कोरोना के बेतहाशा बढ़ते केस के बीच WHO ने कही बड़ी बातें- अमेरिका और भारत जैसे देशों के लिए अलर्ट!
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने कहा कि दुनिया भर के नेता जिस तरह से महामारी से निपटने की कोशिश कर रहे हैं और कदम उठा रहे हैं उससे लोगों का भरोसा घटा है। कोरोना वायरस लोगों का सबसे बड़ा दुश्मन है, लेकिन दुनिया के कई जो कदम उठा रहे हैं, उससे ऐसा नहीं लगता।
कोरोना वायरस दुनिया भर में कहर बरपा रहा है। फिलहाल कहीं से कोई राहत की खबर नहीं आ रही है। उधर, डब्ल्यूएचओ ने जो बातें कहीं वह भारत समेत पूरी दुनिया के लिए चिंता की खबर है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख डॉ. टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस ने कहा कि दुनिया के बहुत सारे देश कोविड से निपटने के मामले में गलत दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोन संक्रमण के नए मामले बढ़ रहे हैं, इससे यह साबित होता है कि जिन उपायों की बात की जा रही है, उनका पालन नहीं हो रहा है।
प्रेस से बात करते हुए डॉ. टेड्रोस ने कहा कि दुनिया भर के नेता जिस तरह से महामारी से निपटने की कोशिश कर रहे हैं और कदम उठा रहे हैं उससे लोगों का भरोसा घटा है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस अब भी लोगों का सबसे बड़ा दुश्मन है, लेकिन दुनिया भर में कई देशों की सरकारें जो कदम उठा रही हैं, उससे यह पता नहीं चलता कि कोरोना को यह गंभीर खतरे के रूप में ले रही हैं।
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोना और मास्क पहनना कोरोना महामारी से बचने के कारगर तरीके हैं और इन्हें सभी को गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि भविष्य में ऐसा लगता नहीं है कि पहले की तरह सब कुछ सामान्य हो जाएगा। डॉ. टेड्रोस ने कहा कि अगर बुनियादी चीजों का पालन नहीं किया गया तो कोरोना थमेगा नहीं, वह बढ़ता ही चला जाएगा। यह बद से बदतर होता चला जाएगा।
डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन निदेशक माइक रायन ने कहा कि अमरीका में लॉकडाउन में ढील और कुछ इलाकों को खोलने से कोरोना संक्रमण के और तेजी से फैलने का खतरा है। लातिन अमरीका में एक लाख 45 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। खबरों में कहा जा रहा है कि मौत का आंकड़ा और बढ़ेगा, क्योंकि जितनी जरूरत है उतनी टेस्टिंग नहीं हो रही है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आकंड़ों के मुताबिक, अमरीका अभी कोरोना की मार सबसे ज्यादा झेल रहा है। यहां अब तक 33 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं और एक लाख 35 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
डॉ. रायन ने कहा कि हमें वायरस के साथ कैसे जीना है इसे सीखना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह उम्मीद करना कि वायरस को खत्म किया जा सकता है या कुछ महीनों में प्रभावी वैक्सीन तैयार हो जाएगी, इसमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी तक पता नहीं है कि कोरोना वायरस से ठीक होने वालों में इम्युनिटी बन रही या नहीं। उन्होंने कहा कि और अगर बन भी रही है तो यह नहीं पता है कि कब तक प्रभावी रहेगी।
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