मालदीव संकटः चीन की परोक्ष चेतावनी, कहा बाहरी दखल से और बिगड़ेंगे हालात
भारत की ओर अप्रत्यक्ष रूप से इशारा करते हुए चीन ने मालदीव के आंतरिक मामले में बाहरी हस्तक्षेप को लेकर आगाह किया और कहा कि इससे स्थिति गंभीर रूप से ‘जटिल’ होगी।
मालदीव में जारी संकट को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव गहराने के आसार दिखाई दे रहे हैं। मालदीव संकट पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा है कि मालदीव में मौजूदा स्थिति उसका आंतरिक मामला है। इसे संबंधित पक्षों से बातचीत और संपर्क करके समुचित तरीके से सुलझाया जाना चाहिए। गेंग ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मालदीव में कार्रवाई करने के बदले देश की संप्रभुता का सम्मान करते हुए सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। कोई भी कार्रवाई करने से मौजूदा स्थिति जटिल हो सकती है।" चीन ने इन आरोपों से भी इंकार किया है कि वह मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन का समर्थन कर रहा है। चीन की ओर से दावा किया गया कि वह दूसरे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप ना करने की नीति का पालन करता है।
चीन का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब 6 फरवरी को मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद ने देश में गहराते संकट के बीच भारतीय सेना से हस्तक्षेप का आग्रह किया था। भारत के करीबी नशीद को 2012 में साजिश के तहत मालदीव की सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। मालदीव के ताजा घटनाक्रम पर भारत ने सख्त बयान जारी करते हुए कहा है कि राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन द्वारा देश में आपातकाल लगाना और देश के प्रधान न्यायाधीश व पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल गयूम को गिरफ्तार करना काफी विक्षुब्ध करने वाला कदम है।
पिछले सप्ताह मालदीव की शीर्ष अदालत ने 9 सांसदों को रिहा करने का आदेश दिया था, जिसके बाद नशीद की अगुवाई वाली मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी को बहुमत मिल सकता था और यामीन की राष्ट्रपति की कुर्सी खतरे में पड़ सकती थी। जिसके बाद राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश में आपातकाल लागू करते हुए प्रधान न्यायाधीश समेत कई जजों को गिरफ्तार कर लिया था।
मालदीव की संसद के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद द्वारा यामीन सरकार को चीन के समर्थन के आरोपों पर गेंग ने कहा, "मैंने कहा है कि मालदीव की मौजूदा स्थिति वहां का आंतरिक मामला है। चीन हमेश दूसरे देश के 'आंतरिक मामलों' में हस्तक्षेप न करने की नीति का पालन करता है।"
गौरतलब है कि चीन, मालदीव में कई परियोजनाओं में निवेश कर रहा है। 2017 में पाकिस्तान के बाद मालदीव, चीन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला दूसरा देश बन गया था। यामीन सरकार के इस समझौते के बाद मालदीव की विपक्षी पार्टी और भारत सरकार ने चिंता जताई थी। इस समझौते से इतर, यामीन सरकार ने चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड परियोजना को मान्यता दी थी। यह परियोजना एशिया, अफ्रीका और यूरोप को राजमार्ग, सी लेन, बंदरगाह के माध्यम से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
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