म्यांमार में तख्तापलट से भारत चिंतित, जानें किसकी हो सकती है ये चाल!
भारत ने म्यांमार में तख्तापलट की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए पड़ोसी देश से लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल करने का आग्रह किया है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।
भारत ने म्यांमार में तख्तापलट की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए पड़ोसी देश से लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल करने का आग्रह किया है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है। भारत सदा से ही म्यांमार में लोकतांत्रिक व्यवस्था का पक्षधर रहा है।
गौरतलब है कि 8 नवंबर, 2020 को म्यांमार में आम चुनाव हुए थे और स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) को 322 सीटें मिली थीं जो सरकार बनाने के लिए पर्याप्त थीं। सेना ने इस चुनाव को फर्जी बताते हुए राष्ट्रपति और चुनाव आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में शिकायत भी दर्ज कराई थी। हालांकि चुनाव आयोग ने सेना के इन आरोपों को सिरे से नकार दिया था।
इसके बाद सेना ने कार्रवाई की धमकी दी थी और सोमवार को जो कुछ भी हुआ, वह इसी का परिणाम है। बहरहाल, दो महीने पहले जो आम चुनाव हुआ था, वह 2011 के बाद से दूसरा आम चुनाव था और इसके साथ ही देश में सैन्य शासन का अंत हो गया था।
बहरहाल, सोमवार को राष्ट्रपति और स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची समेत कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लिए जाने के बाद सेना ने देश को अपने नियंत्रण में ले लिया है और एक साल के लिए आपातकाल लगा दिया गया है।
घोषणा के अनुसार, राज्य की सत्ता अब कमांडर-इन-चीफ ऑफ डिफेंस सर्विसेज मिन आंग ह्लाइंग के हाथों में होगी। सू ची और राष्ट्रपति यू विन म्यंट के अलावा, सत्तारूढ़ नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी हिरासत में लिया गया।
एनएलडी के प्रवक्ता मायो नयुंट ने शिन्हुआ को बताया, मुझे काउंसलर और राष्ट्रपति को सेना द्वारा हिरासत में लिए जाने के बारे में आंतरिक रिपोर्टें मिलीं। जहां तक मुझे सूचित किया गया, शान राज्य के नियोजन और वित्त मंत्री यू सोये न्युन लेविन, काया राज्य के एनएलडी के अध्यक्ष थाउंग हटे और अय्यरवाडी क्षेत्र की संसद के कुछ एनएलडी प्रतिनिधि को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा, पार्टी की केंद्रीय कार्यकारी समिति के दो सदस्यों को हिरासत में लिया गया।
राज्य द्वारा संचालित रेडियो और टेलीविजन (एमआरटीवी) भी अब काम नहीं कर रहा है, चैनल ने अपने सोशल मीडिया पेज पर इसकी घोषणा की।
गौरतलब है कि विगत सप्ताह आईएएनएस ने इस आशय की जानकारी दी थी कि म्यांमार के अंदरूनी हालात पर चीन के नियंत्रण के मद्देनजर वहां तख्तापलट हो सकता है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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