे छोटे भाई राजकुमार मिकासा से विवाह किया। उसके बाद उन्होंने गाकुशुइन महिला अकादमी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उनके पति का 2016 में 100 वर्ष की आयु में हृदय गति रुकने से निधन हो गया था। दंपति के पांच बच्चे थे, जिनमें से तीन बेटे और दो बेटियां थीं। उनके बेटों राजकुमार तोमोहितो, कत्सुरा और ताकामाडो की उनसे पहले ही मृत्यु हो चुकी है। राजकुमारी युरिको सार्वजनिक सेवा में काफी सक्रिय थीं और उन्होंने जापानी रेड क्रॉस सोसायटी के मानद उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह 1948 से 2010 तक मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाली संस्था इंपीरियल गिफ्ट फाउंडेशन बोशी-ऐइकू-काई की अध्यक्ष भी रहीं।

नेपाल में खाई में गिरी कार, 8 लोगों की मौत, 5 घायल

नेपाल के दार्चुला जिले में शुक्रवार तड़के एक एसयूवी के खाई में गिर गया। हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय समयानुसार शुक्रवार तड़के लगभग चार बजे एक वाहन हाईवे से नीचे 300 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। उसमें 13 लोग सवार थे। दार्चुला जिला पुलिस के प्रवक्ता छत्र बहादुर रावत ने कहा, "यह वाहन तीर्थयात्रियों को ले जा रहा था, जो जिले के मल्लिकार्जुन मंदिर के दर्शन करने के बाद लौट रहे थे।"

उन्होंने समाचार एजेंसी शिन्हुआ को बताया कि घायलों में तीन की हालत गंभीर है। पर्वतीय देश होने के कारण नेपाल में अक्सर वाहन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। गत 13 अगस्त को तनहुन जिले में एक सड़क हादसे में 14 शव बरामद हुए थे। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की यूपी नंबर की बस संतुलन खोने के बाद नदी में जा गिरी थी। इस बस में 43 भारतीय यात्री सवार थे। यह बस पोखरा से काठमांडू जा रही थी। बस में महाराष्ट्र के कुछ लोग भी सवार थे। इस हादसे में बस ड्राइवर की मौके पर मौत हो गई थी। ड्राइवर मुर्तजा गोरखपुर का रहने वाला था।


श्रीलंका में राष्ट्रपति की पार्टी ने संसदीय चुनाव में दो तिहाई बहुमत हासिल किया

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की पार्टी ‘नेशनल पीपुल्स पावर’ (एनपीपी) ने शुक्रवार को संसदीय चुनाव में जीत दर्ज करते हुए संसद में दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया और देश के तमिल अल्पसंख्यकों के गढ़ जाफना निर्वाचन क्षेत्र पर भी अपना प्रभुत्व बनाए हुए है। श्रीलंका के निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित चुनाव परिणामों से यह जानकारी मिली।

श्रीलंका के निर्वाचन आयोग की वेबसाइट द्वारा जारी चुनाव परिणामों के अनुसार, मलीमावा (कम्पास) चिह्न के तहत चुनाव लड़ने वाली एनपीपी ने 225 सीट में से 159 पर जीत दर्ज की।एनपीपी को 68 लाख या 61 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं, जिससे उसने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त बना ली है। श्रीलंका में साजिथ प्रेमदासा की पार्टी समागी जन बालवेगया 40 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। इलंकाई तमिल अरासु काडची को आठ, न्यू डेमोक्रेटिक फ्रंट को पांच और श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना तथा श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस को तीन-तीन सीटें मिलीं।

बृहस्पतिवार को हुए चुनाव में 2010 के बाद से सबसे कम मतदान हुआ। दिसानायके ने सितंबर में राष्ट्रपति चुने जाने के तुरंत बाद ही त्वरित चुनावों की घोषणा की थी। नयी संसद का सत्र अगले सप्ताह शुरू होने वाला है। वाम विचारधारा वाली एनपीपी ने जाफना जिले में जीत हासिल कर भी इतिहास रच दिया, जहां उसने समुदाय की सांस्कृतिक राजधानी में पारंपरिक तमिल राष्ट्रवादी पार्टियों को परास्त कर दिया।

