इजरायलः बहुमत के लिए गठबंधन बनाने में नाकाम रहे पीएम नेतन्याहू, दोबारा होंगे आम चुनाव
आम चुनाव में सबसे ज्यादा सीट जीत कर फिर से सरकार बनाने के करीब पहुंचे पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अंततः बहुमत जुटाने में असफल रहे। इजरायल के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया नेता गठबंधन नहीं बना पाया।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सरकार बनाने के लिए जरूरी गठबंधन करने में असफल रहने के बाद इजरायली सांसदों ने संसद ‘नेसेट’ को भंग करने की सिफारिश करते हुए सितंबर में दोबारा चुनाव कराने का आवाह्न किया है। इजरायल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया नेता गठबंधन नहीं बना पाया।
इजरायल में इसी साल मार्च में आम चुनाव हुए थे, जिसके अप्रैल में आए नतीजों में पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिलीं, लेकिन वह बहुमत से दूर रही। इसके बाद वे दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन बनाने में भी नाकाम रहे। सरकार गठन में देरी के चलते बुधवार को सांसदों ने संसद भंग करने का प्रस्ताव पारित कर दिया। अब 17 सितंबर को एक बार फिर इजराइल में आम चुनाव होंगे।
फिलहाल कार्यकारी प्रधानमंत्री और लिकुड पार्टी के अध्यक्ष नेतन्याहू को संसद भंग करने के लिए 75-45 के बहुमत से वोट मिला, जिसने संसद के स्पीकर रियूविन रिवलिन को नेतन्याहू के संभवतः मुख्य विपक्षी बेनी गेंट्ज को सरकार बनाने का आमंत्रण देने की स्थिति से बचा लिया। रिवलिन ने इससे पहले चेतावनी दी थी कि नेतन्याहू अगर सरकार गठन में असमर्थ होते हैं, तो उन्हें दूसरे पक्ष को सरकार बनाने या दोबारा चुनाव कराने के विकल्पों में से एक चुनना होगा। लेकिन बुधवार शाम वोट पड़ने से यह नौबत नहीं आई।
अप्रैल में आए चुनावी नतीजों में प्रधानमंत्री नेतन्याहू की पार्टी को 35 सीटों पर जीत मिली थी। देश की दूसरी दक्षिणपंथी पार्टी ब्लू एंड व्हाइट ने भी 34 सीटों पर कब्जा जमाया था। उम्मीद जताई जा रही थी कि दोनों पार्टी साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाएंगी। लेकिन दोनों के बीत कई मुद्दों पर सहमति नहीं हो पाने देश में बहुमत की सरकार नहीं बन पाई।
खास बात ये है कि इजरायल में आज तक किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। यहां अब तक की सभी सरकारें गठबंधन की ही रही हैं। ऐसे में इजरायल के इतिहास में यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया कोई नेता गठबंधन बनाने में नाकाम रहा। अब नेतन्याहू ही चुनाव होने तक देश की कमान संभालेंगे।
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