दुनियाः यरूशलेम और वेस्ट बैंक के बीच नई यहूदी बस्ती बनाएगा इजरायल और बांग्लादेश में फिर खुलेंगे शिक्षण संस्थान
श्रीलंका में 21 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 39 उम्मीदवार मैदान में हैं। प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना के इस्तीफे से पहले और उसके बाद प्रदर्शनकारियों की हत्याओं की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक टीम अगले हफ्ते बांग्लादेश का दौरा करेगी।
यरूशेलम और वेस्ट बैंक के बीच नई यहूदी बस्ती बनाएगा इजरायल
इजरायली नागरिक प्रशासन ने कहा है कि वह वेस्ट बैंक में बस्ती बनाने जा रहा है जो 2017 के बाद से वेस्ट बैंक में उसका पहला सेटलमेंट होगा। टाइम्स ऑफ इजरायल के हवाले से शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, नई बस्ती नाहल हेलेत्ज, यरूशलेम के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 148 एकड़ (लगभग 600,000 वर्ग मीटर) में फैलेगी, जो फिलिस्तीनी शहर बेथलेहम के पास है। रिपोर्ट में आगे लिखा गया है कि निर्माण में कई साल लग सकते हैं, जोनिंग प्लान और निर्माण परमिट प्राप्त करने में समय लगेगा।
बस्तियों का विरोध करने वाले संगठन पीस नाउ ने चेतावनी दी कि नाहल हेलेत्ज फिलिस्तीनी क्षेत्र है यहां बस्ती बसाने से टकराव और सुरक्षा संबंधी चुनौतियां पैदा होंगी।" संगठन ने कहा कि नाहल हेलेत्ज को इस तरह डिजाइन किया गया है कि फिलिस्तीनी क्षेत्रीय निरंतरता बनी रहे और कहा कि यहां बस्ती बसाना वेस्ट बैंक पर इजरायल के वास्तविक कब्जे के बराबर माना जाएगा। इजरायल नई बस्ती बनाने जा रहा है, जो फिलिस्तीनी गांव बत्तीर की जमीन पर बनेगी। बत्तीर विश्व प्रसिद्ध हेरिटेज साइट है और यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल है।
बांग्लादेश में फिर से खुलेंगे शैक्षणिक संस्थान
बांग्लादेश की सरकार ने गुरुवार को लगभग एक महीने के बंद रहने के बाद 18 अगस्त से शैक्षणिक गतिविधियां फिर से शुरू करने का निर्देश दिया। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर सभी शैक्षणिक संस्थानों में शैक्षणिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने का आदेश जारी किया। अधिसूचना के अनुसार, मुख्य सलाहकार ने शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने और शैक्षणिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के निर्देश दिए हैं। संबंधित अधिकारियों से आवश्यक उपाय करने का अनुरोध किया गया है।
इससे पहले, देश भर में प्राथमिक विद्यालय बुधवार को फिर से खुल गए। हालांकि, मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति के कारण, नियमित कक्षाएं अभी तक पूरी तरह से फिर से शुरू नहीं हुई हैं, और दो महीनों से उपस्थिति कम रही है। पांच अगस्त को शेख हसीना की सरकार को गिराने वाले छात्रों के प्रदर्शन को लेकर तनाव के बीच माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर के सभी शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ पॉलिटेक्निक संस्थानों को 17 जुलाई से अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया था। पांच अगस्त को, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत भाग गईं, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने ढाका की सड़कों पर कब्जा कर लिया था। उनके निष्कासन से पहले के सप्ताह हिंसा से भरे रहे। इसमें अशांति के दौरान 500 से अधिक लोगों की जान चली गई और बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पर हमलों की कई रिपोर्टें आईं। विशेष रूप से, प्राथमिक और जन शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को प्राथमिक विद्यालयों को पूरी तरह से फिर से खोलने और कक्षा की गतिविधियों को फिर से शुरू करने का निर्देश दिया।
