नेतन्याहू ने युद्ध खत्म करने से किया इनकार, कहा- गाजा से हटने की हमास की मांग मंजूर नहीं कर सकते
बेंजामिन नेतन्याहू का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब मिस्र में हमास द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई के बदले में इजरायल के गाजा पर हमले को रोकने के लिए दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच एक समझौते पर बातचीत फिर से शुरू हुई है।
इजराययल और हमास के बीच युद्धविराम पर जारी बातचीत के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को वार्ता को बड़ा झटका देते हुए युद्ध खत्म करने से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उनका देश गाजा में युद्ध खत्म करने की हमास की मांग मंजूर नहीं करेगा।
बीबीसी के मुताबिक, नेतन्याहू ने कहा, "हम ऐसे हालात कबूल करने के लिए तैयार नहीं हैं, जिसमें हमास बटालियन अपने बंकरों से बाहर आती हैं, गाजा पर फिर से कब्जा कर लेती हैं, अपने सैन्य बुनियादी ढांचे फिर से बनाती हैं और दक्षिण के शहरों में रहने वाले इजरायल के नागरिकों को धमकी देने के लिए वापस आती हैं।" उन्होंने दोहराया, "इजरायल हमास की मांगों पर सहमत नहीं होगा।"
उनका यह बयान तब आया, जब मिस्र में हमास द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई के बदले में इजरायल के गाजा पर हमले को रोकने के लिए एक समझौते पर बातचीत फिर से शुरू हुई है। मुख्य विवाद यह है कि क्या इजरायली जेलों में बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के लिए लगभग 40 दिनों का ठहराव स्थायी होगा, जैसा कि हमास चाहता है।
बीबीसी केअनुसार, नेतन्याहू ने तर्क दिया कि प्रस्तावित समझौते से गाजा पर हमास का नियंत्रण बना रहेगा और वह इजरायल के लिए खतरा बना रहेगा। वरिष्ठ नेता इस्माइल हनीयेह के सलाहकार हमास के एक अधिकारी ने कहा कि समूह नए प्रस्ताव को "पूरी गंभीरता" के साथ देख रहा है, लेकिन उन्होंने अपनी मांग दोहराई कि किसी भी समझौते में स्पष्ट रूप से गाजा से इजरायली सेना की वापसी और युद्ध के पूर्ण अंत का जिक्र हो।
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