दुनियाः बांग्लादेश में अशांति का असर, होटलों में कमरे खाली और पीएम मोदी पोलैंड की यात्रा पर वारसॉ पहुंचे

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कहा कि देश की मौजूदा स्थिति लगभग सामान्य है, लेकिन कुछ चुनौतियां अब भी मौजूद है।तुर्की पुलिस ने बुधवार कोबुल्गारिया की सीमा के पास उत्तर-पश्चिमी प्रांत किर्कलारेली में 32 अवैध प्रवासियों को पकड़ा।

बांग्लादेश में अशांति का असर, होटलों में कमरे खाली और पीएम मोदी पोलैंड की यात्रा पर वारसॉ पहुंचे
बांग्लादेश में अशांति का असर, होटलों में कमरे खाली और पीएम मोदी पोलैंड की यात्रा पर वारसॉ पहुंचे
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नवजीवन डेस्क

बांग्लादेश में अशांति के कारण होटलों में कमरे खाली पड़े

बांग्लादेश में हाल ही में एक महीने से अधिक समय तक हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने राजधानी ढाका में आतिथ्य क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है और यहां कई महंगे और किफायती होटलों के अधिकतर कमरे खाली पड़े हैं। ढाका बांग्लादेश की राजनीतिक और वित्तीय राजधानी है और अंतरराष्ट्रीय होटल श्रृंखलाओं द्वारा प्रबंधित कई बड़े होटल यहां स्थित हैं जो बड़े पैमाने पर कारोबारी यात्रियों को सेवाएं प्रदान करते हैं।

इनमें से कई होटल के वरिष्ठ प्रबंधकों का कहना है कि अशांति का ‘‘सबसे ज्यादा असर’’ जुलाई में महसूस किया गया जब बड़ी संख्या में बुकिंग रद्द हुई जिसके परिणामस्वरूप ‘‘भारी वित्तीय नुकसान’’ हुआ। एक महंगे होटल के बिक्री विभाग में वरिष्ठ प्रबंधक ने नाम न उजागर करने की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘स्थिति अब थोड़ी बेहतर है लेकिन हमारे क्षेत्र में सामान्य स्थिति से कोसों दूर है क्योंकि अधिकतर कमरे खाली पड़े हैं। हालांकि, कारोबारी यात्रियों का एक वर्ग अशांति के बाद अब भी आ रहा है लेकिन कमरों में ठहरने वाले अतिथियों की संख्या में भारी गिरावट आयी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास विभिन्न श्रेणियों में 150 कमरे हैं। अभी करीब 35 कमरे ही भरे हुए हैं। यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है।’’ उन्होंने इलाके में चार-पांच अगस्त की स्थिति को याद किया जब अराजकता चरम पर पहुंच गयी थी जिसके कारण बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा था और बांग्लादेश में संकट पैदा हो गया था।

हालात बिगड़ने पर होटल प्रशासन को अपनी महिला कर्मचारियों को चार-पांच अगस्त को घर पर ही रहने को कहना पड़ा था जबकि पुरुष कर्मचारियों के ठहरने की व्यवस्था होटल परिसर में ही की गयी थी। पांच अगस्त को हसीना सरकार गिरने वाले दिन आयी चुनौतियों पर पांच सितारा होटल के वरिष्ठ प्रबंधक ने कहा कि उस दिन अतिथियों में जर्मनी, रूस, स्विट्जरलैंड, भारत और बांग्लादेश के नागरिक शामिल थे और होटल में कूटनीतिक समुदाय के कुछ सदस्य भी थे।उन्होंने कहा, ‘‘हमने होटल सील करके उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की और किसी को भी बाहर जाने या अंदर आने नहीं दिया। प्रदर्शनकारियों ने होटल इमारत तक मार्च भी किया लेकिन ‘‘हमारी संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।’’

अन्य होटल के कर्मचारियों ने भी ऐसी ही कहानी बयां की। इनमें से एक आलीशान होटल में काम करने वाले एक भारतीय नागरिक ने मंगलवार शाम को बताया कि उन्हें ‘‘अभी तक कोई समस्या नहीं हुई है’’ और इसलिए वह ढाका में ही रुके हुए हैं। ढाका में स्थित किफायती या तीन सितारा होटलों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। गुलशन इलाके में करीब 25 साल पुराने होटल लेक कैसल में 19 अगस्त तक महज ‘‘छह कमरे बुक हुए।’’ होटल के एक वरिष्ठ प्रबंधक ने कहा, ‘‘हमारे पास सुइट समेत 71 कमरे हैं लेकिन अतिथि नहीं आ रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हालात में सुधार आएगा। इससे हमारे कामकाज पर असर पड़ा है।’’ आतिथ्य बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख घटक है और इसका मुख्य केंद्र होने के नाते ढाका वर्तमान स्थिति का प्रभाव झेल रहा है।

पीएम मोदी पोलैंड की दो दिवसीय यात्रा पर वारसॉ पहुंचे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को अपनी दो देशों की यात्रा के पहले चरण में पोलैंड के वारसॉ पहुंचे। वे पोलैंड में दो दिन रहेंगे। पोलैंड में अपने प्रवास के दौरान मोदी राष्ट्रपति आंद्रेज सेबेस्टियन डूडा से मिलेंगे और प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। पीएम मोदी की यह यात्रा पिछले 45 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली पोलैंड यात्रा है। इसके बाद वे यूक्रेन की राजधानी कीव भी जाएंगे और यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ विचार साझा करेंगे।

