दुनियाः पापुआ न्यू गिनी में दो जनजातियों में संघर्ष, 20 की मौत और म्यांमार में बाढ़ से 113 लोगों की मौत, 64 लापता

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपेक्षित संविधान संशोधन को न्यायपालिका को नियंत्रित करके उन्हें जेल में रखने का एक प्रयास बताया है। बांग्लादेश में तीन पत्रकारों और एक अन्य व्यक्ति को भारत जाने की कोशिश में गिरफ्तार किया गया है।

पापुआ न्यू गिनी में दो जनजातियों में संघर्ष, 20 की मौत, हजारों लोग विस्थापित
पापुआ न्यू गिनी में दो जनजातियों में संघर्ष, 20 की मौत, हजारों लोग विस्थापित
user

नवजीवन डेस्क

पापुआ न्यू गिनी में दो जनजातियों में संघर्ष, 20 की मौत

पापुआ न्यू गिनी में एक सोने की खदान के पास दो जनजातियों के बीच हुई भीषण लड़ाई में कम से कम 20 लोग मारे गए। इस संघर्ष की वजह से हजारों लोग इलाका छोड़ चुके हैं। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने स्थानीय समाचार पत्र पोस्ट-कूरियर के हवाले से बताया कि एंगा प्रांत की पोर्गेरा घाटी में लड़ाई पिछले सप्ताह शुरू हुई। अवैध खनन करने वाले दो गुटों के बीच विवाद हुआ और एक गुट ने दूसरे गुट के दो लोगों की हत्या कर दी। पोर्गेरा घाटी देश के सबसे बड़े स्वर्ण भंडारों में से एक है। पोस्ट-कूरियर की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 20 लोग मारे गए हैं, जिनमें दो स्थानीय खदान श्रमिक भी शामिल हैं। यह संख्या हर दिन बढ़ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक पोर्गेरा में 5,000 से अधिक लोगों का सामूहिक पलायन हुआ है।

स्थानीय समाचार पत्र द नेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस आयुक्त डेविड मैनिंग ने "बढ़ती कानून और व्यवस्था की समस्याओं" के कारण पोर्गेरा में बुनियादी ढांचे और निवासियों की सुरक्षा के लिए आपातकालीन आदेश जारी किए हैं। मैनिंग ने कहा, "सुरक्षाकर्मी निर्दोष लोगों की रक्षा के लिए ताकत का उचित इस्तेमाल करेंगे, सार्वजनिक रूप से कोई भी व्यक्ति जो आक्रामक हथियार लेकर चलता है, उसे खतरा माना जाएगा और उससे बलपूर्वक निपटा जाएगा।"

पुलिस आयुक्त ने कहा, "यह स्थिति अवैध खननकर्ताओं और गैरकानूनी तरीके से बसने वालों के सालों से रहने वालों को धमकाने और जबरन जमीन पर कब्जा करने के चलते पैदा हुई है।" एंगा के गवर्नर पीटर इपाटस ने रविवार को सरकार से पोर्गेरा घाटी में आपातकाल लागू करने की अपील की। उन्होंने कहा, "हिंसा की वजह से कई निर्दोष लोगों की जान चली गई, लोगों का विस्थापन हुआ, संपत्ति नष्ट हुई और स्थानीय निवासियों और व्यवसायों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।"

संवैधानिक संशोधन मुझे जेल में रखने का प्रयास: इमरान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को अपेक्षित संवैधानिक परिवर्तनों को खारिज किया और दावा किया कि यह न्यायपालिका को नियंत्रित करके उन्हें जेल में रखने का एक प्रयास है। जेल में बंद खान (71) ने यह टिप्पणी अदियाला जेल में पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान की, जहां वह पिछले साल अगस्त से बंद हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक खान ने कहा कि ‘‘संविधान संशोधन का उद्देश्य केवल मुझे जेल में रखना है। यह सब चुनावी धोखाधड़ी को छिपाने के लिए किया जा रहा है।’’

खान ने दावा किया कि यदि वास्तविक चुनाव परिणाम सामने आ गए तो सब कुछ उलट जाएगा। पीटीआई नेता खान ने दावा किया कि सरकार उच्चतम न्यायालय के डर से एक नयी संवैधानिक अदालत स्थापित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘संवैधानिक न्यायालय की स्थापना इसलिए की जा रही है क्योंकि वे उच्चतम न्यायालय से डरते हैं।’’ उन्होंने कहा कि नये संशोधन देश के भविष्य को नष्ट कर देंगे। उन्होंने कहा कि संशोधन के पीछे जो लोग हैं, उनका पैसा बाहर पड़ा है और सरकार में बैठे लोग स्वतंत्र न्यायपालिका नहीं देखना चाहते।

उन्होंने कहा, ‘‘अभिजात वर्ग के हित और देश के हित विरोधाभासी हैं।’’ खान ने यह भी दावा किया कि छह महीने में दुबई में 4,000 पाकिस्तानी कंपनियां पंजीकृत हुईं और देश को कर्ज लेकर चलाया जा रहा है, जो मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में आने वाली कठिनाइयों का मुख्य कारण है। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा की आलोचना करते हुए दावा किया कि सरकार ईसा को वापस लाने के लिए न्यायपालिका को नष्ट करना चाहती है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘उन्हें लगता है कि हम इसके खिलाफ चुप रहेंगे। अगर ऐसा होता है, तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे।’’


