अमेरिका में खुला सात दशक पुराना मॉब लिंचिंग का मामला
अमेरिका में इन दिनों 1940 के दशक के एक मामले पर बहस चल रही है जिसमें गोरे लोगों की एक भीड़ ने चार काले लोगों की जान ले ली थी। आज तक किसी दोषी को पकड़ा नहीं गया है।
1946 की गर्मियों की बात है। अमेरिका में अटलांटा से कुछ 50 किलोमीटर दूर दो किसान दंपतियों को सड़क पर रोका जाता है। भीड़ उन्हें घसीट कर गाड़ी से बाहर निकाती है और अपलाचे नदी तक ले जाती है। वहां गोली मार कर उनकी हत्या कर दी जाती है। मरने वाले काले किसान थे और मारने वाली भीड़ में सब गोरे लोग थे। कई महीनों तक एफबीआई इस मामले की छानबीन करती रही। 100 से भी ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए गए, लेकिन कातिलों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
मारे गए लोगों में 24 साल के रॉजर मैलकम, उनकी पत्नी डॉरोथी मैलकम, जॉर्ज डॉर्सी और उनकी पत्नी मे मुरे डॉर्सी शामिल थे। दरअसल जुलाई 1946 में रॉजर मैलकम का एक दूसरे किसान से झगड़ा हुआ। बात बहस से हाथापाई तक पहुंची और रॉजर ने उस व्यक्ति को चाकू मार दिया। व्यक्ति बुरी तरह घायल हुआ और रॉजर को जेल जाना पड़ा। बाद में यह मामला दो किसानों का झगड़ा ना रह कर गोरे और काले लोगों का विवाद बन गया। बावजूद इसके एक दूसरे गोरे किसान लॉय हैरिसन ने रॉजर को छुड़वाया और इसके लिए उस समय 600 डॉलर का जुर्माना भी भरा।
लॉय हैरिसन ही चारों लोगों को गाड़ी में ले जा रहे थे जब भीड़ ने गाड़ी को घेरा। दिलचस्प बात यह है कि इस दौरान लॉय को कोई चोट नहीं आई। बाद में लॉय ने एफबीआई से कहा कि वह भीड़ में किसी को भी नहीं पहचानता था। एफबीआई के रिकॉर्ड के अनुसार लॉय अमेरिका के नस्ली संगठन केकेके (कू क्लक्स क्लेन्समैन) का सदस्य था और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहा था। हालांकि इस मामले में एफबीआई के पास लॉय के खिलाफ कोई सुबूत नहीं था।
दिसंबर 1946 को इस मामले की फाइल बंद कर दी गई। अदालत को कोई भी दोषी नहीं मिला था। तब से ले कर अब तक इस फाइल को कई बार खोला और बंद किया जा चुका है। रिसर्चरों से ले कर एक्टिविस्ट तक सबकी इसमें रुचि रही है। इतिहासकार एंथनी पिच ने इन हत्याओं के बारे में एक किताब लिखी जिसका नाम था "द लास्ट लिंचिंग: हाउ अ ग्रूसम मास मर्डर रॉक्ड अ स्मॉल जॉर्जियन टाउन"। 2016 में यह किताब प्रकाशित हुई, लेकिन किताब छप जाने के बाद भी पिच इस मामले पर शोध करते रहे।
पिच के अनुरोध पर 2017 में एक निचली अदालत ने मामले की फाइल खोलने का आदेश दिया। लेकिन अमेरिका के न्याय मंत्रालय ने इसके खिलाफ अपील की। मंत्रालय का कहना था कि अदालत के फैसले सुरक्षित रखे जाते हैं। अमेरिका में अदालत में मामलों की सुनवाई किसी एक जज के सामने नहीं, बल्कि जूरी के सामने होती है और इसमें नागरिक भी शामिल होते हैं। जूरी सदस्यों के फैसलों को गुप्त रखा जाता है। सभी सदस्य आपस में मिल कर जो फैसला लेते हैं, केवल उसे ही सार्वजनिक किया जाता है।
इस साल फरवरी में अपील कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने निचली अदालत के फैसले को कायम रखने का निर्णय लिया, यानी पुरानी फाइल को खोलने की अनुमति मिल गई। पर साथ ही यह भी कहा कि पूरे मामले की सुनावाई एक बार फिर होगी। इस घोषणा के दो हफ्ते बाद पिच का निधन हो गया। वे 80 साल के थे। अब उनकी पत्नी मारियोन पिच उनकी ओर से मुकदमा लड़ रही हैं।
22 अक्टूबर से इस मामले में सुनवाई एक बार फिर शुरू हो गई है। इतने सालों बाद दोषी तो शायद नहीं मिलेंगे लेकिन इस मामले ने अमेरिका में एक नई बहस छेड़ दी है कि क्या जजों के पास पुराने मामलों को फिर से खोलने का हक होना चाहिए।
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