नेपाल में गिरी प्रचंड की सरकार, विश्वास मत हारे, केपी शर्मा ओली ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया

देश की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में पीएम प्रचंड को 63 वोट मिले, जबकि विश्वासमत प्रस्ताव के विरोध में 194 वोट पड़े। विश्वासमत हासिल करने के लिए कम से कम 138 वोट की जरूरत थी। प्रतिनिधि सभा के 258 सदस्यों ने मतदान में भाग लिया, जबकि एक सदस्य अनुपस्थित रहा।

नेपाल में गिरी प्रचंड की सरकार, विश्वास मत हारी, केपी ओली ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया
नेपाल में गिरी प्रचंड की सरकार, विश्वास मत हारी, केपी ओली ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया
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नवजीवन डेस्क

नेपाल में आज एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की सरकार गिर गई। प्रचंड की सरकार संसद में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाई। विश्वास मत हारने के बाद प्रचंड ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। घटनाक्रम के बाद देर शाम पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया।

इससे पहले आज पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के संसद में बहुमत साबित करने में विफल रहने के कुछ घंटे बाद नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने राजनीतिक दलों से बहुमत साबित करने के लिए रविवार शाम की समयसीमा के साथ नयी सरकार बनाने का दावा पेश करने को कहा था।पौडेल के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘राष्ट्रपति पौडेल ने प्रतिनिधि सभा के सदस्यों से निचले सदन में दो या दो से अधिक राजनीतिक दलों के समर्थन के साथ बहुमत दिखाते हुए प्रधानमंत्री पद के लिए दावा पेश करने का आह्वान किया।’’

इसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ने सदन के सदस्यों से रविवार शाम पांच बजे तक निचले सदन में प्रतिनिधित्व करने वाले दलों के समर्थन से बहुमत पेश करने का आह्वान किया है। इससे पहले, राष्ट्रपति ने नई सरकार बनने तक प्रचंड से कार्यवाहक के रूप में प्रधानमंत्री पद पर बने रहने को कहा। इस घटनाक्रम से पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली (72) के नेतृत्व में नयी गठबंधन सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त होता प्रतीत हो रहा है।


नई सरकार के गठन के लिए राष्ट्रपति का आह्वान तब आया जब प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष देव राज घिमिरे ने उन्हें सूचित किया कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ शुक्रवार दोपहर सदन में शक्ति परीक्षण हार गए। विश्वासमत हासिल करने में प्रचंड की विफलता के मद्देनजर राष्ट्रपति पौडेल ने संवैधानिक और कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श किया। देश की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 69 वर्षीय प्रचंड को 63 वोट मिले, जबकि विश्वासमत प्रस्ताव के विरोध में 194 वोट पड़े। विश्वासमत हासिल करने के लिए कम से कम 138 वोट की जरूरत थी। प्रतिनिधि सभा के 258 सदस्यों ने मतदान में भाग लिया, जबकि एक सदस्य अनुपस्थित रहा।

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-माओइस्ट सेंटर (सीपीएन-एमसी) के अध्यक्ष प्रचंड 25 दिसंबर, 2022 को पद संभालने के बाद चार बार विश्वास मत हासिल करने में सफल रहे, लेकिन इस बार उन्हें असफलता मिली। पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) ने सदन में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के साथ सत्ता साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद पिछले सप्ताह प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।

नेपाली कांग्रेस के पास प्रतिनिधि सभा में 89 सीट हैं, जबकि सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीट हैं। इस तरह दोनों की संयुक्त संख्या 167 है, जो निचले सदन में बहुमत के लिए आवश्यक 138 से कहीं अधिक है। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा पहले ही अगले प्रधानमंत्री के रूप में ओली का समर्थन कर चुके हैं। देउबा और ओली ने प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार को अपदस्थ करने और नयी गठबंधन सरकार बनाने के लिए सोमवार को सात सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

समझौते के अनुसार, ओली और देउबा प्रतिनिधि सभा की शेष अवधि के दौरान बारी-बारी से प्रधानमंत्री पद साझा करेंगे। पहले चरण में ओली डेढ़ साल के लिए प्रधानमंत्री बनेंगे और उसके बाद बाकी अवधि के लिए देउबा प्रधानमंत्री रहेंगे। प्रचंड की पार्टी के पास प्रतिनिधि सभा में 32 सीट हैं। वह सीपीएन-यूएमएल के समर्थन से 25 दिसंबर 2022 को तीसरी बार प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए थे। नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल ने राष्ट्रपति द्वारा नई सरकार के गठन के लिए आह्वान किए जाने के बाद अपने गठबंधन की सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है।

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