दुनियाः बेरूत में रिहायशी अपार्टमेंट पर इजरायली हमले में 10 की मौत और पाकिस्तान में पोलियो के मामले 50 पहुंचे
क्रेमलिन के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने आज कहा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन जल्द ही भारत का दौरा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लुला डा सिल्वा से मुलाकात की और समग्र द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।
बेरूत में रिहायशी अपार्टमेंट पर इजरायली हमले में 10 की मौत, 25 घायल
लेबनान के मध्य बेरूत में एक रेसिडेंशियल अपार्टमेंट को निशाना बनाकर की गई इजरायली एयर स्ट्राइक में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 25 अन्य घायल हो गए। यह जानकारी स्थानीय टीवी चैनल अल-जदीद ने दी। एयर स्ट्राइक में जकाक ब्लाट क्षेत्र के घनी आबादी वाले इलाके को निशाना बनाया गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाया गया और नागरिकों से रक्तदान करने की अपील की गई। यह लगातार दूसरा दिन था जब इजरायल ने मध्य बेरूत पर हमला किया। इजरायली हवाई हमलों से नागरिकों में खौफ पैदा हो गया है। कई लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं।
एयर स्ट्राइक का टारगेट क्या था यह अभी तक पता नहीं चल पाया है। रविवार को इजरायल ने सीरिया की बाथ पार्टी के ऑफस पर हवाई हमला किया। यह दफ्तर रास अल-नबा क्षेत्र और मध्य बेरूत के सोडेको स्क्वायर कमर्शियल सेंटर के बीच स्थित है। इस हमले में दो हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें दागी गईं, जिसमें हिजबुल्लाह के मीडिया प्रमुख मोहम्मद अफीफ और सात अन्य लोग मारे गए। रविवार शाम को इजरायल ने एक अन्य हमला किया। इस अटैक का टारगेट हिजबुल्लाह के दक्षिणी मोर्चे पर ऑपरेशन अधिकारी महमूद मादी था। हमले में बेरूत के मार एलियास स्ट्रीट पर मादी परिवार की एक इलेक्ट्रॉनिक दुकान पर हमला किया गया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
इजरायली सेना 23 सितंबर से लेबनान पर एयर स्ट्राइक कर रही है। उसने सीमा पार एक 'सीमित' जमीनी अभियान भी चलाया है, जिसका उद्देश्य कथित तौर पर हिजबुल्लाह को कमजोर करना है। वहीं लेबनानी ग्रुप भी इजरायल पर मिसाइलें दाग कर पलटवार कर रहा है। 8 अक्टूबर, 2023 को हिजबुल्लाह ने गाजा में हमास के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए इजरायल पर रॉकेट दागने शुरू किए थे। नवीनतम घटनाक्रम इसी संघर्ष का विस्तार है।
पाकिस्तान में पोलियो के सक्रिय मामले 50 तक पहुंचे
पोलियो को जड़ से मिटाने के लिए पाकिस्तान का संघर्ष जारी है। खैबर पख्तूनख्वा (केपी) और बलूचिस्तान प्रांतों से नए मामले सामने आने के बाद मंगलवार को देश में सक्रिय पोलियो मामलों की कुल संख्या 50 तक पहुंच गई। अब तक बलूचिस्तान से कम से कम 24 मामले, सिंध से 13, खैबर पख्तूनख्वा (केपी) से 11, पंजाब और इस्लामाबाद से एक-एक मामले सामने आए हैं। मंगलवार को एक बच्ची में वाइल्ड पोलियोवायरस (डब्ल्यूपीवी1) पाया गया, जो केपी के टैंक जिले से पोलियो वायरस का दूसरा मामला है।
पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों में पोलियो टीकाकरण अभियान का विरोध भी हो रहा है और यहां तक कि स्वास्थ्य कर्मियों पर भी हमला हुआ है जिसमें लोगों की जान भी गई। टारगेटेड अटैक के खत्म होने का कोई संकेत नहीं दिखने के कारण, पोलियो टीकाकरण अभियान को सुचारू रूप से चलाना लगभग असंभव हो गया है, जिससे बच्चों के संक्रमित होने की संभावना बढ़ गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के विभिन्न भागों में पोलियो के मामलों में उत्साहजनक गिरावट देखी गई है। हालांकि उसने चेतावनी दी है कि नवीनतम मामलों का पता चलना एक खतरनाक और चिंताजनक संकेत है। यह दर्शाता है कि कई जिलों में बच्चे अभी भी जोखिम में हैं।
पाकिस्तान और पड़ोसी अफगानिस्तान, दुनिया के दो ऐसे देश हैं जहां पोलियो अभी भी स्थानिक है। अतीत में, पाकिस्तान ने सालाना 300 मिलियन से अधिक ओरल वैक्सीन लगाए हैं। लेकिन यह बीमारी देश में अभी भी व्याप्त है। कई विश्लेषकों ने पोलियो वायरस के प्रसार को संभालने में पाकिस्तान सरकार की निरंतर नाकामी पर सवाल उठाए हैं। पाकिस्तान में पोलियो टीकाकरण अभियान के प्रति विरोध तब बढ़ा जब अमेरिकी जासूसी एजेंसी सीआईए ने देश में अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन का पता लगाने के लिए एक फर्जी हेपेटाइटिस टीकाकरण अभियान चलाया। दुनिया के सबसे वॉन्टेड आतंकवादियों में से एक, बिन लादेन को 2011 में केपी के एबटाबाद में यूएस नेवी सील के ऑपरेशन में मार दिया गया। कई धार्मिक नेताओं का यह भी मानना है कि पोलियो टीकाकरण की बूंदों में सूअर का मांस और शराब के अंश होते हैं, जो इस्लाम में निषिद्ध है।
भारत का दौरा करेंगे पुतिन, जल्द होगा तारीखों का ऐलान
