ऑस्ट्रेलिया में तेज़ हुआ ‘स्टॉप अडानी’ आंदोलन, बनाई गई मानव श्रृंख्ला
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय कारोबारी गौतम अडानी की कोयला खदान परियोजना का भारी विरोध हो रहा है। शनिवार को पूरे ऑस्ट्रेलिया में हजारों लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर ‘स्टॉप अडानी’ की मांग उठाई।
ऑस्ट्रेलिया में शनिवार को भारतीय कारोबारी गौतम अडानी की कोयला खदान परियोजना का भारी विरोध हुआ है। अडानी समूह की इस परियोजना के खिलाफ पूरे ऑस्ट्रेलिया में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया और मानव श्रृंखला बनाकर ‘स्टॉप अडानी’ की मांग की। क्वींसलैंड राज्य में अडानी समूह के प्रस्तावित कारमाइकल कोयला खदान परियोजना का विरोध करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के कई शहरों में लोग मैदानों और पार्कों में इकट्ठा हुए और मानव श्रंखला बनाकर अडानी को रोकने की मांग की। दावा किया जा रहा है कि शनिवार को हुए इस विरोध में ऑस्ट्रेलिया के आधे से ज्यादा लोग शामिल रहे।
बताया जा रहा है कि अडानी समूह के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया भर में 40 विरोध प्रदर्शन हुए जिनमें 30 से भी ज्यादा पर्यावरण समूहों ने भाग लिया। इस दौरान समुद्र तटों और देश के अन्य प्रमुख स्थानों पर एकत्र हुए लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर ‘अडानी को रोको’ की मांग की। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले समूहों का दावा है कि ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड राज्य में कोयला खदानों ने ग्लोबल वार्मिंग की समस्या में बढोतरी की है और द ग्रेट बैरियर रीफ को नुकसान पहुंचाया है।
शुरुआत से ही विवादों में रही इस परियोजना का विरोध पर्यावरण कारणों से किया जा रहा है। कारमाइकल कोयला खदान ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी कोयला खदान परियोजना है, जिसका ठेका भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी अडानी समूह को मिला है। हालांकि अडानी समूह और वहां की सरकार में इस परियोजना के लिए हुई डील की प्रक्रिया काफी विवादों में रही है। आरोप हैं कि इस परियोजना में पर्यावरण और वित्तपोषण के कई मुद्दों को अनदेखा किया गया है। लोगों ने अडानी समूह की मंशा, उसकी कार्यप्रणाली, टैक्स और परियोजना मिलने में पैसों की हेराफेरी आदि पर सवाल उठाए हैं।
दरअसल गौतम अडानी भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी माने जाते हैं। उनकी कंपनी अडानी समूह ने ऑस्ट्रेलिया को 22 अरब डॉलर के टैक्स और माइनिंग रॉयल्टी देने के नाम पर क्वींसलैंड में कार्माइकल कोयला खदान से आजीवन कोयला निकालने का ठेका लिया है। लेकिन हाल ही में आई एनर्जी इकॉनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस की रिपोर्ट में एक्सपर्ट का कहना है कि अडानी समूह की कंपनियों और ट्रस्ट के जटिल जाल से ऐसा आभास होता है कि कंपनी टैक्स की रकम कम कर सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह ने बहुत सारे ऐसे रास्ते निकाल लिए हैं, जिससे उस पर ऑस्ट्रेलियाई टैक्स की देनदारी कम हो।
वहीं ऑस्ट्रेलिया की एक न्यूज वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक अडानी समूह पर हाल के साइक्लोन डेबी के दौरान प्रदूषित पानी छोड़े जाने को लेकर 12 हजार डॉलर का जुर्माना भी लगा था। इसके अलावा भी पर्यावरणविदों और वित्तीय मामलों के जानकारों की नजर अडानी समूह के इस प्रोजेक्ट पर है। अडानी समूह अपने ऑस्ट्रेलिया के प्रोजेक्ट से गुजरात के मुंद्रा में बिजली प्रोजेक्ट को कोयला सप्लाई करने की योजना बना रहा है। इस सिलसिले में अडानी समूह की तहकीकात करने ऑस्ट्रेलिया के एबीसी नेटवर्क के कार्यक्रम फोर कॉर्नर्स की एक टीम हाल ही में गुजरात आई थी, जिसे गुजरात पुलिस की क्राइम ब्रांच ने धमकाकर देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया था।
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