राजनयिकों से जासूसी कराने के आरोप में बुरी तरह घिरा रूस, अब फ्रांस भी अपने देश से बाहर करने की तैयारी में
इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉं ने यूक्रेन के बूचा पर रूसी हमले को बर्दाश्त के बाहर बताया था। कीव से 60 किलोमीटर दूर बूचा पर रूसी हमले के बाद मेयर ने बताया कि शहर में एक ही जगह पर 300 लाशें दफन मिली हैं। इसी के बाद रूस की चौतरफा निंदा शुरू हो गई।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर अपने राजनयिकों के जरिये कई देशों में जासूसी कराने के आरोप लगने के बाद कई देशों ने रूसी राजनयिकों को बाहर कर दिया है। इसी क्रम में अब फ्रांस भी रूस के रायनयिकों को देश से बाहर करने की तैयारी में है। फ्रांस के विदेश मंत्री ने कहा है कि देश के सुरक्षा हितों के खिलाफ गतिविधि के कारण रूस के कई राजनयिकों को फ्रांस से बाहर निकालने का निर्णय लिया गया है।
चीन की संवाद समिति शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय ने इस संबंध में वक्तव्य जारी किया है। मंत्रालय ने हालांकि यह नहीं बताया है कि रूस के कितने राजनयिकों को देश से बाहर निकाला जाएगा, लेकिन ये स्पष्ट तौर पर कहा है कि रूस के कई राजनयिकों को फ्रांस से बाहर निकालने का निर्णय लिया गया है।
इससे ठीक पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने यूक्रेन के शहर बूचा पर रूस के हमले को बर्दाश्त के बाहर करार दिया था और उनके इसी बयान के बाद रूस के राजनयिकों को देश से बाहर निकालने का निर्णय लिया गया है। कीव से 60 किलोमीटर दूर बूचा शहर पर किये गए रूस के हमले के बाद वहां के मेयर ने बताया कि शहर में एक ही जगह पर 300 लाशें दफन मिली हैं। इसी के बाद रूस की चौतरफा निंदा शुरू हो गई।
इससे पहले जर्मनी ने भी सोमवार को रूस के कई रायनयिकों को देश से बाहर कर दिया और लिथुआनिया ने भी रूस के राजदूत को यूक्रेन पर हमले के विरोध में देश से बाहर कर दिया है। इनसे पहले नीदरलैंड्स, बेल्जियम समेत कई अन्य यूरोपीय देश भी अपने यहां से कई रूसी राजनयिकों को बाहर निकाल चुके हैं।
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