दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा ने दिया इस्तीफा, भारतीय मूल के करीबी गुप्ता बंधुओं पर पुलिस के छापे
जुमा ने एएनसी के नए नेता उप राष्ट्रपति सायरिल रमाफोसा के लिए पद छोड़ने के बढ़ते दबाव के बीच इस्तीफे की घोषणा की है। 75 वर्षीय नेता 2009 से सत्ता पर काबिज थे। उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं।
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुबा ने बुधवार को पद से इस्तीफा दे दिया। जुमा ने टेलीविजन पर प्रसारित देश के नाम संबोधन में तत्काल प्रभाव से अपने इस्तीफे की घोषणा की।
जुमा ने एएनसी के नए नेता उप राष्ट्रपति सायरिल रमाफोसा के लिए पद छोड़ने के लिए बढ़ते दबाव के बीच अपने इस्तीफे की घोषणा की है।
75 वर्षीय नेता जो 2009 से सत्ता पर काबिज थे, उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं।
उन्होंने अपने इस्तीफे से पहले लंबा भाषण दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि एएनसी जिस प्रकार से उनके साथ व्यवहार कर रही है, उससे वे सहमत नहीं हैं।
बीबीसी के मुताबिक, उन्होंने कहा कि उन्हें अविश्वास प्रस्ताव का कोई डर नहीं है। उन्होंने साथ ही कहा, "मैने अपनी पूरी क्षमता के साथ दक्षिण अफ्रीका के लोगों की सेवा की है।"
जुमा ने कहा कि एएनसी में हिंसा और फूट ने उन्हें पद छोड़ने पर मजबूर किया है।
उन्होंने कहा, "मेरे कारण किसी की जान नहीं जानी चाहिए और न ही मेरे नाम पर एएनसी में फूट होनी चाहिए। इसलिए मैंने तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।"
उन्होंने कहा, "हालांकि मैं अपने संगठन के नेतृत्व के फैसले से सहमत नहीं हूं। मैं हमेशा से एएनसी का एक अनुशाषित सदस्य रहा हूं।"
उन्होंने कहा कि वह पद छोड़ने के बाद भी पूरी जिंदगी दक्षिण अफ्रीका के लोगों और एएनसी की सेवा करते रहेंगे।
दूसरी तरफ राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा के करीबी भारतीय मूल के कारोबारी गुप्ता बंधुओं के घर पर दक्षिण अफ्रीकी पुलिस ने बुधवार को छापेमारी की।
गुप्ता बंधुओं पर आरोप है कि वे राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा के कार्यकाल के दौरान हुए कथित घोटाले में शामिल थे। उन पर कैबिनेट नियुक्तियों पर भी असर डालने का आरोप है।
पुलिस के मुताबिक, अब तक जिन तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है उसमें गुप्ता बंधुओं का एक अन्य भाई भी शामिल है।
गुप्ता बंधुओं का ताल्लुक उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से है। अजय, अतुल और राजेश गुप्ता नाम के तीन भाई दक्षिण अफ्रीका में अपना कारोबार चलाते हैं। 1993 में वे दक्षिण अफ्रीका जाकर बस गए थे।
उसके बाद जोहान्सबर्ग में सहारा कंप्यूटर के नाम से कंप्यूटर और कंप्यूटर पार्ट्स बनाने वाली कंपनी तीनों भाईयों ने मिलकर शुरू की। और धीरे-धीरे वे व्यापार और राजनीति में काफी ताकतवर हो गए।
खबर यह भी है कि राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा के कई रिश्तेदार गुप्ता बंधुओं की कपंनी में काम करते हैं।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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