श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव के लिए 39 उम्मीदवार मैदान में
श्रीलंका में 21 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 39 उम्मीदवार मैदान में हैं। यह चुनाव द्वीपीय देश में अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट के बाद होने वाला पहला चुनाव है। चुनाव आयुक्त आर.एम. रत्नायके ने गुरुवार को सभी उम्मीदवारों की मौजूदगी में घोषणा की, "राजनीतिक दलों और स्वतंत्र व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले 40 उम्मीदवारों ने चुनाव के लिए जमानत राशि दाखिल की थी, लेकिन केवल 39 ने नामांकन पत्र जमा किए।" इस सभा में मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा और मार्क्सवादी नेता अनुरा दिसानायके मौजूद थे, जिन्हें चुनाव में सबसे आगे माना जा रहा है। चुनाव आयुक्त ने उम्मीदवारों को सार्वजनिक रूप से और मीडिया के माध्यम से अपने अभियान में चुनाव कानूनों का पालन करने के लिए भी आगाह किया। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि चुनाव कानूनों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लगभग 2.2 करोड़ की कुल आबादी में से, 1.71 करोड़ आगामी चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं। इसमें 12 लाख नये मतदाता शामिल हैं। पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई गोटाबाया राजपक्षे 2019 के चुनाव में शानदार जीत दर्ज कर राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए।
हालांकि, कोविड महामारी के बाद गंभीर आर्थिक संकट और कई अदूरदर्शी फैसलों के कारण देश में भोजन, ईंधन, दवा और रसोई गैस जैसी बुनियादी जरूरतों की भारी कमी के साथ एक बड़ा आर्थिक संकट पैदा हो गया। व्यापक विरोध और हिंसा ने जुलाई 2022 में गोटाबाया को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया, जबकि राजपक्षे परिवार के कई अन्य सदस्य भी छिप गए। जाते समय, गोटाबाया ने संसद में लगभग 60 प्रतिशत एसएलपीपी बहुमत के साथ विक्रमसिंघे को देश संभालने के लिए आमंत्रित किया। धीरे-धीरे आर्थिक संकट को नियंत्रित करने के बाद, विक्रमसिंघे ने एसएलपीपी से आगामी राष्ट्रपति चुनाव में उनका समर्थन करने के लिए कहा, लेकिन राजपक्षे ने राष्ट्रपति पर उनकी पार्टी को विभाजित करने का आरोप लगाया और किसी भी तरह का समर्थन देने से इनकार कर दिया। पिछले सप्ताह, पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के सबसे बड़े बेटे नमल राजपक्षे ने भी श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में प्रवेश किया।
UN टीम जांच के लिए अगले हफ्ते बांग्लादेश जाएगी
पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना के इस्तीफे से पहले और उसके बाद प्रदर्शनकारियों की हत्याओं की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की एक टीम अगले हफ्ते बांग्लादेश का दौरा करेगी। यह घोषणा बृहस्पतिवार को की गई। बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी के अनुसार, यह पहली बार है जब संयुक्त राष्ट्र 1971 में बांग्लादेश की आजादी के बाद देश में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के हनन की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषी टीम भेज रहा है।
शेख हसीना की सरकार गिरने के कुछ दिनों बाद आठ अगस्त को मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली। इससे पहले शेख हसीना हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर पांच अगस्त को भारत भाग गई थीं। बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र जुलाई में और इस महीने की शुरुआत में छात्र आंदोलन के दौरान हुए अत्याचारों की जांच के लिए अगले सप्ताह एक तथ्यान्वेषी टीम भेज रहा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने इस कदम की घोषणा उस वक्त की जब उन्होंने मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को बुधवार देर रात फोन किया।’’
