दुनियाः ब्रिटेन ने ईरानी सैन्य अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया और ट्रंप की रैली के पास से बंदूकधारी गिरफ्तार
गाजा पट्टी में विस्थापित लोगों के टेंट को निशाना बनाकर की गई इजरायली एयर स्ट्राइक में 3 फिलिस्तीनी मारे गए और 40 से ज्यादा घायल हुए हैं। जापान में आम चुनाव से पहले एक सर्वे में सत्तारूढ़ एलडीपी जापानी मतदाताओं के बीच सबसे लोकप्रिय विकल्प बनकर उभरी है।
ब्रिटेन ने ईरानी सैन्य अधिकारियों और अंतरिक्ष एजेंसी पर प्रतिबंध लगाया
ब्रिटेन ने पश्चिमी एशिया को अस्थिर करने के प्रयासों में कथित संलिप्तता के लिए ईरानी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों और संगठनों पर सोमवार को नये प्रतिबंधों की घोषणा की। फॉरेन, कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस (एफसीडीओ) ने बताया कि एक अक्टूबर को इजरायल के खिलाफ ईरान के हमले के जवाब में ये नये प्रतिबंध लगाए गए हैं और इन प्रतिंबधों के जरिये उन वरिष्ठ शख्सियतों को निशाना बनाया गया है, जिन्होंने इस्लामिक रिब्लबिक ऑफ ईरान आर्मी, ईरान एअर फोर्स और आईआरजीसी इंटेलिजेंस ऑर्गोनाइजेशन में होते हुए ये सब किया।
‘फरजानेगन प्रोपल्शन सिस्टम डिजाइन ब्यूरो’ (एफपीएसडीबी) पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा। यह संगठन क्रूज मिसाइलों में इस्तेमाल किए जाने वाले हिस्सों को डिजाइन और उन्हें बनाने का काम करता है। इसके साथ ही ईरानी अंतरिक्ष एजेंसी पर भी प्रतिबंध लगाये गये हैं, जो बैलिस्टिक मिसाइल को बनाने में उपयोग की जाने वाली तकनीकों का विकास करती है। विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा, “बार-बार चेतावनी के बावजूद ईरान और उसके सहयोगियों के खतरनाक हमले पश्चिम एशिया में और अधिक तनाव पैदा कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइल हमले के बाद हम ईरान को जवाबदेह ठहरा रहे हैं और उन लोगों को बेनकाब करने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्होंने इन हमलों में मदद की। हम सहयोगियों और भागीदारों के साथ मिलकर ईरान की इन अस्वीकार्य धमकियों को चुनौती देने और पूरे क्षेत्र में तनाव कम करने को लेकर दबाव बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाना जारी रखेंगे।” लैमी ने यूरोपीय संघ (ईयू) विदेश मामलों की परिषद में भागीदारों के साथ ईरान के हमलों पर भी चर्चा की। उन्होंने सोमवार को परिषद में वार्ता के दौरान पूरे क्षेत्र में तनाव कम करने पर जोर दिया।
ट्रंप की कैलिफोर्निया रैली के पास से बंदूकधारी गिरफ्तार
अमेरिका के कैलिफोर्निया के कोचेला में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रैली के पास से एक संदिग्ध को बंदूक, कारतूस और कई फर्जी पासपोर्ट संग गिरफ्तार किया गया है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, 49 वर्षीय संदिग्ध वेम मिलर एक काले रंग की एसयूवी चला रहा था, जब उसे सुरक्षा चौकी पर पुलिसकर्मियों ने रोका। तलाशी के दौरान उसके पास से दो हथियार और एक "हाई-कैपेसिटी मैगजीन" बरामद हुई। यूएस सीक्रेट सर्विस ने दावा किया है कि ट्रंप "पर कोई खतरा नहीं था", साथ ही कहा कि इस घटना से सुरक्षा अभियानों पर कोई असर नहीं पड़ा है।
