पाकिस्तान में अब सत्तारूढ़ गठबंधन में रार, PPP चुनाव से पहले हो सकती है अलग, गहराएगा सियासी संकट

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से कहा कि पीपीपी, पंजाब में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के खिलाफ भावनाओं को भुनाना चाहती है, जो सबसे अधिक आबादी वाला प्रांत है और जहां चुनावी जीत यह तय करती है कि देश पर शासन कौन करेगा।

पाकिस्तान में PPP चुनाव से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग हो सकती है
पाकिस्तान में PPP चुनाव से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग हो सकती है
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नवजीवन डेस्क

पाकिस्तान में एक बार फिर सियासी संकट गहराने के आसार दिख रहे हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) मौजूदा नीतियों से खुश नहीं है और सूत्रों के अनुसार देश में अक्टूबर में होने वाले आम चुनावों से पहले पीपीपी अलग होने की तैयारी में है। जरदारी की पीपीपी के इस कदम से देश में फिर सियासी संकट खड़ा होने के आसार हैं।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से कहा कि पीपीपी, पंजाब में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के खिलाफ भावनाओं को भुनाना चाहती है, जो सबसे अधिक आबादी वाला प्रांत है और जहां चुनावी जीत यह तय करती है कि देश पर शासन कौन करेगा। पीपीपी 2023-24 के संघीय बजट के पारित होने के बाद गठबंधन छोड़ने की घोषणा कर सकती है।


द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने पार्टी नेताओं के साथ परामर्श शुरू कर दिया है। सिंध प्रांत के पीपीपी द्वारा नियुक्त मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने बुधवार को प्रांतीय विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि संघीय सरकार ने पिछले साल की बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए आवंटन बढ़ा दिया है। लेकिन, पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी और सिंध सरकार अभी भी संतुष्ट नहीं हैं। केंद्र को सिंध के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए और अधिक धन उपलब्ध कराना चाहिए।

इससे पहले 17 जून को स्वात में एक रैली को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ सरकार में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने अपनी ही सरकार पर प्रस्तावित बजट में, पिछले साल की विनाशकारी बाढ़ का खामियाजा भुगतने वाले प्रांतों की, पूरी तरह से अनदेखी करने का आरोप लगाया था। बिलावल के इस बयान से ही गठबंधन सरकार से उनकी नाराजगी के संकेत मिल गए थे।

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