दुनियाः ईरान-इजरायल तनाव से वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट और पाकिस्तान में इस साल पोलियो के 26 केस मिले

नेपाल में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 241 हो गई। इजरायली सेना की ओर से जारी निकासी आदेशों के कारण दक्षिणी लेबनान से 2 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं और इनमें से एक लाख से अधिक लोग सीरिया चले गए हैं।

ईरान-इजरायल तनाव से वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट
ईरान-इजरायल तनाव से वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट
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नवजीवन डेस्क

ईरान-इजरायल तनाव के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट

ईरान-इजरायल में तनाव बढ़ने के बाद दुनिया के सभी बड़े शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी जा रही है। बुधवार को एशिया में चीन और हांगकांग के बाजारों को छोड़कर बाकी सभी बाजार लाल निशान में बंद हुए हैं। अमेरिका और यूरोपीय बाजारों में भी करीब यही स्थिति देखी जा रही है। जापान का बेंचमार्क निक्केई 225 इंडेक्स 2.18 प्रतिशत या 843.21 अंक की गिरावट के साथ 37,808.76 पर बंद हुआ है। वहीं, अन्य एशियाई बाजार जैसे बैंकॉक, सोल और जाकार्ता में भी 1.75 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई। केवल हांगकांग और शंघाई का बाजार क्रमश: 6.20 प्रतिशत और 8.06 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ। इसकी वजह चीन की सरकार की ओर से आर्थिक पैकेज का ऐलान करना है, जिसके कारण वहां की अर्थव्यवस्था के दोबारा से उभरने की संभावना जताई जा रही है, जिसका कारण बड़ी संख्या में विदेशी निवेशक चीन के बाजार का रूख कर रहे हैं।

अब तक के कारोबार में यूरोप के बड़े बाजारों जैसे जर्मनी, फ्रांस और स्पेन लाल निशान में थे। अमेरिकी बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुए थे। मुख्य बेंचमार्क डाओ जोन्स करीब आधा प्रतिशत और टेक्नोलॉजी इंडेक्स नैस्डेक 1.53 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ। गांधी जयंती होने के कारण भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार को अवकाश है। आज स्टॉक एक्सचेंज पर इक्विटी,डेरिवेटिव के साथ किसी भी सेगमेंट में कोई कारोबार नहीं हुआ। अब शेयर बाजार अगले दिन यानी गुरुवार को खुलेंगे। मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार हल्के लाल निशान में बंद हुआ था। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 33 अंक की मामूली गिरावट के साथ 84,266 और निफ्टी 13 की मामूली गिरावट के साथ 25,796 पर था। इस दौरान छोटे और मझोले शेयरों में खरीदारी देखी गई थी। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 204 अंक या 0.34 प्रतिशत की तेजी के साथ 60,358 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 151 अंक या 0.79 प्रतिशत की तेजी के साथ 19,331 पर था।

पाकिस्तान में इस साल पोलियो के 26 मामले सामने आए

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पोलियो के दो नये मामले सामने आने के बाद इस साल देश में इस बीमारी के मामलों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है। सिंध प्रांत के कराची पूर्व और सुजावल जिलों में इन नये मामलों की पुष्टि हुई है। इन मामलों के सामने आने के बाद देश में पोलियो वायरस के उन्मूलन के प्रयासों को झटका लगा है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में पोलियो उन्मूलन के लिए क्षेत्रीय प्रयोगशाला द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘कराची पूर्व और सुजावल से इस साल का यह पहला मामला है, जहां पर्यावरणीय नमूनों में हाल के महीनों में पोलियो वायरस की मौजूदगी देखी गई है। इससे पता चलता है कि यह समुदायों में फैल रहा है और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर रहा है।’’

पोलियो उन्मूलन के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की विशेष प्रतिनिधि आयशा रजा फारूक ने नये मामलों को पाकिस्तानी बच्चों के लिए ‘‘चिंताजनक’’ बताया और कहा कि उन्हें अभी भी एक ऐसी बीमारी से खतरा है जिससे आसानी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘पोलियो का कोई इलाज नहीं है।’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बार-बार टीकाकरण से बच्चों को इस ‘‘भयानक’’ बीमारी के प्रभावों से बचाया जा सकता है। उन्होंने अभिभावकों, सामुदायिक नेताओं और शिक्षकों से आग्रह किया कि वे सभी बच्चों का टीकाकरण कराने के लिए तत्काल कदम उठाएं।


