काबुल को दहलाने वाले IS-K के तालिबान और हक्कानी नेटवर्क से हैं संबंध, सालेह का दावा, UNSC रिपोर्ट में भी हुआ था खुलासा
खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्ला सालेह ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आईएस-के) की जड़ें तालिबान और हक्कानी नेटवर्क में हैं।
खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्ला सालेह ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आईएस-के) की जड़ें तालिबान और हक्कानी नेटवर्क में हैं। आईएस-के ने गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे पर विनाशकारी बम विस्फोटों की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 13 अमेरिकी सेवा सदस्यों सहित कम से कम 90 लोग मारे गए थे।
सालेह ने एक ट्वीट में कहा, "हमारे पास मौजूद हर सबूत से पता चलता है कि आईएस-के की जड़ें तालिबान और हक्कानी नेटवर्क में हैं, विशेष रूप से काबुल में सक्रिय हैं। आईएस के साथ संबंधों से इनकार करने वाले तालिबानी क्वेटा शूरा पर पाकिस्तान के इनकार के ही समान हैं। तालिबानों ने अपने मास्टर से बहुत अच्छी तरह से सीखा है।"
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट में भी ISIS-K और हक्कानी नेटवर्क के कनेक्शन की बात भी की गई थी। UNSC की रिपोर्ट में बताया गया था कि कुनार और नांगरहार इलाके में करीब 1500 से 2000 आतंकी ISIS-K के लिए काम करते हैं। इनमें अधिकतर पाकिस्तानी और अफगान नागरिक हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2020 के बाद शाहाब अल मुजाहिर की अगुवाई में ISIS-K ने एक बार फिर अपने लड़ाकों को तैयार करना शुरू किया था। ये रिपोर्ट इसी साल जारी की गई थी।
हालांकि तालिबान कह रहा है कि उसके लड़का भी इस हमले में मारे गए हैं। तालिबान के एक अधिकारी ने दावा किया कि गुरुवार के हमलों में मारे गए कम से कम 28 अफगान तालिबान के सदस्य थे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने हमलावरों से बदला लेने की शपथ लेते हुए कहा कि वह उन्हें ढूंढ निकालेंगे।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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Published: 27 Aug 2021, 5:10 PM