इससे पहले दिन में रवाना होने से पहले अपने बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “लोकतंत्र और बहुलवाद के प्रति हमारी आपसी प्रतिबद्धता दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करती है। मैं, हमारी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अपने मित्र प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मिलने के लिये उत्सुक हूं।” उन्होंने कहा, “पोलैंड की मेरी यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब हमारे राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 वर्ष पूरे हो रहे हैं। पोलैंड मध्य यूरोप में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है।” मोदी ने कहा, “मैं पोलैंड में जीवंत भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ भी बातचीत करूंगा।”


बांग्लादेश में हालात सामान्य लेकिन चुनौतियां बरकरार

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कहा कि देश की मौजूदा स्थिति लगभग सामान्य है, लेकिन कुछ चुनौतियां अब भी मौजूद है। उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित देश में गहन सुधार लाने के बाद स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराए जाएंगे। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने यहां विदेश सेवा अकादमी में मीडिया से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की।

आलम से जब पूछा गया कि बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति क्या है और क्या यह सामान्य हो रही है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस विदेशी पत्रकारों से कह रहे हैं कि ‘आप सभी स्थानों जैसे ग्रामीण क्षेत्रों या ढाका के बाहर के शहरों या औद्योगिक क्षेत्रों का दौरा करें, आप स्वयं स्थिति देखें और निर्णय लें कि यह सामान्य है या नहीं।’’ प्रेस सचिव ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि स्थिति सामान्य है...कुछ चुनौतियां हैं।’’ उन्होंने कहा कि सभी पुलिस थाने फिर से खुल गए हैं और वहां फिर से कार्य हो रहा है। हम मानते हैं कि यह (स्थिति) लगभग सामान्य है।

चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रेस सचिव ने कहा कि बांग्लादेश में ‘‘गहन सुधार’’ किए जाने के बाद स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जाएंगे। बांग्लादेश में अभूतपूर्व सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चली गईं, जबकि प्रदर्शनकारियों ने सरकार के पतन और उनके जाने को ‘‘विजय दिवस’’ बताया। हसीना पांच अगस्त को भारत पहुंचीं और फिलहाल वहीं रह रही हैं। हालांकि भारत में उनके दो सप्ताह से अधिक समय तक रहने से अटकलों का दौर शुरू हो गया है।

तुर्की ने बुल्गारिया सीमा के पास 32 अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार किया

तुर्की पुलिस ने बुधवार कोबुल्गारिया की सीमा के पास उत्तर-पश्चिमी प्रांत किर्कलारेली में 32 अवैध प्रवासियों को पकड़ा। यह जानकारी एक सरकारी चैनल ने दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सरकारी चैनल टीआरटी के हवाले से बताया कि उन्हें पिनार हिसार जिले के निकट एक प्रवर्तन अभियान के दौरान हिरासत में लिया गया। इस दौरान पुलिस ने एक ट्रक को रूकने का इशारा किया, जिसने चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया और भागने लगा। इसके बाद उसे बुल्गारिया के डेरेकोय सीमा द्वार तक पीछा कर गिरफ्तार कर लिया गया।

पीछा करने के बाद पुलिस ने ट्रक को रोका। इस दौरान ट्रक के पिछले हिस्से में विभिन्न देशों के 32 प्रवासी छिपे हुए थे। इसके बाद प्रवासियों को प्रांतीय सुरक्षा निदेशालय के प्रवासी तस्करी विरोधी विभाग में ले जाया गया। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स से यह भी पता चलता है कि हिरासत में लिया गया ट्रक ड्राइवर दो अलग-अलग अपराधों के लिए वांछित है। बता दें कि किर्कलारेली हाल ही में बुल्गारिया के रास्ते अवैध रूप से यूरोप में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले अनियमित प्रवासियों के लिए पसंदीदा मार्ग बन गया है। मानव तस्करी से निपटने के लिए पुलिस अक्सर इस मार्ग के प्रमुख बिंदुओं पर जांच करती है।


मिशेल ओबामा ने कमला हैरिस का जोरदार समर्थन किया

अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस का जोरदार समर्थन करते हुए उन्हें इस पद के लिए अब तक की सबसे योग्य व्यक्ति बताया। ‘डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन’ में मंगलवार रात अपने भाषण में मिशेल ने उपराष्ट्रपति हैरिस को ऐसी उम्मीदवार बताया, जिन्होंने मध्यमवर्गीय पृष्ठभूमि से आकर अपना रास्ता बनाया। हैरिस को उम्मीदवार बनाए जाने की सराहना करते हुए पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ने कहा, ‘‘अमेरिका में एक बार फिर उम्मीद की किरण जगी है।’’ डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर से आए पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपने स्थान पर खड़े होकर मिशेल ओबामा का जोरदार स्वागत किया।

हैरिस (59) बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार का नामांकन स्वीकार करेंगी। हैरिस का पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (78) से मुकाबला होगा। मिशेल ने कहा, ‘‘कमला हैरिस इस अवसर के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। वह राष्ट्रपति पद के लिए सबसे योग्य लोगों में से एक हैं। और यह उनकी मां, मेरी मां और शायद आपकी मां के लिए भी सबसे सम्मानजनक उपहार होगा।” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बात की परवाह नहीं है कि आप राजनीतिक रूप से किस रूप में पहचाने जाते हैं-चाहे आप डेमोक्रेट हों, रिपब्लिकन हों, स्वतंत्र हों या इनमें से कोई भी न हों, यह समय है कि हम उस बात के लिए खड़े हों जिसे हम अपने दिल में सही मानते हैं।’

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