इमरान को बेदखल करेगी पाक सेना? मीटिंग कर रहे आर्मी चीफ बाजवा
पाकिस्तानी सेना अब आर्थिक मामलों में भी दखल देने लगी है। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को उबारने के लिए सैन्य नेतृत्व ने सरकार के हाथों से कमान छीनकर अपने हाथों में ले ली है। इमरान खान सरकार की सत्ता पर पकड़ कमजोर पड़ती जा रही है।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेदह खराब है। उसकी अर्थव्यस्था धीरे-धीरे और भी कमजोर होती जा रही है। पाकिस्तान का बजट घाटा तीन दशकों में सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुका है। हर कोशिश के बाद भी इमरान खान सरकार इस स्थिति से उबरने में कामयाबी नहीं मिल रही है। ऐसे में इमरान सरकार पर अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कोई बेहतर उपाय नहीं कर पाने का इल्जाम भी लगने लगा है।
यही वजह है कि पाकिस्तानी सेना अब आर्थिक मामलों में भी दखल देने लगी है। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को उबारने के लिए सैन्य नेतृत्व ने सरकार के हाथों से कमान छीनकर अपने हाथों में ले ली है। इमरान खान सरकार की सत्ता पर पकड़ कमजोर पड़ती जा रही है। वहीं पाक सेना कमान अपने हाथ में लेने की कोशिश में है।
आलम यह है कि पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए कारोबारी नेताओं से गोपनीय मुलाकातें कर रहे हैं। पाकिस्तान की वित्तीय राजधानी कराची और रावलपिंडी के सैन्य कार्यालय में ऐसी तीन मुलाकातें हो चुकी हैं। बाजवा के इस तरह से व्यापारियों के साथ की गई बैठक ने पड़ोसी मुल्क में तख्तापलट की अटकलों को भी तेज कर दिया है।
पाकिस्तान के मशहूर अखबार 'डॉन' में छपी खबर के मुताबिक, बुधवार को पाकिस्तान चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के साथ पाकिस्तान के कारोबारियों ने मुलाकात की थी। खबर है कि यह मुलाकात रावलपिंडी के आर्मी हाउस में की गई थी। मुलाकात के बाद देश के बड़े बिजनेस लीडर्स ने सेना प्रमुख के साथ डिनर भी किया। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने बैठक की जानकारी देते हुए एक प्रसे नोट जारी किया। इसके अनुसार पाकिस्तान की आतंरिक सुरक्षा उसके व्यापार से जुड़ी है। सेना की वर्दी में दिखाई देने वाले बाजवा बैठक में सूट-बूट में नजर आए।
गौरतलब है कि 1947 में पाकिस्तान के बनने के बाद से सेना ने कई बार तख्तापलट किया है। पाक सेना प्रमुख बाजवा के इस तरह बैठक करने की खबर मिलते ही पाकिस्तान में एक बार फिर से तख्तापलट की सुगबुगाहट तेज हो गई है। जानकारों को कहना है कि इमरान खान से पाकिस्तानी नागरिक भी नाराज हैं और वो नए विकल्प की तलाश में हैं। ऐसे में पाकिस्तान में तख्तापलट की कोशिशें की जा सकती हैं।
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Published: 04 Oct 2019, 11:30 AM