इस दवा से 48 घंटे में मर जा रहा कोरोना वायरस, अमेरिका में क्लीनिकल ट्रायल शुरू
अमेरिका ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक ऐसी दवा का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया जो जिसके बारे में जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। दरअसल अमेरिका जुएं मारने वाली दवा का कोरोना को खत्म करने के लिए क्लीनिकल ट्रायल कर रहा है।
कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए पूरी दुनिया के वैज्ञानिक दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। अब तक कई देशों में कई तरह के वैक्सीन बनाए गए हैं, जिनका ट्रायल भी चल रहा है। कई ट्रायल असफल भी साबित हुए हैं। इसी बीच अमेरिका ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक ऐसी दवा का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया जो जिसके बारे में जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। दरअसल अमेरिका जुएं मारने वाली दवा का कोरोना को खत्म करने के लिए क्लीनिकल ट्रायल कर रहा है। बता दें कि इस दवा से सिर के बालों में मौजूद जुएं मारे जाते हैं। डॉक्टरों का विश्वास है कि इस दवा के जरिए कोरोना को खत्म किया जा सकता है और अमेरिका ने अब इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू भी कर दिया है। इससे पहले बगदाद यूनिवर्सिटी ने भी 5 मई को इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया था।
इस दवा का नाम है आइवरमेक्टिन। इस दवा को पिछले महीने अमेरिकी वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला की जांच में सफल पाया था। यानी इसने लैब में कोरोना वायरस को मार दिया था। अब इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है। अमेरिका के डॉक्टरों का कहना है कि इस दवा के साथ एजिथ्रोमाइसिन, कैमोस्टेट मीसाइलेट का भी ट्रायल होगा। इसके बाद सभी दवाओं का अलग-अलग और कॉम्बिनेशन के रूप में ट्रायल किया जाएगा। जो ज्यादा कारगर होगा उसे आगे बढ़ाया जाएगा।
अमेरिका की केंटकी यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन की साइंटिस्ट और इस ट्रायल का नेतृत्व करने वाली डॉ. सुसैन ऑर्नाल्ड ने कहा कि अभी तक कोई दवा ऐसी नहीं बनी है जो कोरोना वायरस को खत्म कर दे। न ही उसकी कोई वैक्सीन बनी है। इसलिए हम तीनों दवाओं का कॉम्बिनेशन और अकेल के असर को देखना चाहते हैं।
इससे पहले 5 मई को इराक में बगदाद यूनिवर्सिटी ने भी आइवरमेक्टीन दवा का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया था। यहां पर आइवरमेक्टीन 0.2 से करीब 50 मरीजों पर ट्रायल चल रहा है। यह ट्रायल अगस्त तक चलेगा।
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में रॉयल मेलबर्न हॉस्पीटल और विक्टोरियन इंफेक्शियस डिसीज रेफरेंस लैबोरेटरी के वैज्ञानिकों ने आइवरमेक्टीन पर स्टडी की थी। यह स्टडी पिछले महीने आई थी। इसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस को मारने में ये दवा सक्षम है।ऑस्ट्रेलिया का स्टडी में साफ तौर पर कहा गया था कि आइवरमेक्टीन दवा 48 घंटों के अंदर कोरोना वायरस मर जा रहा है। वैज्ञानिकों ने लैब में कोरोना वायरस के ऊपर यह दवा डाली। फिर हैरान करने वाले नतीजे सामने आए।
लैब में पता चला कि पहले 24 घंटे वायरस की संख्या घट जाती है। अगले 24 घंटे में ये कोरोना वायरस को पूरी तरह से खत्म कर देती है। ये बात अमेरिका के लैब में भी पुख्ता हो चुकी है। अब क्लीनिकल ट्रायल के बाद क्या नतीजे आते हैं, ये जानना जरूरी है।
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Published: 13 May 2020, 8:30 PM