पाकिस्तान में मुहर्रम की शुरुआत के साथ आतंकी हमले तेज, दो घटनाओं में 5 पुलिस जवान और एक नागरिक की मौत
आतंकी हमलों को देखते हुए सिंध, बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब के साथ गिलगित-बाल्टिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के अधिकारियों ने सरकार से देश भर में मुहर्रम जुलूस के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेना के जवानों की तैनाती का अनुरोध किया है।
पाकिस्तान में मुहर्रम का महीना शुरू होते ही खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत और उसके आसपास के कबीलाई इलाकों में आतंकवादी हमलों का खतरनाक दौर शुरू हो गया है। खैबर और पेशावर में हुए दो अलग-अलग हमलों में कुल पांच पुलिस जवानों और एक नागरिक की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हैं। मुहर्रम का महीना नए इस्लामिक वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है, जो गुरुवार से शुरू हुआ है। यौम-ए-आशूरा 29 जुलाई को मनाया जाएगा।
ताजा हमले में खैबर जिले के बारा इलाके में दो आत्मघाती विस्फोटों में तीन पुलिसकर्मी और एक नागरिक की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, पुलिस की वर्दी पहने दो आत्मघाती हमलावर एक कार में सवार होकर बारा में तहसील कार्यालय परिसर में पहुंचे और कंटीले तारों की बाड़ को काटकर परिसर में घुस गए और ताबड़तोड़ गोलियां चलाने लगे।
एक प्रांतीय पुलिस अधिकारी ने कहा कि जैसे ही घुसपैठियों ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाईं, दो आत्मघाती हमलावरों ने मुख्य द्वार से परिसर में प्रवेश करने का प्रयास किया। जवाबी कार्रवाई में, वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने आत्मघाती हमलावरों पर गोलियां चला दीं, इससे दोनों की मौत हो गई। गोलीबारी के कारण दोनों आत्मघाती हमलावरों के विस्फोटकों से भरे जैकेट में विस्फोट हो गया, इसके परिणामस्वरूप कार्यालय की इमारत का एक हिस्सा ढह गया।
इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) आतंकवादी समूह के एक गुट जमात-उल-अहरार ने ली थी। यह घटना पेशावर के रेगी मॉडल टाउन इलाके में एक हमले में दो पुलिसकर्मियों के मारे जाने और दो अन्य लोगों के घायल होने के कुछ ही घंटों बाद हुई। खूंखार आतंकी संगठन टीटीपी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
संभावित हमलों को देखते हुए अधिकारियों ने देश भर में मुहर्रम जुलूस के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तानी सेना के जवानों की तैनाती की घोषणा की है। सिंध, बलूचिस्तान, केपी और पंजाब प्रांतों के साथ-साथ गिलगित-बाल्टिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के अधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर सरकार से कानून और व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना तैनात करने का अनुरोध किया है। संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत, सेना की टुकड़ियों और नागरिक सशस्त्र बलों की टुकड़ियों की तैनाती को अधिकृत किया गया है।
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