पाकिस्तानी पीएम के इस सनसनीखेज खुलासे से मचा कोहराम, अब क्या करेंगे इमरान खान?
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान में 40 आतंकी समूह सक्रिय थे। इमरान खान ने कैपिटॉल हिल में अमेरिकी सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम आतंक के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई लड़ रहे हैं। पाकिस्तान का 9/11 से कोई लेना-देना नहीं था।’
पाकिस्तान ने आखिरकार मान लिया है कि उसके यहां कई आतंकी समूह सक्रिय थे। इस संबंध में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिकी सांसदों को संबोधित करते हुए मंगलवार को बड़ा खुलासा किया है। इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान में 40 आतंकी समूह सक्रिय थे। इमरान खान ने कैपिटॉल हिल में अमेरिकी सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, 'हम आतंक के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई लड़ रहे हैं। पाकिस्तान का 9/11 से कोई लेना-देना नहीं था।'
पाक पीएम ने कहा, 'अल-कायदा अफगानिस्तान में है। तालिबान भी वहीं है, पाकिस्तान में कभी तालिबान नहीं था, इसके बाद भी हम अमेरिका के युद्ध में हिस्सा रहे। दुर्भाग्य से जब चीजें गलत दिशा में बढ़ रही थी तो हमने अमेरिका को कभी जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं कराया। इसके लिए मैं अपनी सरकार को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराता हूं।'
इमरान खान के कहा कि पाकिस्तान की पिछली सरकारों ने अमेरिका से छुपाए रखा। उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों की सरकार ने अमेरिका को सच नहीं बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में 40 अलग-अलग आतंकवादी समूह सक्रिय थे। लेकिन हम अमेरिका की लड़ाई में शामिल हुए।
इमरान खान ने ये बातें पाकिस्तान कॉकस की अध्यक्ष शीला जैक्सन ली द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। ली भारत और भारतीय अमेरिकियों पर कांग्रेस के कॉकस की भी सदस्य हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पाकिस्तान में 40 अलग-अलग आतंकवादी समूह सक्रिय थे। पाकिस्तान ऐसे दौर से गुजरा है, जहां हमारे जैसे लोग चिंतित थे कि क्या हम (पाकिस्तान) इससे सुरक्षित निकल पाएंगे। इसलिए जब अमेरिका हमसे और करने और अमेरिका की लड़ाई को जीतने में हमारी मदद की आशा कर रहा था उसी वक्त पाकिस्तान अपना अस्तित्व बचाने के लिए लड़ रहा था।’
अमेरिका दौरे पर गए इमरान खान अपने इस बयान के जरिए ये कहना चाह रहे थे कि पाकिस्तान पर उसकी ही सरकार का कंट्रोल नहीं रहा था। अब वो अमेरिका के साथ बेहतर रिश्ते बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान को अपने यहां ओसामा बिन लादेन की मौजूदगी का पता था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ही अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए को इसके बारे में जानकारी दी। जिसके बाद अमेरिका अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन तक पहुंचा।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ये टिप्पणी पाकिस्तान के आधिकारिक रुख के उलट है। पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर ये स्वीकार किया है कि 2 मई 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिकी सील ने जब ओसामा के ठिकाने पर हमला कर उसे मार गिराया था, तब तक पाकिस्तान को ओसामा के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। अब इमरान खान का इसके उलट बयान देना पाकिस्तान के अपने ही पुराने बयान से पलटना है।
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Published: 24 Jul 2019, 12:23 PM