रिवरसाइड काउंटी शेरिफ के कार्यालय ने कहा कि मिलर को "बिना किसी घटना को अंजाम दिए" हिरासत में ले लिया गया और उस पर भरी हुई बंदूक और हाई-कैपेसिटी मैगजीन (उच्च क्षमता वाली मैगजीन) रखने का मामला दर्ज किया गया। स्थानीय शेरिफ ने संदिग्ध को "पागल" बताया और उनके कार्यालय ने कहा कि इस मुठभेड़ से ट्रंप या रैली में शामिल होने वालों की सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ा। जबकि रिवरसाइड काउंटी के शेरिफ चैड बियान्को ने कहा कि संदिग्ध के दिमाग में क्या चल रहा था, इस बारे में अनुमान लगाना असंभव है। उन्होंने कहा कि उन्हें "पूरा विश्वास है" कि उनके अधिकारियों ने ट्रंप की तीसरी हत्या की कोशिश को नाकाम किया। उन्होंने आगे कहा कि यह साबित करना असंभव है कि उस व्यक्ति का इरादा क्या था।
गाजा में विस्थापितों के टेंट पर इजरायली एयर स्ट्राइक में 3 की मौत, 40 घायल
गाजा पट्टी में विस्थापित लोगों के टेंट को निशाना बनाकर की गई इजरायली एयर स्ट्राइक में कम से कम तीन फिलिस्तीनी मारे गए। फिलिस्तीनी सूत्रों के अनुसार यह हमला सोमवार को डेर अल-बलाह में स्थित विस्थापित लोगों के टेंट पर हुआ। मेडिकल सूत्रों से पता चला कि इजरायली विमानों ने डेर अल-बलाह में अल-अक्सा शहीद अस्पताल के पास विस्थापित लोगों के टेंट को निशाना बनाया, जिसके परिणामस्वरूप तीन लोगों की मौत हो गई और 40 लोग घायल हो गए। गाजा में हमास द्वारा संचालित सरकारी मीडिया कार्यालय ने एक प्रेस बयान में हमले के लिए इजरायली सेना की निंदा की। निरंतर हिंसा के लिए इजरायली सेना और अमेरिकी प्रशासन दोनों को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार बयान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजरायल पर अपनी कार्रवाइयों को रोकने के लिए दबाव डालने की अपील की गई।
वहीं इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने सोमवार को कहा कि इजरायली वायु सेना ने डेर अल-बलाह क्षेत्र में एक कमांड और कंट्रोल सेंटर के अंदर एक्टिव आतंकवादियों पर 'सटीक हमला' किया। आईडीएफ के अनुसार, कमांड सेंटर एक परिसर के भीतर स्थित था, जिसका इस्तेमाल पहले शुहादा अल-अक्सा अस्पताल के रूप में होता था जिसे अल-अक्सा शहीद अस्पताल के रूप में भी जाना जाता है। परिसर का इस्तेमाल हमास के आतंकवादियों द्वारा आईडीएफ सैनिकों और इजरायल स्टेट के खिलाफ हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए हो रहा था। पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर एक बड़ा हमला किया था जिसमें करीब 1200 लोगों की मौत हुई थी जबकि 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया गया। ऐसा माना जाता है कि 100 से अधिक बंधक अब भी गाजा में है। इस हमले के बाद इजरायल ने हमास के कंट्रोल वाली गाजा पट्टी में सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी। अलजजीरा की सोमवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में इजरायली हमलों में कम से कम 42,289 लोग मारे गए हैं और 98,684 घायल हुए हैं।
जापान में आम चुनाव से पहले लोगों की पहली पसंद बनी एलडीपी
जापान में 27 अक्टूबर को आम चुनाव के लिए वोटिंग होनी है, उससे पहले ही एक सर्वे सामने आया है। इसके मुताबिक, जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) जापानी मतदाताओं के बीच सबसे लोकप्रिय विकल्प बनकर उभरी है। जापान के एक स्थानीय मीडिया हाउस ने आम चुनाव से पहले यह सर्वे किया है। क्योडो न्यूज के एक राष्ट्रव्यापी टेलीफोन सर्वे में 26.4 प्रतिशत मतदाताओं ने बताया कि वह प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के नेतृत्व वाली एलडीपी को वोट दे सकते हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने क्योडो न्यूज के हवाले से बताया कि 12.4 प्रतिशत मतदाता मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी को अपना वोट दे सकते हैं। इसके अलावा एलडीपी के गठबंधन सहयोगी कोमिटो को 6.4 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिल सकता है। वहीं, सर्वे में शामिल 33.2 प्रतिशत लोगों ने अपने वोट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
