न्यूजीलैंड में 3 खालिस्तानी आतंकी दोषी करार, भारतीय मूल के रेडियो होस्ट की हत्या की साजिश से जुड़ा है मामला
न्यायमूर्ति मार्क वूलफोर्ड ने इस सप्ताह तीनों को सजा सुनाते हुए कहा कि उनके मन में रेडियो होस्ट के राजनीतिक विचारों और सिख धर्म की अधिक उदार व्याख्या के लिए नाराजगी थी।
न्यूजीलैंड में एक मशहूर भारतीय मूल के रेडियो होस्ट की हत्या के प्रयास के लिए तीन सिखों को सजा सुनाई गई है। तीनों को खालिस्तानी आतंकी बताया गया है। हमलावरों ने 40 से अधिक बार चाकू मारा था। उपचार के दौरान घायल को 350 से अधिक टांके लगाने पड़ थे और कई सर्जरी हुई थीं। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रेडियो विरसा में डीजे हरनेक सिंह ऑकलैंड सिख समुदाय में धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं। उन पर 23 दिसंबर, 2020 को वाटल डाउन्स ड्राइववे में घात लगाकर हमला किया गया।
न्यूजीलैंड हेराल्ड अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, मामले में 27 वर्षीय सर्वजीत सिद्धू को हत्या के प्रयास का दोषी ठहराया और उसे साढ़े नौ साल की कैद की सजा सुनाई गई। 44 वर्षीय सुखप्रीत सिंह को हत्या के प्रयास में सहायक होने का दोषी पाया गया और छह महीने की घरेलू नजरबंदी की सजा सुनाई गई।
इस प्रकार 48 वर्षीय मुख्य आरोपी को हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था और उसे लंबी जेल की सजा दी गई। उसे नौ साल की न्यूनतम अवधि के कारावास के साथ साढ़े 13 साल की सजा सुनाई गई है।
न्यायमूर्ति मार्क वूलफोर्ड ने इस सप्ताह तीनों को सजा सुनाते हुए कहा कि उनके मन में रेडियो होस्ट के राजनीतिक विचारों और सिख धर्म की अधिक उदार व्याख्या के लिए नाराजगी थी। देश में हत्या के प्रयास की अधिकतम सजा 14 साल है। हरनेक, जो सुनवाई में शामिल नहीं हुए हरनेक ने एक बयान लिखा, जिसे अभियोजकों ने अदालत में पढ़ा।
उन्होंने लिखा, “जब सूरज ढल जाता है तो मेरे परिवार को हर दिन डर का सामना करना पड़ता है। मेरी पत्नी और बच्चे को आश्चर्य होता है कि क्या कोई छाया में छिपा है, हमारे घर की ओर देख रहा है, हम पर फिर से हमला करना चाहता है। हम एक लापरवाह, सहज और मौज-मस्ती करने वाले परिवार से ऐसे परिवार में चले गए, जो लगातार मेरी सुरक्षा को लेकर डर में रहता है।''
द ऑस्ट्रेलिया टुडे के अनुसार, मुख्य आरोपी द्वारा प्रचारित खालिस्तान समर्थक विचारधारा को चुनौती देने के कारण हरनेक पर हमला किया गया था। उन्होंने तीनों प्रतिवादियों को सीधे संबोधित करते हुए लिखा: “तुम मुझे मारने आए थे। तुमने मुझे चुप कराने की कोशिश की. आप उन सभी को एक डरावना संदेश भेजना चाहते थे, जो आपके अपरंपरागत धार्मिक विचारों से असहमति व्यक्त करते हैं। पर तू फ़ेल हो गया। मैं हमेशा की तरह अपनी राय और विश्वास व्यक्त करना जारी रखूंगा।"
मामले में जोबनप्रीत सिंह और हरदीप सिंह संधू को अगले साल की शुरुआत में सजा सुनाई जाएगी। जोबनप्रीत को हमले में चाकू चलाने का दोषी पाया गया, और हरदीप को हरनेक का पीछा करके हमलावरों की मदद करने का दोषी पाया गया। दो अन्य आरोपी जगराज सिंह और गुरबिंदर सिंह को बरी कर दिया गया, क्योंकि उनके और दो अन्य लोगों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं थे।
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