नेपाल में बाढ़, भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 241 हुई

नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने मंगलवार को कहा कि बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 241 हो गई। ओली ने सिंह दरबार में एक संवाददाता सम्मेलन में स्वीकार किया कि खोज एवं बचाव अभियान चलाने में सरकार की ओर से देरी हुई है। उन्होंने सभी से राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए सरकार के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों से 4,331 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।

प्रधानमंत्री ने 48 घंटे की लगातार बारिश के बाद शनिवार को देश में आई अकल्पनीय आपदा के कारण बचाव और खोज अभियान में कमियों को दुरुस्त करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। मुख्य सचिव एकनारायण आर्यल ने बताया कि विनाशकारी भूस्खलन और बाढ़ के कारण देश को लगभग 17 अरब रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें 241 लोगों की जान चली गई।उन्होंने कहा कि कम से कम 29 लोग लापता हैं और 126 घायल हैं।

लेबनान से एक लाख से ज्यादा लोग सीरिया चले गए

इजरायली सेना की ओर से जारी निकासी आदेशों के कारण दक्षिणी लेबनान से 2 लाख से ज्यादा विस्थापित हुए हैं और लेबनान से 1 लाख से अधिक लोग सीरिया चले गए हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के मुख्य प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने चेतावनी दी है कि विस्थापित लोगों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि इजरायली रक्षाबलों ने सोमवार-मंगलवार के बीच 30 गांवों सहित अन्य जगहों को खाली करने के आदेश जारी किए हैं। प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने दैनिक ब्रीफिंग में कहा कि उत्तरी इजरायल में 60 हजार से ज्यादा लोग अपने घरों से विस्थापित हैं।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी अपनी आपातकालीन प्रतिक्रिया को लगातार बढ़ा रही है और लेबनान में विस्थापित लोगों को तत्काल मानवीय तथा सुरक्षा समर्थन प्रदान करने के लिए साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रही है। संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगी लेबनान सरकार का समर्थन कर रहे हैं, जिसमें बच्चों के लिए भोजन, पोषण, पानी और गद्दे तथा स्वच्छता किट जैसी अन्य आवश्यक सामग्रियां प्रदान की जा रही है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने लगभग 200 सामूहिक आश्रयों को आवश्यक सामग्री के साथ समर्थन प्रदान किया, जिसमें 50,000 विस्थापित लोगों को रखा गया है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे बेरूत (लेबनान) में आज शुरू की गई 426 मिलियन डॉलर की आपातकालीन मानवीय अपील का तत्काल समर्थन करें। स्टीफन दुजारिक ने कहा, "हमारे मानवीय सहयोगियों का कहना है कि इस धनराशि का उद्देश्य अगले तीन महीनों के लिए 10 लाख लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करना है।" उन्होंने कहा कि लेबनान में मानवीय समन्वयक इमरान रिज़ा ने चेतावनी दी है कि पर्याप्त संसाधनों के बिना पूरे देश की आबादी को उस सहायता के बिना छोड़ देने का जोखिम है जिसकी उन्हें तत्काल आवश्यकता है।


बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों ने छह आतंकियों को ढेर किया

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सुरक्षा बलों ने एक अभियान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के छह आतंकवादियों को मार गिराया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ये आतंकवादी सुरक्षा बलों और बेगुनाह लोगों पर हमले करने में सीधे तौर पर शामिल थे। उन्हें ईरान एवं अफगानिस्तान से लगती सरहद के पास मार गिराया गया। ‘रेडियो पाकिस्तान’ ने खबर दी है कि यह साफ नहीं है कि यह कार्रवाई कब की गई है।

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, इन आतंकवादियों की मौत बीएलए के लिए बड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कामयाबी से पता चलता है कि आतंकवादियों की कमर टूट गई है। बलूचिस्तान कई वर्षों से उग्रवाद का केंद्र रहा है, जहां स्वतंत्रता की मांग कर रहे कई अलगाववादी समूह सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर हमला करते रहे हैं।

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