स्लश फंड घोटालों में चौतरफा आलोचना का सामना कर रही एलडीपी इशिबा के नेतृत्व में अपनी छवि को सुधारने में जुटी है। 65.2 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि वे अपने वोट डालने के दौरान स्लश फंड घोटाले के बारे में विचार करेंगे, 32.2 प्रतिशत ने संकेत दिया कि यह मामला उनके फैसले को प्रभावित नहीं करेगा। इशिबा के मंत्रिमंडल को 42 प्रतिशत रेटिंग मिली है, जबकि अस्वीकृति दर 36.7 प्रतिशत रही। सर्वे के मुताबिक, सिंगल सीट वाले जिलों में 46.6 प्रतिशत मतदाताओं ने अभी तक कुछ तय नहीं किया है, जबकि 28.5 प्रतिशत मतदाता ऐसे भी हैं, जो एलडीपी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर सकते हैं। वहीं, 22.9 प्रतिशत मतदाता विपक्षी उम्मीदवारों के लिए वोट कर सकते हैं।
सर्वे के अनुसार, 50.7 प्रतिशत मतदाताओं ने सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के बीच समान रूप से विभाजित संसद को प्राथमिकता दी। 27.1 प्रतिशत मतदाता चाहते हैं कि सत्तारूढ़ दल की सरकार बरकरार रहे। इसके अलावा 15.1 प्रतिशत मतदाताओं ने सत्ता में उलटफेर की संभावना जताई है। मतदाताओं के फैसलों पर असर डालने वाले मुख्य मुद्दे अर्थव्यवस्था, रोजगार और मुद्रास्फीति रहे, जिनका ज़िक्र 57.0 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने किया। पेंशन और सामाजिक सुरक्षा 38.4 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहे, जबकि राजनीतिक फंडिंग घोटाले 14.4 प्रतिशत के लिए चिंता का विषय थे।
तूफान मिल्टन के बाद अमेरिकी अस्पतालों में मेडिकल प्रोडक्ट्स की कमी
संयुक्त राज्य अमेरिका में हेल्थ केयर प्रोवाइडर को मेडिकल प्रोडक्ट्स की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। तूफान हेलेन और मिल्टन ने इंट्रावेनस (आईवी) फ्लुइड्स की सप्लाई चेन को गंभीर रूप से बाधित कर दिया है। अमेरिका में सबसे बड़े अस्पताल-बेस्ड रिसर्च एंटरप्राइज, मास जनरल ब्रिघम ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह रविवार से कम से कम बुधवार तक गैर-आपातकालीन, वैकल्पिक प्रक्रियाओं को स्थगित कर देगा। इसने कहा कि यह साफ नहीं है कि आईवी फ्लुइड्स की आपूर्ति कब सुधरेगी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, हेल्थकेयर लॉजिस्टिक्स कंपनी प्रीमियर इंक की तरफ से गुरुवार को जारी एक सर्वे के अनुसार, देश भर में 86 फीसदी से अधिक हेल्थ केयर प्रोवाइडर आईवी फ्लुइड्स की कमी का सामना कर रहे हैं। यह स्थिति तब शुरू हुई जब पिछले महीने के अंत में तूफान हेलेन ने उत्तरी कैरोलिना में बैक्सटर आईवी प्लांट को नुकसान पहुंचाया। इससे देश की 60 फीसदी आईवी सॉल्यूशन सप्लाई निकट भविष्य के लिए ऑफलाइन हो गई। अमेरिकी स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्री जेवियर बेसेरा ने 9 अक्टूबर को स्वास्थ्य सेवा नेताओं को लिखे पत्र में कहा कि आने वाले हफ्तों में सप्लाई 'बाधित रह सकती है' और तूफान मिल्टन 'पहले से ही कमजोर बाजार' को और अधिक बाधित कर सकता है। खाद्य और औषधि प्रशासन और बैक्सटर, वैकल्पिक आईवी, डायलिसिस और न्यूट्रिशन प्रोडक्ट की पहचान कर रहे हैं।
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