फेसबुक में फिर आया निजता के हनन का मामला,बग की वजह से करीब डेढ़ करोड़ लोगों का डाटा हुआ सार्वजनिक
सोशल मीडिया साइट फेसबुक में उपयोगकर्ताओं की निजता से छेड़छाड़ का एक और मामला सामने आया है। फेसबुक ने स्वीकार किया कि सॉफ्टवेयर गड़बड़ी (बग) के कारण 1.4 करोड़ यूजर्स के पास फेसबुक पोस्ट पब्लिक करने का मैसेज गया। यह गड़बड़ी मई में पैदा हुई थी।
कैंब्रिज एनालिटिका डेटा सेंधमारी मामले के बाद फेसबुक लगातार विवादों में है। फेसबुक ने एक बार फिर निजता में दखल की गड़बड़ी की बात स्वीकार करते हुए कहा है कि पिछले महीने मई में एक बग (सॉफ्टवेयर संबंधी गलती) के कारण 1.4 करोड़ यूजर प्रभावित हुए हैं। बग के कारण उपयोगकर्ताओं को उस समय अपने आप एक संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें उन्हें पोस्ट को सार्वजनिक करने का सुझाव दिया गया था, जबकि वे सिर्फ मित्रों के लिए पोस्ट कर रहे थे। फेसबुक की इस भूल के कारण उसके यूजर के पोस्ट को फेसबुक पर लॉग ऑन हुए बिना भी कोई देख सकता था। हालांकि इस बात की अभी कोई जानकारी नहीं है कि किस देश के लोग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
फेसबुक के मुख्य निजता अधिकारी एरिन एगन के अनुसार, फेसबुक डेपलपर जब यूजर की फोटो जैसे की प्रोफाइल में दर्शाए गए मदों को साझा करने के फीचर के नये तरीके विकसित कर रहे थे, तभी यह भूल हो गई।
उन्होंने कहा, “समस्या दूर हो चुकी है और प्रभावित लोगों के लिए हमने दर्शक पहले जो देख रहे थे उनको वापस बदल दिया था।” इस बात का खुलासा न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रपट से हुआ, जिसमें यह बताया गया है कि किस तरह सोशल नेटवर्क का उपयोग कर चीन के स्मार्टफोन कारोबारी समेत 60 डिवाइस निर्माता यूजर और उनके मित्रों की निजी जानकारी ले रहे हैं।
फेसबुक ने चीन की कंपनी हुआवेई समेत तीन अन्य स्मार्टफोन निर्माता लेनोवो, ओपो और टीसीएल के साथ अपने यूजर के डेटा शेयर करने की बात स्वीकार की है। एगन ने कहा, “हमें पता चला है कि इससे 1.4 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। जाहिर है कि इससे पहले पोस्ट करने वालों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है।”
उन्होंने कहा, “अगर आप 18 मई से 27 मई के बीच कुछ पोस्ट सार्वजनिक किए हैं तो आपको लॉग-इन करने पर फेसबुक की तरफ से नोटिफिकेशन मिला होगा, जो एक पेज पर जाएगा। जिसमें इस अवधि के पोस्ट की समीक्षा समेत अन्य सूचनाएं होंगी।”
उन्होंने कहा, “हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमें अपने उत्पाद को विकसित करने और उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले डेटा को लेकर ज्यादा पारदर्शी बनने की जरूरत है।”
गौरतलब है कि कैंब्रिज एनालिटिकल डेटा सेंधमारी घोटाले के सार्वजनिक होने के बाद से फेसबुक लाखों यूजर डेटा के दुरुपयोग को लेकर गहन जांच के घेरे में है।
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