श्रीलंका: देश को मुश्किल में देख क्रिकेट के हीरो संगाकारा, जयवर्धने और जयसूर्या बने जिंदगी के हीरो
आमतौर पर क्रिकेटर और अन्य सेलिब्रिटीज इन मसलों से बचते हुए नजर आते हैं। ऐसे में देखा जाए तो श्रीलंका के इन तीनों क्रिकेट खिलाड़ियों ने एक मिसाल पेश की है।
श्रीलंका में फैले सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए 10 दिन के लिए आपातकाल की घोषणा की गई है। इस बीच श्रीलंका के तीन दिग्गज क्रिकेटरों महेला जयवर्धने, कुमार संगाकारा और सनत जयसूर्या ने हिंसा की निंदा करते हुए देशवासियों से शान्ति बनाए रखने की अपील की।
आमतौर पर क्रिकेटर और अन्य सेलिब्रिटीज इन मसलों से बचते हुए नजर आते हैं। ऐसे में देखा जाए तो श्रीलंका के इन तीनों क्रिकेट खिलाड़ियों ने एक मिसाल पेश की है। इतना ही नहीं, उनके संदेश की भाषा और व्यक्त किए गए उनके विचार भी काफी मजबूत हैं। इन संदेशों में वे न सिर्फ देश की एकता पर जोर दे रहे हैं, बल्कि सारे समुदायों के बीच आपसी सौहार्द को भी जरूरी बता रहे हैं।
श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कुमार संगाकारा ने ट्वीट कर कहा, “श्रीलंका में किसी भी व्यक्ति को अपनी जाती या धर्म के कारण हाशिए पर नहीं धकेला जा सकता है। हम एक हैं और हमारा देश एक है। प्रेम, विश्वास और स्वीकृति हमारी मुख्य धारणा होनी चाहिए। नस्लवाद और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। सभी एक साथ खड़े हों और खुद को मजबूत करें।”
माहेला जयवर्धने के विचार भी कुछ ऐसे ही थे। उन्होंने ट्वीट किया, “मैं हिंसक घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। इसमें शामिल प्रत्येक व्यक्ति को न्याय के कठघरे में लाना चाहिए, फिर चाहे वे किसी भी जाति, धर्म या समुदाय के क्यों न हों। मैं ऐसे समय पला-बढ़ा जब देश गृह-युद्ध के दौर से गुजर रहा था। यह लगातार 25 वर्षों तक चला था। मैं नहीं चाहता कि आने वाली पीढ़ी वैसे ही हालात से गुजरे।”
श्रीलंका के धुआंधार खिलाड़ी रहे सनत जयसूर्या ने भी ट्वीट किया, “श्रीलंका में हिंसा की गतिविधियों को होते हुए देखना काफी तकलीफदेह है। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और चाहता हूं कि दोषियों को सजा मिले। इस मुश्किल समय में मैं श्रीलंका के लोगों से अपील करता हूं कि वे साथ रहें और होशियारी से काम लें।”
पिछले दो महीने के भीतर गॉल में मुसलमानों की कंपनियों और मस्जिदों पर हमले की लगभग 20 घटनाएं हो चुकी हैं। श्रीलंकाई सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, श्रीलंका सरकार ने सांप्रदायिक हिंसा फैलाने वाले लोगों के खिलाफ ‘कठोर कार्रवाई’ करने के लिए एक देशव्यापी आपातकाल लागू किया है।
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