दुनियाः इजरायली सेना ने वेस्ट बैंक में 6 फिलिस्तीनियों को मारा और 6 तीव्रता के भूकंप से दहला इंडोनेशिया

इजरायली सैनिकों ने 24 घंटे में 64 फिलिस्तीनियों को मार डाला, जिससे गाजा में इजरायल के हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हजार पार कर गई है। पीएम नरेन्द्र मोदी को आज भूटान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ से सम्मानित किया गया।

इजरायली सेना ने वेस्ट बैंक में 6 फिलिस्तीनियों को मारा
इजरायली सेना ने वेस्ट बैंक में 6 फिलिस्तीनियों को मारा
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नवजीवन डेस्क

इजरायली सेना ने वेस्ट बैंक में 6 फिलिस्तीनियों को मारा

इजरायली सेना ने वेस्ट बैंक के कई शहरों में छह फिलीस्तीनियों को मार डाला है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को तुल्कर्म शहर में नूर शम्स फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर में इजरायली सेना की छापेमारी के दौरान हुई झड़प में छह फिलिस्तीनियों में से चार की मौत हो गई। फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी और सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, उनमें से दो लोगों की मौत इजरायली सैनिकों की फायरिंग और अन्य दो की मौत ड्रोन हमले में हुई।

फ़िलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफए ने स्थानीय सूत्रों के हवाले से बताया, ''इजरायली सेना ने सैन्य बुलडोजरों के साथ गुरुवार को तुल्कर्म शहर और शरणार्थी शिविर पर धावा बोल दिया और सख्त घेराबंदी कर दी।'' इजरायली सेना ने गुरुवार को दो अन्य घटनाओं में अल-बिरेह के पास अल-अमारी शरणार्थी शिविर में मोहम्मद सलहिया (19) और बेथलेहम के दक्षिण में एक इजरायली बस्ती के पास समेह जायतून (63) को मार डाला। दोनों घटनाओं पर इजरायली सेना की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है। फिलिस्तीनी आंकड़ों के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 से वेस्ट बैंक में इजरायली सेना ने कम से कम 450 फ़िलिस्तीनियों को मार दिया है।

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया

इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत में शुक्रवार को 6.0 तीव्रता का भूकंप आया। देश के जियोफिजिक्स एजेंसी ने ये बात कही है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, जकार्ता समय के अनुसार सुबह 11.22 बजे समुद्र के नीचे भूकंप आया। इसका केंद्र तुबन रीजेंसी से 132 किमी उत्तर पूर्व में और 10 किमी की गहराई में स्थित था।

एजेंसी ने सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की है। भूकंप के झटकों से समुद्र में बड़ी लहरें नहीं उठेंगी। इंडोनेशिया एक द्वीपसमूह देश है जो ज्वालामुखी और भूकंप की एक टेक्टॉनिक बेल्ट, पैसेफिक रिंग ऑफ फायर में स्थित है। यहां भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है।


गाजा में फिलीस्तीनियों की मौत का आंकड़ा 32 हजार के पार

गाजा में इजरायल के हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 31,988 हो चुकी है। हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये जानकारी दी है। मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि इजराइली सैनिकों ने 24 घंटे में 64 फिलिस्तीनियों को मौत के घाट उतार दिया है। इस दौरान 92 लोग जख्मी हुए हैं। जब से इजराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू हुआ, तब से मरने वालों का आंकड़ा 31,988 तक पहुंच चुका है और 74,2023 लोग घायल हुए हैं।

इजराइली सेना की कार्रवाई में अल शाइफा अस्पताल में अब तक चार दिनों में 600 फिलिस्तीनियों को पकड़ा जा चुका है और 140 नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया गया है। इजरायली सेना की ओर से बयान में कहा गया है, "कई तरह के हथियार और दस्तावेज इस दौरान बरामद किए गए हैं।"

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश की बर्खास्तगी को अवैध करार दिया

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने देश की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के खिलाफ भाषण देने के लिए कई साल पहले उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश की बर्खास्तगी को शुक्रवार को अवैध घोषित कर दिया। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश शौकत अजीज सिद्दीकी को रावलपिंडी बार एसोसिएशन में दिए गए भाषण के लिए 11 अक्टूबर, 2018 को सर्वोच्च न्यायिक परिषद द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था। न्यायिक परिषद उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकृत शीर्ष निकाय है। सिद्दीकी ने अपने संबोधन में आईएसआई पर अदालती कार्यवाही को प्रभावित करने और पसंदीदा पीठ बनाने का आरोप लगाया था।

बर्खास्त न्यायाधीश ने अपनी बर्खास्तगी को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी, जिस पर कई वर्षों के बाद सुनवाई शुरू हुई। प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई की, जिसका सीधा प्रसारण किया गया। पीठ में न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान, न्यायमूर्ति जमाल खान मंदोखाइल, न्यायमूर्ति हसन अजहर रिजवी और न्यायमूर्ति इरफान सआदत शामिल रहे। पीठ ने 23 जनवरी को सुनवाई पूरी की और फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने फैसला सुनाया कि सिद्दीकी को हटाया जाना अवैध था और उन्हें इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त न्यायाधीश माना जाएगा और वह पूर्व न्यायाधीश को मिलने वाले सभी तरह के लाभ के हकदार होंगे।


पीएम मोदी भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ से सम्मानित

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शुक्रवार को भूटान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान पाने वाले वह किसी विदेशी सरकार के पहले प्रमुख हैं। प्रधानमंत्री मोदी को यह पुरस्कार ‘‘भारत-भूटान संबंधों के विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान और भूटानी राष्ट्र तथा इसके लोगों के वास्ते उनकी विशिष्ट सेवा’’ के लिए प्रदान किया गया है। पुरस्कार मिलने के बाद मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भूटान द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ पुरस्कार दिए जाने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं इसे 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित करता हूं।’’

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि यह पुरस्कार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उदय को दर्शाता है और भारत के साथ भूटान के विशेष संबंधों का जश्न मनाता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व ने भारत को परिवर्तन के पथ पर अग्रसर किया है।’’ भूटान के राजा जिग्मे खेसर नांग्याल वांगचुक ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ से सम्मानित किया।

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