पीएम शेख हसीना के इस्तीफे के बाद और बिगड़े हालात, सेना का दावा, जल्द बनेगी अंतरिम सरकार
सेना ने जल्द से जल्द अंतिम सरकार गठन करने का ऐलान किया है। देश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने सोमवार को ये घोषणा की। देश के नाम एक टेलीविजन संबोधन में, बांग्लादेश सेना प्रमुख ने नागरिकों से सेना पर भरोसा बनाए रखने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे देने और देश छोड़ने के बाद भी बांग्लादेश में हालात बेकाबू हैं। इसी बीच वहां भीषण आगजनी और हिंसा की खबरें आ रही है। प्रदर्शनकारियों ने बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को भी नहीं बक्सा है, उनकी मूर्ति को तोड़ा गया है। एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें प्रदर्शनकारी बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति तोड़ते हुए भी देखे गए हैं। इससे पहले शेख हसीना देश छोड़ दिया, उन्हें एक हेलिकॉप्टर से देश से बाहर जाते देखा गया।
बांग्लादेश में ताजा हिंसा 5 अगस्त को शुरू हुई। सुबह-सुबह बंग्लादेश के अलग-अलग इलाकों में देशव्यापी कर्फ्यू को दरकिनार करते हुए प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए और शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच झड़पें शुरू हो गईं। प्रदर्शन ने इतना उग्र रूप ले लिया कि पुलिस और छात्रों के बीच भी हिंसा भड़क उठी। इससे पहले रविवार को हुई हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई चुकी है।
वहीं सेना ने जल्द से जल्द अंतिम सरकार गठन करने का ऐलान किया है। देश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने सोमवार को ये घोषणा की। देश के नाम एक टेलीविजन संबोधन में, बांग्लादेश सेना प्रमुख ने नागरिकों से सेना पर भरोसा बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि रक्षा बल आने वाले दिनों में शांति सुनिश्चित करेंगे।
इससे पहले, कई रिपोर्टों से संकेत मिले कि सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के ढाका में प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास में घुसने के बाद हसीना "सुरक्षित स्थान" के लिए रवाना हो गईं। रविवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में 100 से अधिक लोगों की मौत और 1000 से अधिक घायल होने के बाद ये घटनाक्रम आया है।
बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक 'द डेली स्टार' ने बताया, "सरकार विरोधी प्रदर्शनों में अब तक मरने वालों की कुल संख्या केवल तीन हफ्ते में 300 को पार कर गई, जो बांग्लादेश के नागरिक आंदोलन के इतिहास में सबसे खूनी दौर है।"
छात्र आंदोलन ने पिछले कई हफ्तों में प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार पर भारी दबाव डाला है।
छात्र स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 1971 में गृहयुद्ध में पाकिस्तान से बांग्लादेश ने स्वतंत्रता हासिल की थी, जिसमें ढाका के अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तानी सैनिकों और उनके समर्थकों द्वारा नरसंहार में 30 लाख लोग मारे गए थे।
विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया, जिसके बाद छात्र नेताओं ने विरोध प्रदर्शन रोक दिया था, लेकिन छात्रों ने कहा कि सरकार ने उनके सभी नेताओं को रिहा करने की मांग को नजरअंदाज कर दिया, इसलिए प्रदर्शन फिर से शुरू हो गए।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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