लिज ट्रस होंगी ब्रिटेन की अगली प्रधानमंत्री, भारतीय मूल के ऋषि सुनक पार्टी नेता के चुनाव में हारे
चुनाव में पाया गया कि ऋषि सुनक के मुकाबले ट्रस के पास जबरदस्त समर्थन है और अंत में उनकी जीत भी हुई। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि उनका राजनीतिक हनीमून बड़ा छोटा रहेगा। क्योंकि ब्रिटेन इस समय ऐसे निर्वाह खर्च संकट से गुजर रहा है जैसा कई पीढ़ियों से नहीं देखा गया।
ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ब्रिटेन की अगली प्रधानमंत्री होंगी। सोमवार को कंजरवेटिव पार्टी की नेता पद की रेस में उन्होंने भारतीय मूल के देश के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को हरा दिया है, जिसके बाद उनका देश के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। वर्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आधिकारिक रूप से रानी एलिजाबेथ द्वितीय को अब अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
2 सितंबर को पूरी हुई थी वोटिंग
इससे पहले लिज ट्रस और पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक के बीच चली दावेदारी की लंबी रेस के लिए जारी मतदान 2 सितंबर को खत्म हुआ, जिसके नतीजों की घोषणा सोमवार पांच सितंबर को की गई। मतदान पार्टी के अनुमानित 2,00,000 सदस्यों के बीच डाक और इंटरनेट के जरिये कराया गया। इसकी शुरुआत जॉनसन द्वारा उनके इस्तीफे की घोषणा के एक महीने बाद अगस्त के शुरू में हुई थी।
पिछड़ते जा रहे थे सुनक
हालांकि, मतदान से पहले दोनों नेताओं के थकाने वाले देशव्यापी दौरे, करीब एक दर्जन कैंपेन कार्यक्रम और टीवी पर दिखाई गई कई बहसों के बाद से ही कंजर्वेटिव पार्टी के नेता की दौड़ में विदेश सचिव लिज ट्रस जीत की ओर बढ़ती दिखाई दे रही थीं। वहीं भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक इस दौड़ पिछड़ते नजर आ रहे थे।
अर्थव्यवस्था और मंहगाई बड़ी चुनौती
वैसे इस मतदान में पाया गया कि ऋषि सुनक के मुकाबले ट्रस के पास जबरदस्त समर्थन है और अंत में उनकी जीत भी हुई। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि उनका राजनीतिक हनीमून बड़ा छोटा रहेगा। क्योंकि ब्रिटेन इस समय ऐसे निर्वाह खर्च संकट से गुजर रहा है जैसा कई पीढ़ियों से नहीं देखा गया। यूक्रेन में रूस के युद्ध की वजह से ऊर्जा के दाम बहुत ऊपर जा चुके हैं और महंगाई दर दो अंकों में पहुंच गई है। बिजली के बिल अक्टूबर से 80 प्रतिशत बढ़ जाएंगे और जनवरी से और ज्यादा बढ़ जाएंगे।
लेबर पार्टी के मुकाबले कंजर्वेटिव पार्टी हो रही पीछे
फिलहाल लिज ट्रस भले पार्टी के नेता का पद जीत गई हों और देश की प्रधानमंत्री बनने जा रही हों, लेकिन देश के मतदाताओं के हालिया सर्वेक्षण दिखा रहे हैं कि पार्टी अपनी 12 साल लंबी सत्ता पर पकड़ को बनाए रखने में चुनौती का सामना कर रही है। ओपिनियन पोल में मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी के पास कंजर्वेटिव पार्टी के मुकाबले जो बढ़त थी वो अब दो अंकों में पहुंच गई है। ट्रस को अर्थव्यवस्था के साथ-साथ इस राजनीतिक चुनौती का भी सामना करना पड़ेगा।
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Published: 05 Sep 2022, 6:21 PM