क्रेमलिन के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत का दौरा कर सकते हैं। रूस की प्रमुख समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने पेस्कोव के हवाले से कहा, "मुझे उम्मीद है कि जल्द ही, बहुत जल्द ही हम उनकी (व्लादिमीर पुतिन) यात्रा की सटीक तारीखें तय कर लेंगे। आप जानते हैं कि हमारे नेता एक-दूसरे के यहां दौरे करते रहते हैं। इसलिए, निश्चित रूप से, प्रधानमंत्री मोदी की रूस की दो यात्राओं के बाद, अब राष्ट्रपति पुतिन के भारत आने की उम्मीद है।' पेस्कोव ने कहा, "हम इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हम इस यात्रा के लिए बहुत सावधानी से तैयारी शुरू करेंगे। हम इस क्षण को बहुत महत्व देते हैं। अभी मेरे पास कोई तारीख नहीं है।"
राष्ट्रपति के प्रेस सचिव ने यह भी बताया कि रूसी राष्ट्रपति के साथ अपने संबंधों के कारण भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पेसकोव ने कहा, "कम से कम वह (पीएम मोदी) सीधे तौर पर (रूसी राष्ट्रपति से) जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण है। इससे प्रधानमंत्री मोदी को स्थिति का निष्पक्ष मूल्यांकन करने का अवसर मिलता है, न कि बाहर से सूचना और प्रचार के दबाव में आने का।" उन्होंने यह बात स्पुतनिक की ओर से आयोजित 'भारतीय और रूसी मीडिया के बीच सहयोग के नए अवसर: भारत और रूस के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करना' विषय पर आयोजित एक मीटिंग में कही।
पेस्कोव के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति सभी देशों की मदद की बहुत सराहना करते हैं, खासकर उन देशों की जिनके साथ मास्को के अच्छे संबंध हैं, जैसे भारत। क्रेमलिन के प्रेस सचिव ने कह, "हम यूक्रेन में संघर्ष के समाधान को सुगम बनाने के उद्देश्य से सभी संभावित देशों के प्रयासों की वास्तव में सराहना करते हैं। खासकर जब ये प्रयास भारत जैसे हमारे महान दोस्तों की तरफ से आते हैं। इस अर्थ में, राष्ट्रपति पुतिन वास्तव में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हैं। वह इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं।"
पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुला से मुलाकात की, द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लुला डा सिल्वा से मुलाकात की और समग्र द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की तथा ऊर्जा, जैव ईंधन, रक्षा एवं कृषि जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता भी दोहराई। नाइजीरिया की दो दिवसीय यात्रा के बाद, रविवार को ब्राजील के रियो डी जेनेरियो शहर में पहुंचे मोदी ने यहां जी20 शिखर सम्मेलन से इतर लुला से मुलाकात की और जी20 की अध्यक्षता के दौरान ब्राजील द्वारा किये गए विभिन्न प्रयासों के लिए उनकी सराहना की।
लुला के साथ वार्ता के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मोदी ने कहा, ‘‘हमने दोनों देशों के बीच समग्र द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की तथा ऊर्जा, जैव ईंधन, रक्षा, कृषि आदि क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।’’ ब्राजील 19वें जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के साथ ‘जी20 ट्रोइका’ का हिस्सा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी के लिए राष्ट्रपति लुला को धन्यवाद दिया। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने ‘भूख और गरीबी के खिलाफ वैश्विक गठबंधन’ संबंधी ब्राजील की पहल को भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। चर्चा अक्षय ऊर्जा, जैव ईंधन, रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल प्रौद्योगिकी में अधिक सहयोग के अवसर तलाशने पर केंद्रित रही।’’
सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी का जी20 शिखर सम्मेलन स्थल पर राष्ट्रपति लुला ने गर्मजोशी से स्वागत किया था। मोदी के साथ-साथ चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन 18-19 नवंबर को रियो डी जेनेरियो शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं में शामिल हैं।
कैमरून में अलगाववादी लड़ाकों के घात लगाकर हमले में 3 की मौत
कैमरून के युद्धग्रस्त उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में अलगाववादियों के हमले में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। स्थानीय और सुरक्षा सूत्रों ने बताया की मृतकों में - एक सैनिक और दो नागरिक - शामिल हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्र के एक सुरक्षा सूत्र ने बताया कि नागरिक सोमवार की सुबह न्दु-फौम्बन सड़क पर गाड़ी चला रहे थे, तभी अलगाववादी लड़ाकों ने उन पर घात लगाकर हमला कर दिया। सूत्र ने सिन्हुआ को बताया, "उन्होंने (नागरिकों ने) सैनिक को लिफ्ट दी। रास्ते में झाड़ियों में छिपे अलगाववादियों ने उनकी कार पर गोलीबारी की, जिसमें तीन लोग मारे गए और दो अन्य घायल हो गए।"
सड़क पर अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया गया है, जहां हमले बार-बार हो रहे हैं। कैमरून के दो एंग्लोफोन क्षेत्रों उत्तरपश्चिम और दक्षिणपश्चिम में 2017 से अलगाववादी विद्रोह चल रहा है। सशस्त्र अलगाववादी बड़े पैमाने पर फ्रेंच बोलने वाले कैमरून से अलग होकर उत्तरपश्चिम और दक्षिणपश्चिम के अंग्रेजी बोलने वाले क्षेत्रों में एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाना चाहते हैं।