जलवायु परिवर्तन से निपटने के उपायों में तेजी लाने की जरूरत, WHO के विशेषज्ञ बोले- अभी रफ्तार काफी धीमी

क्लूज ने मिस्र में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी 27) के प्रतिभागियों से इस दिशा में तेजी से कार्य करने का आग्रह करते हुए कहा, जलवायु परिवर्तन और इससे उत्पन्न संकट स्पष्ट रूप से स्वास्थ्य आपात स्थिति है।

फोटो: ians
फोटो: ians
user

नवजीवन डेस्क

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक हैंस क्लूज ने एक बयान में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों को खतरनाक रूप से असंगत और बहुत धीमा बताया है। क्लूज ने मिस्र में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी 27) के प्रतिभागियों से इस दिशा में तेजी से कार्य करने का आग्रह करते हुए कहा, जलवायु परिवर्तन और इससे उत्पन्न संकट स्पष्ट रूप से स्वास्थ्य आपात स्थिति है। डब्ल्यूएचओ समेत अन्य संगठन भी मामले में कई बार चेता चुके हैं। इसलिए और अधिक नियोजित तरीके से कार्य करने की जरूरत है।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार गर्म हवाओं और तेजी से बढ़ते तापमान आदि से निपटने के लिए क्लूज ने सख्त कदम उठाने का आह्वान किया।

क्लूज के अनुसार पिछली गर्मियों में यूरोप के जंगलों में लगी विनाशकारी आग 2007 के बाद से सबसे अधिक कार्बन उत्सर्जन का कारण बनी। इससे प्रदूषित हो रही हवा लोगों की जान ले रही है।


उन्होंने चेतावनी दी कि अत्यधिक तापमान के कारण गर्मी बढ़ती है, जो यूरोप में मौसम से संबंधित मौत का प्रमुख कारण बन गया है।

क्लूज ने डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2022 में यूरोप में गर्मी से 15 हजार से अधिक लोगों ने दम तोड़ दिया।

उन्होंने कहा पिछले साल, बाढ़, तूफान आदि घटनाओं ने पांच लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया।

क्लूज ने विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यूरोप दुनिया में सबसे तेजी से गर्म होने वाला इलाका है, जहां 50 वर्षों में अधिक गर्मी के कारण 1 लाख 48 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई।

क्लूज के अनुसार उनका संगठन किसी भी जलवायु परिवर्तन योजना में स्वास्थ्य को शामिल करने के लिए डब्ल्यूएचओ के सदस्यों के सामूहिक प्रयासों की अपेक्षा रखता है।

उन्होंने कहा, अगर हमें जलवायु संकट से अपने क्षेत्र और पूरी पृथ्वी को बचाना है, तो हमें इस दिशा में तत्काल कार्य करने की आवश्यकता है।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia