गाजा में बेकसूरों की मौत पर UN प्रमुख बोले- फिलिस्तीनियों को सामूहिक दंड देने को कोई भी आधार नहीं ठहरा सकता उचित
यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि गाजा में हत्या और विनाश की रफ्तार एवं पैमाने मेरे महासचिव के रूप में पिछले वर्षों में कभी नहीं देखे गए। फिलिस्तीनी लोगों की सामूहिक सजा देने को कोई भी आधार उचित नहीं ठहरा सकता।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के उद्घाटन पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाजा में युद्ध के बीच चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि गाजा में युद्ध के दौरान अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून तार-तार हो गया है।
गुटेरेस ने शुक्रवार को कहा कि वहां हत्या की दर उनके कार्यकाल में देखी गई किसी भी दर से ज्यादा है। गुटेरेस ने कहा, "गाजा में हत्या और विनाश की रफ्तार एवं पैमाने मेरे महासचिव के रूप में पिछले वर्षों में कभी नहीं देखे गए। फिलिस्तीनी लोगों की सामूहिक सजा देने को कोई भी आधार उचित नहीं ठहरा सकता।"
उन्होंने ने शुक्रवार को बेरूत पर हुए इजरायली हमलों के बारे में भी बात की। चेतावनी दी कि लेबनान में युद्ध बाहरी शक्तियों को शामिल करके और भी अधिक उग्र हो सकता है। उन्होंने दोनों पक्षों से इजरायल-लेबनान सीमा पर प्रस्तावित अस्थायी युद्ध विराम पर सहमत होने की अपील की है।
उन्होंने कहा, हमें अब युद्ध विराम की जरूरत है। हम गाजा जैसी अंतहीन वार्ताओं का बोझ उठा नहीं सकते। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा, "हमें किसी भी कीमत पर क्षेत्रीय युद्ध से बचना चाहिए। गाजा हिंसा का केंद्र बना हुआ है। गाजा ही इसे समाप्त करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।"
मानवीय व्यवस्था संकट में है। हमारे 226 साथी मारे गए हैं, जिनमें से कई अपने परिवारों के साथ मारे गए हैं। मैं इन हत्याओं की जांच और जवाबदेही की मांग करता हूं। साथ ही, पूर्वी यरुशलम समेत कब्जे वाले पश्चिमी तट पर हिंसा जारी है। सात अक्टूबर से अब तक करीब 700 फिलिस्तीनी और 14 इजरायली मारे गए हैं। यह पिछले दो दशकों में दोनों पक्षों की सबसे बड़ी संख्या है। नई बस्तियों का निर्माण, भूमि अधिग्रहण, विध्वंस और बसने वालों के बीच हिंसा सब जारी है।"
उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के एडवाइजरी ओपिनियन में पता चला है कि कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायल की लगातार मौजूदगी गैरकानूनी है। इजरायल का दायित्व है कि वह इसे जल्द समाप्त करे।"
आगे कहा, "इस बीच, इजरायली अधिकारी अंतरराष्ट्रीय मीडिया को कब्जे वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्र से रिपोर्टिंग करने से रोकना और सीमित करना जारी रखे हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट दुनिया की आंखें और कान हैं। पत्रकारों को हर जगह अपना काम करने में सक्षम होना चाहिए।"
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