किम जोंग-उन ने बड़े पैमाने पर सुसाइड अटैक ड्रोन बनाने का आदेश दिया

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने सुसाइड अटैक ड्रोन के परफॉर्मेंस टेस्ट की निगरानी की। उन्होंन जल्द ही इस तरह के ड्रोन के बड़े पैमाने पर उत्पादन की जरुरत पर जोर दिया। यह जानकारी उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को दी। योनहाप समाचार एजेंसी ने कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के हवाले से बताया कि किम गुरुवार को कई प्रकार के सुसाइड अटैक ड्रोन के परीक्षणों के गवाह बने। इन ड्रोन को अनमैन्ड एरियल टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स से जुड़े एक संस्थान द्वारा बनाया गया।

केसीएनए ने कहा, 'विभिन्न स्ट्राइकिंग रेंज में इस्तेमाल किए जाने वाले सुसाइड अटैक ड्रोन का उद्देश्य जमीन और समुद्र में किसी भी दुश्मन के टारगेट पर सटीक हमला करना है।' किम ने पुष्टि की कि उनके देश में विभिन्न प्रकार के ड्रोन के उत्पादन और उसको प्रयोग में लाने की पूरी संभावना और क्षमता है। मॉडर्न युद्ध की जरुरत के अनुसार नए सामरिक तरीकों को जोड़ने और लागू करने की संभावना की तलाश की जाएगी। किम ने जल्द से जल्द एक सीरियल प्रोडक्शन सिस्टम की जरुरत की बात कही और पूरे और बड़े पैमाने पर आत्मघाती ड्रोन के उत्पादन को शुरू करने पर जोर दिया।

उत्तर कोरिया ने कहा कि उसने 31 अक्टूबर को नई ह्वासोंग-19 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (5 नवंबर) से कुछ दिन पहले ही किया। दक्षिण कोरियाई सेना का कहना था कि उसने 31 अक्टूबर सुबह करीब 7:10 बजे प्योंगयांग क्षेत्र से एक ऊंचे कोण पर दागी गई मिसाइल का पता लगाया। यह पूर्वी सागर में गिरने से पहले करीब 1,000 किलोमीटर तक उड़ी। योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक दक्षिण को रियाई सेना ने मिसाइल को एक नए ठोस ईंधन वाले आईसीबीएम के रूप में आंका।


नाइजीरिया में हर साल एड्स से होती हैं 15 हजार मौतें

नाइजीरिया में हर साल एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिंड्रोम (एड्स) से कम से कम 15,000 लोगों की मौत होती है। वहीं सरकार सबसे अधिक आबादी वाले इस अफ्रीकी देश में इस घातक बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए प्रयास कर रही है। समाचार एजेंसी श‍िन्हुआ ने बताया, राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण एजेंसी (एनएसीए) के प्रमुख टेमिटोप इलोरी ने गुरुवार को दक्षिण-पश्चिमी राज्य ओगुन की राजधानी अबेकोटा में एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं को बताया कि इस साल अब तक मानव इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के 22,000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं, जो एड्स के शुरुआती चरण में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है।

इलोरी ने देश में व्यापकता दर में वृद्धि का जिक्र करते हुए कहा, "0 से 14 वर्ष की आयु के लगभग 140,000 बच्चे एचआईवी के साथ जी रहे हैं।" अधिकारी ने कहा कि नाइजीरिया को मां से बच्चे में इस बीमारी को रोकने में एक गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इस बीमारी के प्रसार पर लगाम लगाने में असफलता पर अफसोस जताया। उन्होंने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि अकेले 2023 में नाइजीरिया में 75,000 नए एचआईवी संक्रमण और एचआईवी/एड्स से संबंधित 45,000 मौतें हुईं।

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