ईरान में शांति बहाल होने तक इंटरनेट सेवा चालू नहीं करेगी सरकार, अमिनी की मौत के खिलाफ प्रदर्शन और तेज हुआ
सुरक्षा बलों के साथ हुई झड़पों में अब तक दर्जनों प्रदर्शनकारी तौर पर मारे गए हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि चार बच्चों समेत कम से कम 30 लोगों की मौत हुई है। सरकारी मीडिया इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ब्रॉडकास्टिंग के अनुसार अब तक 35 लोगों की मौत हुई है।
ईरान में ठीक से हिजाब नहीं पहनने के आरोप में हिरासत में ली गई 22 वर्षीय महसा अमिनी की पुलिस अभिरक्षा में मौत के खिलाफ भड़का जनाक्रोश तेज होता जा रहा है और पूरे देश में फैलता जा रहा है। इस बीच अधिकारियों ने कहा है कि वे सड़कों पर शांति आने तक देश में इंटरनेट सेवा बहाल नहीं करेंगे।
पिछले हफ्ते पुलिस हिरासत में महसा अमिनी की मौत पर विरोध प्रदर्शन ने इस्लामिक गणराज्य को हिला कर रख दिया है, जिसे तेहरान में पकड़ लिया गया था और एक 'री-एजुकेशन सेंटर' में ले जाया गया था, जाहिर तौर पर इसकी वजह ठीक से हिजाब नहीं पहनना था। अमीनी की मौत के खिलाफ हजारों ईरानी विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं।
सीएनएन ने बताया कि शुक्रवार से राजधानी तेहरान सहित देश भर में कम से कम 40 शहरों में प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को समाप्त करने के साथ-साथ हिजाब पहनने की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की है।
सुरक्षा बलों के साथ हुई झड़पों में दर्जनों प्रदर्शनकारी कथित तौर पर मारे गए हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने शुक्रवार को कहा कि चार बच्चों समेत कम से कम 30 लोगों की मौत हुई है। सरकारी मीडिया इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ब्रॉडकास्टिंग के मुताबिक अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है।
सीएनएन ने बताया कि अधिकारियों को उम्मीद है कि इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाकर वे विरोध को नियंत्रण में ला सकते हैं। शुक्रवार को स्टेट ब्रॉडकास्टर कफकइ से बात करते हुए ईरान के संचार मंत्री अहमद वाहिदी ने कहा कि दंगों के खत्म होने तक, इंटरनेट पर प्रतिबंध रहेगा। सोशल मीडिया के माध्यम से दंगा को रोकने के लिए, हम इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने के लिए बाध्य हैं।
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Published: 24 Sep 2022, 10:26 PM