उपवास, दिन में जल्दी खाना या कम खाना - वजन घटाने के लिए क्या सबसे कारगर है?

बार-बार भोजन करने से बीमारी का खतरा हालांकि कम हो सकता है, लेकिन हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि दिन में एक से दो बार भोजन करने की तुलना में, दिन में छह बार भोजन करने से वजन घटाने में सफलता बढ़ सकती है।

फोटो: सोशल मीडिया
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पीटीआई (भाषा)

दुनिया भर में आठ में से एक व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है। यह एक समस्या है क्योंकि अतिरिक्त वसा से टाइप-2 मधुमेह, हृदय रोग और कुछ कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

मोटापे को नियंत्रित करने और वजन बढ़ने से रोकने के लिए अपने आहार में बदलाव करना महत्वपूर्ण है। इसमें आपके कैलोरी सेवन को कम करना, अपने खाने के पैटर्न को बदलना और स्वस्थ भोजन को प्राथमिकता देना शामिल हो सकता है।

लेकिन क्या वजन घटाने के लिए एक फार्मूला दूसरे की तुलना में अधिक सफल होने की संभावना रखता है? हमारे नए शोध में वजन घटाने के तीन तरीकों की यह देखने के लिए तुलना की गई कि क्या कोई एक तरीका दूसरों की तुलना में अधिक वजन कम करता है: कैलोरी वितरण में परिवर्तन - दिन में बाद में खाने की बजाय पहले अधिक कैलोरी का सेवन, कम भोजन खाना, इंटरमिटेंट फास्टिंग (खाने का ऐसा पैटर्न जिसमें नियमित समय पर उपवास और भोजन की अवधि का एक चक्र चलता है)।

हमने लगभग 2,500 लोगों को शामिल करते हुए 29 नैदानिक ​​परीक्षणों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। हमने पाया कि 12 सप्ताह या उससे अधिक समय में, तीनों तरीकों से समान रूप से वजन में 1.4 से 1.8 किलोग्राम तक कमी आई।

इसलिए यदि आप वजन कम करना चाहते हैं, तो वह तरीका चुनें जो आपके और आपकी जीवनशैली के लिए सबसे अच्छा हो।

दिन में जल्दी खाना

जब हमारा चयापचय ठीक से काम नहीं कर रहा होता है, तो हमारा शरीर हार्मोन इंसुलिन पर ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाता है। इससे वजन बढ़ सकता है, थकान हो सकती है और मधुमेह जैसी अनेक दीर्घकालिक बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

दिन में देर से खाना खाने से - जैसे कि भारी भोजन और देर रात का नाश्ता - चयापचय कार्य को खराब करता है। इसका अर्थ यह है कि शरीर भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने, रक्त शर्करा को प्रबंधित करने और वसा भंडारण को विनियमित करने में कम सक्रिय होता है।

इसके विपरीत, दिन में पहले कैलोरी लेने से चयापचय क्रिया में सुधार होता है।


कम खाना खाना

नाश्ता छोड़ना आम बात है, लेकिन क्या इससे वजन कम करने में बाधा आती है? या क्या भारी नाश्ता और रात में हल्का खाना आदर्श है?

बार-बार भोजन करने से बीमारी का खतरा हालांकि कम हो सकता है, लेकिन हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि दिन में एक से दो बार भोजन करने की तुलना में, दिन में छह बार भोजन करने से वजन घटाने में सफलता बढ़ सकती है।

हालांकि, यह व्यापक शोध को प्रतिबिंबित नहीं करता है, जो यह दर्शाता है कि कम भोजन करने से अधिक वजन कम हो सकता है। हमारा शोध बताता है कि दिन में तीन बार खाना, छह बार खाने से बेहतर है। ऐसा करने का सबसे आसान तरीका है अल्पाहार को कम करना और नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना ही रखना।

उपवास, या समय-बाधित भोजन

हममें से कई लोग दिन में 14 घंटे से अधिक समय तक खाते रहते हैं। देर रात को खाना खाने से आपके शरीर की प्राकृतिक लय बिगड़ सकती है और आपके अंगों की कार्यप्रणाली में बदलाव आ सकता है। समय के साथ, इससे टाइप 2 मधुमेह और अन्य पुरानी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है, खास तौर पर शिफ्ट में काम करने वालों में।

समय-बाधित भोजन, जो ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ का एक रूप है, का अर्थ है दिन के उस समय में जब आप सबसे अधिक सक्रिय होते हैं, छह से दस घंटे की अवधि में अपनी सारी कैलोरी खा लेना। यह इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आप क्या खाते हैं या कितना खाते हैं, बल्कि यह कि आप कब खाते हैं।

जानवरों पर किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि समय-सीमा के भीतर खाने से वजन कम हो सकता है और चयापचय में सुधार हो सकता है। लेकिन मनुष्यों में इसके सबूत अब भी सीमित हैं, खासकर दीर्घकालिक लाभों के बारे में।

यह भी स्पष्ट नहीं है कि समय-बाधित भोजन के लाभ समय के कारण हैं या इसलिए कि लोग कुल मिलाकर कम खा रहे हैं। जब हमने उन अध्ययनों पर गौर किया, जिनमें प्रतिभागियों ने स्वतंत्र रूप से भोजन किया (बिना जानबूझकर कैलोरी सीमित किये) लेकिन आठ घंटे की दैनिक भोजन अवधि का पालन किया, तो उन्होंने स्वाभाविक रूप से प्रतिदिन लगभग 200 कैलोरी का कम उपभोग किया।


आपके लिये क्या कारगर है?

वजन कम करने के कोई आसान तरीके नहीं हैं। इसलिए कोई ऐसा तरीका या तरीकों का संयोजन चुनें जो आपको सबसे अच्छा लगे। आप इस पर विचार कर सकते हैं:

-आठ घंटे के अंतराल में भोजन करने का लक्ष्य रखें

-नाश्ते और दोपहर के भोजन पर ध्यान केंद्रित करके अपनी कैलोरी पहले ही खा लें

-दिन में छह के बजाय तीन बार भोजन करना चुनें।

एक और शोध चल रहा है, जिसमें बड़े नमूनों, विविध आबादी और सुसंगत तरीकों के साथ अच्छी तरह से नियंत्रित परीक्षण शामिल हैं। इसलिए उम्मीद है कि भविष्य के शोध हमें यह समझने में मदद करेंगे कि हमारे खाने के पैटर्न को बदलने से कैसे बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त हो सकता है।

द कन्वरसेशन प्रशांत नरेश

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