पाकिस्तानः शहबाज शरीफ ने दिया इमरान को एक और झटका, गठबंधन सरकार ने बातचीत की पेशकश ठुकराई
पीएमएल-एन के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ ने भी ट्विटर पर कहा कि बातचीत केवल राजनेताओं के साथ होती है। उन्होंने कहा, आतंकवादियों और तोड़फोड़ करने वालों के साथ कोई बातचीत नहीं होगी, जो शहीदों के स्मारकों को जलाते हैं और देश को आग लगाते हैं।
पाकिस्तान में चौतरफा संकट में घिरे पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने आम चुनाव की तारीख पर सहमति बनाने के लिए शहबाज सरकार के साथ बातचीत के उद्देश्य से सात सदस्यीय वार्ता दल का गठन किया है। लेकिन के सत्तारूढ़ दलों ने इमरान की बातचीत की पेशकश को ठुकरा दिया है। सत्तारूढ़ दलों ने कहा है कि बातचीत आतंकवादियों के साथ नहीं बल्कि राजनेताओं के साथ होती है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, सरकार की कार्रवाई ने पीटीआई को एक अस्तित्व के संकट में डाल दिया है। पीटीआई के दर्जनों प्रमुख नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा 9 मई को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुई तोड़फोड़ और देश और सेना की संपत्तियों को आग लगाने के बाद सरकार ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है।
इस बीच इमरान के प्रस्ताव का जवाब देते हुए सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ ने ट्विटर पर कहा कि बातचीत केवल राजनेताओं के साथ होती है। उन्होंने कहा, आतंकवादियों और तोड़फोड़ करने वालों के साथ कोई बातचीत नहीं होगी, जो शहीदों के स्मारकों को जलाते हैं और देश को आग लगाते हैं।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, एक बयान में संघीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि राज्य पर हमला करने वालों को दंडित किया जाता है, उनसे बातचीत नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि शहीदों के स्मारकों को अपवित्र करने वालों से बातचीत करना शहीदों का अपमान है। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस, अस्पताल, स्कूल जलाने और युवाओं के दिमाग में जहर भरने के बाद इमरान खान बातचीत चाहते हैं, उनके साथ कोई बातचीत नहीं होगी।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, मरियम औरंगजेब ने कहा कि गैर-राजनीतिक पार्टियां पीटीआई की तरह बिखर जाती हैं। इमरान ने बातचीत का आह्वान तब किया है जब उनकी पार्टी के नेताओं ने उन्हें छोड़ दिया है। उन्होंने खान को याद दिलाया कि उन्होंने अर्थव्यवस्था, कश्मीर, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों, कोविड-19 और एफएटीएफ के मुद्दे पर विपक्ष से बात नहीं की थी, लेकिन अब वह बातचीत के लिए आग्रह कर रहे हैं।
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