भारत भागने की कोशिश कर रहे तीन पत्रकार बांग्लादेश में गिरफ्तार

बांग्लादेश में तीन पत्रकारों और एक अन्य व्यक्ति को उस समय हिरासत में लिया गया जब वे मैमनसिंह जिले में सीमा के जरिये भारत जाने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। निजी चैनल ‘एकटूर टीवी’ के मुख्य संपादक पत्रकार मोजम्मल बाबू और ‘भोरेर कागोज’ के संपादक श्यामोल दत्ता समेत चार लोगों को सोमवार तड़के एक कार से भागने का प्रयास करते समय हिरासत में लिया गया। इन पत्रकारों को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार का करीबी माना जाता था और वे ढाका में ‘‘कई मामलों’’ का सामना कर रहे हैं।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हिरासत में लिए गए अन्य लोगों में ‘एकटूर टीवी’ के रिपोर्टर महबुर रहमान और ड्राइवर सलीम शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें सुबह छह बजे मैमनसिंह जिले के धोबौरा सीमा की जीरो लाइन के पास स्थानीय लोगों ने पकड़ा। बाद में ग्रामीणों ने उन्हें मैमनसिंह पुलिस के हवाले कर दिया। निजी चैनल ‘समय टीवी’ की खबर के मुताबिक बाबू और दत्ता पर स्थानीय लोगों द्वारा हमला किया गया और पुलिस के पहुंचने से पहले उनके पास मौजूद पैसे छीन लिए गए। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘वे अब हिरासत में हैं और थाने में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। हमने सुरक्षा चौकसी बढ़ा दी है।’’

अधिकारी ने कहा कि मैमनसिंह पुलिस संबंधित अधिकारियों का इंतजार कर रही है, जो उन्हें आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं के लिए ढाका ले जाएंगे। 21 अगस्त को ढाका में पुलिस ने एक अन्य पत्रकार दंपति फरजाना रूपा और शकील अहमद को उस समय गिरफ्तार किया, जब वे फ्रांस जाने वाले विमान में सवार होने की तैयारी कर रहे थे।

म्यांमार में बाढ़ से 113 लोगों की मौत, 64 लापता

म्यांमार में व्यापक बाढ़ के कारण 113 लोगों की मौत हो गई है और 64 लापता हैं। म्यांमार की राज्य प्रशासन परिषद की सूचना टीम ने यह जानकारी दी है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार बाढ़ ने ने-पी-ता, काया राज्य, कायिन राज्य, बागो , मैगवे, मांडले इलाकों समेत मोन और शान राज्य तथा अयेयारवाडी क्षेत्र को प्रभावित किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 14 सितंबर की शाम तक 72,900 से अधिक घर और 78,000 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं, जिससे देश भर में 320,000 से अधिक लोगों को अस्थायी आश्रय गृह में पनाह लेनी पड़ी।

सूचना टीम ने बताया कि सरकार प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास और बचाव कार्य चला रही है। इसके साथ ही बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास भी जारी है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने तातमादाव (म्यांमार सेना) ट्रू न्यूज इन्फॉर्मेशन टीम के हवाले से बताया कि शुक्रवार तक तूफान के बाद आई बाढ़ में 33 लोगों की मौत हो गई और 230,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि ने-पी-ता सहित देश भर में कुल 34 कस्बे बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। आपदा से 59,413 परिवारों के 236,649 लोग विस्थापित हुए हैं। पीड़ितों के लिए कुल 187 बाढ़ आश्रय स्थल बनाए गए हैं।


मध्य सूडान में अर्धसैनिक बलों के हमले में 40 नागरिकों की मौत

मध्य सूडान के एक गांव पर अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के हमले में करीब 40 नागरिक मारे गए। यह जानकारी गैर-सरकारी ग्रुप अबू गौता प्रतिरोध समिति ने दी। समिति ने एक बयान में कहा, "आरएसएफ ने गेजीरा राज्य के अबू गौता क्षेत्र के गौज अल-नका गांव पर हमला किया।" समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने समिति के बयान के हवाले से बताया कि आरएसएफ विस्थापित ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के लिए शव नहीं लौटा रहा है। इस वजह से गांव में कई शव खुले में पड़े हैं। समिति ने नागरिक समाज संगठनों से अपील की है वे आरएसएफ पर दबाव डाले ताकि लोगों को गांव में प्रवेश करने और मृतकों को दफनाने की अनुमति मिल सके।

आरएसएफ ने अभी तक हमले के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। दिसंबर 2023 में आरएसएफ ने गेजीरा राज्य पर नियंत्रण कर लिया था। यह तब हुआ जब सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) राज्य की राजधानी वाड मदनी से पीछे हट गए थे। 15 अप्रैल, 2023 से सूडान एसएएफ और आरएसएफ के बीच हिंसक संघर्ष में उलझा हुआ है। इस संघर्ष के परिणामस्वरूप कम से कम 16,650 लोगों की मौत हुई है और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia