दुनिया की 5 बड़ी खबरें: पाक SC ने डेनियल हत्याकांड के आरोपी की रिहाई के दिए आदेश और 59 ऐप्स बैन से तिलमिलाया चीन!
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अहमद उमर सईद शेख को रिहा करने का आदेश दिया, जो 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या का मुख्य आरोपी है और भारत सरकार के 59 चीनी एप्स को हमेशा के लिए बंद किए जाने के फैसले पर चीन तिलमिलाया हुआ है।
पाक सुप्रीम कोर्ट ने डेनियल पर्ल हत्याकांड के आरोपी की रिहाई का दिया आदेश
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहमद उमर सईद शेख को रिहा करने का आदेश दिया, जो 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या का मुख्य आरोपी है। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने सिंध प्रांतीय सरकार की ओर से सिंध हाईकोर्ट (एसएचसी) द्वारा आरोपी व्यक्तियों को रिहा करने के फैसले के खिलाफ दायर की गई अपील को खारिज कर दिया। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष अदालत ने सिंध हाईकोर्ट (एसएचसी) के फैसले के खिलाफ सिंध सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें शेख की सजा को पलटने की बात कही गई है। अपने फैसले में न्यायमूर्ति मुशीर आलम की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने संदिग्ध को रिहा करने का निर्देश दिया। पीठ में शामिल केवल एक सदस्य ने फैसले का विरोध किया। यह फैसला सिंध सरकार द्वारा एसएचसी के उस फैसले को चुनौती देने के बाद आया है, जिसमें 2 अप्रैल को मुख्य आरोपी अहमद उमर सईद शेख की मौत की सजा को सात साल कर दिया गया, जबकि तीन अन्य लोग जो उम्रकैद की सजा काट रहे थे, उन्हें रिहा कर दिया गया था। हालांकि सिंध प्रांतीय सरकार ने एमपीओ अध्यादेश 1960 के तहत चारों लोगों की तत्काल हिरासत का आदेश दिया।
59 ऐप्स पर बैन पर चीन ने कहा- भारत के भेदभावपूर्ण कदम का करेंगे विरोध
भारत सरकार के 59 चीनी एप्स को हमेशा के लिए बंद किए जाने के फैसले पर चीन तिलमिलाया हुआ है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि वह अपनी फर्मों के साथ किसी भी तरह के भेदभाव और प्रतिबंधों का विरोध करेगा। ऑनलाइन ब्रीफिंग में जब प्रवक्ता गाओ फेंग से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि चीन ने भारतीय अधिकारियों से प्रतिबंध को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है और आशा करता है कि दोनों देश खुले और समान व्यापारिक वातावरण बनाने के लिए काम करेंगे। भारत ने सुरक्षा कारणों से टिकटॉक समेत 59 चीनी एप पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने इन एप्स को लोगों की निजता की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था जिसके बाद भारत सरकार ने जून में इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद सरकार ने इन कंपनियों को जवाब देने के लिए नोटिस दिया गया था। जिसके बाद इन कंपनियों ने जवाब दिया था लेकिन सरकार इससे संतुष्ट नहीं हुई थी और इन्हें हमेशा के लिए बंद करने का फैसला लिया गया।
एस्ट्राजेनेका के कोरोना वैक्सीन प्लांट के पास संदिग्ध पैकेट बरामद
ब्रिटेन स्थित दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका के कोरोना वैक्सीन प्लांट के पास कुछ संदिग्ध पैकेट बरामद किए गए हैं। जिसको लेकर कंपनी ने अपना बयान जारी किया है। एस्ट्राजेनेका की ओर से कहा गया है कि उसके ब्रिटेन के रेक्सहम स्थित वैक्सीन प्लांट के पास संदिग्ध पैकेट मिला। जिसकी जानकारी पुलिस को दी गई। इस मामले की जांच नॉर्थ वेल्स पुलिस ने शुरू कर दी है। कंपनी ने साफ किया है कि इससे प्लांट के भीतर के कामकाज पर फर्क नहीं पड़ा है। वैक्सीन उत्पादन पहले की तरह जारी है, उसे रोका नहीं गया है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि पैकेट मिलने के बाद इसकी जांच हुई और इसके बाद हमने कर्मचारियों को प्लांट में आने की इजाजत दे दी। सुरक्षा के लिहाज से जो कदम जरूरी थे, वो उठाए गए। हालांकि इससे वैक्सीन के उत्पादन पर कोई असर नहीं हुआ है और कामकाज ठीक से चल रहा है।
ताईवान हमारा अभिन्न हिस्सा : चीन
चीनी प्रतिरक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू छ्येन ने 28 जनवरी को आयोजित न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि ताईवान जलडमरूमध्य क्षेत्र में चीनी जन मुक्ति सेना की सैन्य कार्रवाई वर्तमान सुरक्षा स्थिति को लेकर राष्ट्रीय प्रभुसत्ता की रक्षा करने में की जाने वाली जरूरी कार्रवाई है। यह बाहरी शक्तियों के चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप और ताईवान की स्वाधीनता संबंधी उत्तेजना का गंभीर जवाब है। वू छ्येन ने कहा कि राष्ट्रीय पुनरुत्थान और राष्ट्रीय एकता आम रुझान और नागरिकों की इच्छा है। ताईवान की स्वाधीनता का मतलब है युद्ध। ताईवान चीन की प्रादेशिक भूमि का एक अभिन्न भाग रहा है। ताईवान का मामला चीन का अंदरूनी मामला है, जिसमें बाहरी ताकतों को हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं है। चीनी जन मुक्ति सेना राष्ट्रीय प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता की रक्षा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।
इंडोनेशिया में 647 चिकित्सा कर्मियों की कोविड-19 से मौत
इंडोनेशिया मेडिकल एसोसिएशन ने गुरुवार को जानकारी दी कि इंडोनेशिया में मार्च 2020 से नोवल कोरोनावायरस के कारण करीब 647 चिकित्साकर्मियों की मौत हो गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इन 647 मेडिकल कर्मचारियों में से 289 डॉक्टर, 27 दंत चिकित्सक, 221 नर्स, 84 दाई, 11 फार्मासिस्ट और 15 मेडिकल लैब स्टाफ के सदस्य थे। एसोसिएशन के मीटिगेशन टीम के प्रमुख अदीब खुमैदी ने कहा कि कोविड-19 टेस्ट के लिए क्लीनिकों की कम संख्या से महामारी की पर्याप्त देखरेख नहीं हुई और कई चिकित्साकर्मी वायरस के संपर्क में आ गए। खुमैदी ने कहा, "इंडोनेशिया में परीक्षणों की संख्या अब कुल आबादी का 5 प्रतिशत से कम है।"
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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