रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के अंतरिम राष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभाली, व्यवस्था बहाली के लिए लोगों से मांगा सहयोग
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़कर भाग जाने के बाद पैदा हुए राजनीतिक संकट को हल करने के लिए अगले राष्ट्रपति उम्मीदवार का नामांकन लेने और 225 सांसदों के बीच चुनाव कराने के लिए 16 जुलाई को संसद की बैठक बुलाई गई है।
गंभीर आर्थिक के साथ राजनीतिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को द्वीप राष्ट्र के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने प्रधान न्यायाधीश जयंत जयसूर्या के समक्ष शपथ ली। एक दिन पहले, श्रीलंकाई स्पीकर महिंदा यापा ने आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की घोषणा की थी।
अतंरिम राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के बाद रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि दक्षिण एशिया के सबसे पुराने लोकतंत्रों में से एक के रूप में, मैं सभी राजनीतिक दलों और लोगों से लोकतांत्रिक प्रथाओं का पालन करने और मौजूदा स्थिति को हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने में सहायता करने का आग्रह करता हूं।
श्रीलंका में तत्कालीन राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़कर भाग जाने के बाद पैदा हुए राजनीतिक संकट को हल करने के लिए अगले राष्ट्रपति उम्मीदवार का नामांकन लेने और फिर 225 सांसदों के बीच चुनाव कराने के लिए शनिवार 16 जुलाई को संसद की बैठक बुलाई गई है। संकटग्रस्त देश में महंगाई 50 फीसदी से ज्यादा है।
एक दिन पहले गोटाबाया राजपक्षे ने मालदीव से सिंगापुर पहुंचने के कुछ क्षण बाद ही स्पीकर को अपना इस्तीफा ई-मेल के जरिये भेजा था। द्वीप राष्ट्र में भोजन, ईंधन की कमी और अर्थव्यवस्था के गलत संचालन को लेकर महीनों से लोगों का प्रदर्शन चल रहा है, जो इस हफ्ते जन विरोध में बदल गया। कोलंबो की सड़कों पर प्रदर्शकारियों का सैलाब उमड़ पड़ा, जिसने राष्ट्रपति भवन, कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास और संसद पर धावा बोलकर कब्जा कर लिया था।
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