इससे पहले बुधवार को टर्क के साथ फोन पर वार्ता के बाद यूनुस ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था, ‘‘संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने बुधवार को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को फोन किया।’’
फ्रांस में दो राफेल लड़ाकू विमान आपस में टकराए, 2 पायलटों की मौत
फ्रांस के पूर्वोत्तर क्षेत्र में फ्रांसीसी वायुसेना के दो राफेल लड़ाकू विमान आपस में टकरा गए। इस दुर्घटना में दो पायलटों की मौत हो गई। हवाई दुर्घटना की जानकारी फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दी। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि बुधवार को दो राफेल फाइटर जेट प्रशिक्षण के दौरान आपस में टकरा गए। समाचार एजेंसी शिंहुआ के मुताबिक फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने एक्स पोस्ट पर कहा, “मुझे इस दुखद समाचार से अवगत कराया गया कि राफेल विमान प्रशिक्षण मिशन के दौरान हवाई दुर्घटना का शिकार हो गए। इसमें दो पायलटों की मौत हो गई।”
फ्रांसीसी वायु सेना के अनुसार, दो राफेल फाइटर जेट्स बुधवार को स्थानीय समयानुसार 12:30 बजे पूर्वोत्तर फ्रांस के आसमान में टकरा गए, जिससे दोनों विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर जमीन पर आ गिरे । यह दुर्घटना जर्मनी में ईंधन भरने के बाद लौटते समय हुई। एक विमान में दो पायलट थे और दूसरे में एक पायलट था। फ्रांसीसी अधिकारियों ने बताया कि हादसे में दूसरे जेट का पायलट सुरक्षित बच निकला। फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकर्नू ने अपने एक्स अकाउंट पर इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि फ्रांस के पूर्वोत्तर क्षेत्र म्यूरथ एट मोसेले में बुधवार दोपहर को दो राफेल फाइटर जेट्स हवा में टकरा गए। दोनों विमानों के आपस में टकराने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। अधिकारियों का कहना है कि यह हादसा कोलंबे-ले-बेल्स के ऊपर हुआ, जो पूर्वोत्तर फ्रांस का एक शहर है। स्थानीय प्रशासन की माने तो सैन्य अधिकारियों के द्वारा कछ दिनों में दुर्घटना के कारणों पर रिपोर्ट पेश की जाएगी। मल्टी रोल फाइटर जेट राफेल, जिसका उपयोग एयर सुपीरियॉरिटी, जमीन और समुद्री लक्ष्यों पर हमला करने, जासूसी करने और यहां तक कि फ्रांस के परमाणु वारहेड ले जाने के लिए किया जाता है। यह फ्रांसीसी हथियार उद्योग की सबसे ज्यादा बिकने वाला सैन्य विमान है।
कोलंबे-ले-बेल्स के उपमहापौर पैट्रिस बोनेक्स ने मीडिया को बताया, “हमने लगभग 12:30 बजे एक जोरदार आवाज सुनी, यह फाइटर जेट की सोनिक बूमक की सामान्य ध्वनि नहीं थी। यह एक अजीब आवाज थी। मैंने देखा कि दो विमान टकरा गए हैं, लेकिन हमें विश्वास नहीं हुआ,” बता दें, इससे पहले दिसंबर 2007 में, एक राफेल जेट दक्षिण-पश्चिम फ्रांस के न्यूविक शहर के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। जिसके बाद इस दुर्घटना के लिए पायलट को जिम्मेदार ठहराया गया। यह राफेल विमान की पहली दुर्घटना मानी जाती है । इसके बाद सितंबर 2009 में, दो राफेल विमान परीक्षण उड़ान पूरी करने के बाद पेरपिनन के तट पर चार्ल्स डे गॉल विमानवाहक पोत पर लौटते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गए। जिसमें एक पायलट की मौत हो गई थी। राफेल विमानों का इस्तेमाल फ्रांस के अलावा मिस्र, भारत, ग्रीस, इंडोनेशिया, क्रोएशिया, कतर और संयुक्त अरब अमीरात करते हैं।
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