एक आंख और एक हाथ से लाचार हुए सलमान रुश्दी, हमले के बाद से अभी भी अस्पताल में हैं भर्ती

रुश्दी के एजेंट ने हालांकि यह कहने से इनकार कर दिया कि द सैटेनिक वर्सेज के 75 वर्षीय लेखक अभी भी अस्पताल में हैं या नहीं। हालांकि उन्होंने कहा कि वह ठीक हो रहे हैं और यह महत्वपूर्ण है। वाइली ने चोटों को गहरा बताते हुए कहा कि यह एक क्रूर हमला था।

फोटोः सोशल मीडिया
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डॉयचे वेले

चर्चित लेखक सलमान रुश्दी अगस्त में हुए जानलेवा हमले में अपनी एक आंख और एक हाथसे लाचार हो गए हैं। उनके एजेंट एंड्रयू वाइली ने स्पेनिश अखबार अल पाइस को बताया कि इस साल अगस्त में न्यूयॉर्क में एक साहित्यिक कार्यक्रम के दौरान हमले के कारण उनकी एक आंख की रोशनी चली गई और उनका एक हाथ भी अक्षम हो गया। वाइली ने अखबार से कहा कि उनकी गर्दन पर तीन गंभीर घाव हैं। हमले के कारण एक आंख और एक हाथ अक्षम है और छाती और धड़ में लगभग 15 और जख्म हैं।

वाइली ने चोटों को गहरा बताते हुए कहा कि यह एक क्रूर हमला था। रुश्दी के एजेंट ने हालांकि यह कहने से इनकार कर दिया कि द सैटेनिक वर्सेज के 75 वर्षीय लेखक अभी भी अस्पताल में हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि वह ठीक हो रहे हैं और यह महत्वपूर्ण है।

अगस्त में न्यूयॉर्क में हुआ था हमला

इसी साल अगस्त में न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान रुश्दी पर हादी मतर नाम के आरोपी ने चाकू से कई बार वार किए थे। हमले के आरोपी मतर पर दूसरी डिग्री की हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया, लेकिन उसने अदालत में दोषी नहीं होने का अनुरोध किया। रुश्दी पर हमला तब हुआ था जब वह मंच पर अपना व्याख्यान शुरू करने वाले थे।

हमले के बाद, लेखक को गंभीर चोटों के साथ अस्पताल ले जाया गया और उन्हें अस्थायी रूप से वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था। घटना के बाद आरोपी हमलावर ने न्यूयॉर्क पोस्ट के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि उसे लगा कि रुश्दी ने इस्लाम पर हमला किया है। हालांकि मतर ने कहा कि उसने विवादित किताब "द सैटेनिक वर्सेज" के सिर्फ दो पन्ने पढ़े हैं।

ईरान का हमले में शामिल होने से इनकार

इस हमले की पश्चिम और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थकों ने कड़ी निंदा की, लेकिन ईरान और पाकिस्तान जैसे मुस्लिम देशों में कुछ चरमपंथियों ने भी इसकी प्रशंसा की। विवादास्पद उपन्यास "द सैटेनिक वर्सेज" में इस्लाम के पैगंबर के जीवन को काल्पनिक रूप में प्रस्तुत किया गया है। हालांकि अधिकांश मुस्लिम हलकों ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की।

रुश्दी ने यह किताब 1988 में लिखी थी, जिसने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। इस किताब की वजह से उनके खिलाफ मौत के फरमान जारी किए गए और इसके परिणामस्वरूप रुश्दी को लगभग दस साल तक छिपना पड़ा। रुश्दी के खिलाफ 1989 में ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातोल्लाह रुहोल्लाह खोमैनी ने फतवा जारी किया था। इस फतवे में रुश्दी के सिर पर 30 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया गया। हाल के बरसों में ईरान ने भले ही रुश्दी का बहुत ज्यादा जिक्र ना किया हो, लेकिन उनके खिलाफ जारी फतवा अब भी वैध है।

वर्षों तक कड़ी सुरक्षा में अलग-थलग रहने के बाद, रुश्दी ने पिछले दो दशकों के दौरान फिर से आजादी के साथ यात्राएं करना शुरू किया है। रुश्दी ने अतीत में भी इस बारे में बात की है कि कैसे उन्होंने कभी भी खुद को खतरे से सुरक्षित नहीं माना। अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले से लड़ने के लिए सलमान रुश्दी को पढ़ना होगा।

रुश्दी पर मतर ने क्या कहा

लेबनान में जन्मे मतर को घटनास्थल से गिरफ्तार कर लिया गया था। मतर न्यू जर्सी में रहता है और उसने हत्या के प्रयास के लिए दोषी नहीं होने का अनुरोध किया। मतर ने हमले के तुरंत बाद अखबार को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि उन्हें यह सुनकर आश्चर्य हुआ कि हमले में रुश्दी की मौत नहीं हुई थी। उसने खमेनई की प्रशंसा की और कहा कि उसे रुश्दी और "द सैटेनिक वर्सेज" नापसंद हैं। मतर के वकील ने चेतावनी दी है कि इस तरह के एक साक्षात्कार के प्रकाशन से न्याय मुश्किल हो सकता है।

फिलहाल सख्त धार्मिक कानूनों के खिलाफ विरोध का सामना कर रही ईरान की वर्तमान सरकार ने हमले के बाद कहा कि "किसी को भी ईरान को दोष देने का अधिकार नहीं है।" ईरान ने हमले में शामिल होने से इनकार किया है।

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