दुनियाः जापान में भीषण भूकंप, एक पोर्ट पर उठी सुनामी की लहर और बांग्लादेश में यूनुस बने अंतरिम सरकार के प्रमुख
ब्रिटेन में अप्रवासियों को निशाना बनाए जाने के खिलाफ गुरुवार को कई शहरों और कस्बों में हजारों की संख्या में नस्लवाद विरोधी प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद हिंसक घटनाओं में देश भर में 232 लोगों की मौत हुई है।
जापान में भीषण भूकंप के बाद मियाज़ाकी बंदरगाह पर आई सुनामी
राष्ट्रीय मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, जापान में 7.1 तीव्रता के भूकंप के बाद दक्षिणी मियाज़ाकी प्रान्त में मियाज़ाकी बंदरगाह पर 50 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी की लहरें आईं। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, जापान की मौसम एजेंसी (जेएमए) ने कहा कि मियाज़ाकी प्रान्त और दक्षिण-पश्चिमी जापान के अन्य क्षेत्रों में रिक्टर पैमाने पर 7.1 तीव्रता का भूकंप आया। जेएमए के अनुसार, क्यूशू और शिकोकू के द्वीपों पर मियाज़ाकी, कोच्चि, एहिमे, ओइता और कागोशिमा प्रान्तों के लिए सुनामी संबंधी चेतावनी जारी की गई है।
जेएमए ने कहा कि भूकंप के बाद दक्षिणी मियाज़ाकी प्रांत में मियाज़ाकी बंदरगाह पर 50 सेंटीमीटर की सुनामी की लहरें आईं। क्योडो न्यूज के अनुसार, भूकंप प्रभावित क्षेत्र के पास परमाणु संयंत्रों में कोई असामान्यता नहीं पाई गई। भूकंप के बाद, क्यूशू शिंकानसेन बुलेट ट्रेन सेवा रोक दी गई। मौसम एजेंसी के अनुसार, यह भूकंप स्थानीय समयानुसार शाम 4.43 बजे आया। भूकंप का केंद्र 30 किलोमीटर की गहराई पर दक्षिणी क्यूशू में ह्युगा-नाडा के पानी से दूर था। पहले इसकी तीव्रता 6.9 बताई गई थी, लेकिन बाद में संशोधित कर 7.1 कर दिया गया।
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख की शपथ ली
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली। यूनुस (84) को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने राष्ट्रपति भवन ‘बंगभवन’ में आयोजित एक समारोह में पद की शपथ दिलाई। वर्ष 2006 में नोबेल पुरस्कार पाने वाले यूनुस को मंगलवार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन द्वारा संसद भंग किए जाने के बाद अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया था। इससे पहले आरक्षण प्रणाली के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर चली गई थीं।
ब्रिटेन में हिंसा, नस्लवाद के विरोध में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी
ब्रिटेन में बीते कई दिनों से हिंसा हो रही है। अप्रवासियों को निशाना बनाया जा रहा है। इस बीच ब्रिटेन के कई शहरों और कस्बों में हजारों की संख्या में नस्लवाद विरोधी प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार रात 11 बजे तक दक्षिणपंथी समूहों के 100 से ज्यादा प्रदर्शन होने वाले थे। उनकी यह योजना विफल हो गई, क्योंकि पुलिस ने सख्ती से व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की थी। इसके बाद बड़ी संख्या में एंटी-रेसिज्म (नस्लवाद-विरोधी) प्रदर्शनकारी लंदन, ब्रिस्टल, ब्राइटन, बर्मिंघम, लिवरपूल, हेस्टिंग्स और वॉल्थमस्टो जैसे शहरों और कस्बों की सड़कों पर उमड़ पड़े। नस्लवाद विरोधी प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां थाम रखी थीं जिन पर लिखा था, 'फासीवाद और नस्लवाद को खत्म करो', 'शरणार्थियों का स्वागत है। दक्षिणपंथ को रोकें' और नफरत नहीं, प्यार करें'।
ब्राइटन में बहुत कम संख्या में दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारी आए लेकिन देखते ही देखते उनकी तुलना में भारी संख्या में नस्लवाद विरोधी विशाल भीड़ वहां पहुंच गई। यह ब्रिटेन के लिए राहत की बात है। कई दिनों से देश में मुसलमानों और आम तौर पर अप्रवासी आबादी को निशाना बनाकर दक्षिणपंथी विरोध प्रदर्शन चल रहे थे, जिस कारण पुलिस अधिकारी घायल हो गए, दुकानों को लूट लिया गया और शरणार्थियों के होटलों पर हमला किया गया था। इंटरनेट पर गलत जानकारी के हिंसा भड़की थी। जिसमें दावा किया गया था कि जुलाई के अंत में उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड के साउथपोर्ट में तीन बच्चों की हत्या करने वाला संदिग्ध एक मुस्लिम अप्रवासी था। यह संदिग्ध 17 वर्षीय एक्सल रुदाकुबाना था। इस पर हत्या का आरोप लगाया गया था। उपद्रव के बाद 100 से ज़्यादा दंगाइयों पर आरोप लगाए गए हैं और उनके मामलों को अदालती प्रक्रिया में तेजी से निपटाया गया है। बुधवार को तीन लोगों को जेल भेजा गया, जिनमें से एक को तीन साल की सजा सुनाई गई।
इजरायल हमास के नए प्रमुख सिनवार को बना सकता है निशाना
इजरायली खुफिया एजेंसियां गाजा स्थित अपने नेटवर्क से आतंकवादी समूह हमास के नवनियुक्त राजनीतिक प्रमुख याह्या सिनवार के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल कर रही हैं। सूत्रों ने बताया कि इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने सिनवार को खत्म करने के की बात दोहराई है। जानकारी के अनुसार, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया और शिन बेट प्रमुख रोनेन बार से मुलाकात की और उन्हें सिनवार को जल्द से जल्द खत्म करने की जरूरत से अवगत कराया।
ज्ञात हो कि रक्षा मंत्री गैलेंट ने सार्वजनिक रूप से याह्या सिनवार की हत्या का ऐलान किया था और कहा था कि इजरायली प्रतिष्ठान किसी भी कीमत पर इस खूंखार हमास नेता को मार गिराएगा। इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने सिनवार को हमास की ओर से राजनीतिक प्रमुख घोषित किए जाने के बाद एक प्रेस बयान में कहा था, "याह्या सिनवार एक आतंकवादी है, जो 7 अक्टूबर 2023 को इतिहास के सबसे क्रूर आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार है। याह्या सिनवार के लिए केवल एक ही जगह है, और वह मोहम्मद दीफ (हाल ही मारा गया हमास प्रमुख) और 7 अक्टूबर के बाकी आतंकवादियों के बगल में है। यही एकमात्र जगह है जिसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं और इसका इरादा कर रहे हैं।" इजरायल ने एक अगस्त को घोषणा की थी कि उसने हमास के सैन्य प्रमुख मोहम्मद दीफ को मार दिया है।
हगरी का बयान स्पष्ट संदेश है कि इजरायल तब तक चैन से नहीं बैठेगा जब तक वह सिनवार को खत्म नहीं कर देता। इजरायल के अनुसार, सिनवार 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हुए हमले के पीछे का व्यक्ति है। हमले में 1,200 इजरायली मारे गए थे और 251 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले जाया गया था। अपहृत लोगों में से 111 बंधक अभी भी गाजा में हैं। 39 बंधकों के पार्थिव शरीर भी नहीं सौंपे गए हैं। इजरायली खुफिया एजेंसियों ने पहले ही रिपोर्ट दी है कि याह्या सिनवार खान यूनिस क्षेत्र या राफा क्षेत्र में एक अंडरग्राउंड सुरंग नेटवर्क में छिपा हुआ है और इजरायली बंधकों से घिरा हुआ है।
सरकार गिरने के बाद से बांग्लादेश में 232 लोगों की मौत
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद हुई हिंसक घटनाओं में देशभर में कम से कम 232 लोगों की मौत हुई है। इसी के साथ जुलाई के मध्य में शुरू हुए आरक्षण विरोधी प्रदर्शन के बाद से मरने वालों का आंकड़ा 560 हो गया है। मीडिया में बृहस्पतिवार को आई खबरों में यह जानकारी दी गई है। हसीना ने अपने शासन के खिलाफ कई हफ्ते तक चले छात्रों के उग्र विरोध प्रदर्शन के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर भाग गईं।
‘प्रोथोम अलो’ अखबार के मुताबिक, हसीना के सत्ता से हटने के बाद बुधवार शाम तक कुल 232 लोगों की मौत हो चुकी थी। इससे पहले, 16 जुलाई से चार अगस्त तक सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था को लेकर हुए आंदोलन के दौरान हुई झड़पों में लगभग 328 लोग मारे गए थे। कुल मिलाकर, पिछले 23 दिनों में तकरीबन 560 लोग मारे गए। 232 में से ज्यादातर लोगों की मौत मंगलवार को हुई। कुछ लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
गाजीपुर में मंगलवार को काशीमपुर की उच्च सुरक्षा वाली जेल से करीब 209 कैदी भाग गए। जेल के सुरक्षाकर्मियों ने कैदियों को भागने से रोकने के लिए गोलियां चलाईं। जेल सूत्रों ने बताया कि इस घटना में तीन उग्रवादियों समेत छह लोगों की मौत हो गई। इस बीच, हसीना की अवामी लीग के दो नेताओं को देश से भागने की कोशिश करते समय हिरासत में ले लिया। इनकी पहचान राजशाही नगर निगम वार्ड पार्षद और राजशाही मेट्रोपोलिटन अवामी लीग के महासचिव रजब अली और उसके सहयोगी जाकिर हुसैन के तौर पर हुई है।
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