सावधान! अब नौजवानों को भी निशाना बना रहा कोरोना, हेल्दी और फिट लोगों की भी जा रही जान
कोरोना ने अब नौजवान, स्वस्थ और फिट लोगों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। पहले बीमार और बुजुर्गों को ही इससे अधिक खतरा था लेकिन अब नौजवान और स्वस्थ लोगों की भी इस वायरस से जान जाने लगी है।
कोरोना वायरस गुजरते वक्त के साथ और भी घातक होता जा रहा है। इस वायरस से अमेरिका में 3000 से ज्यादा और ब्रिटेन में करीब 1500 लोगों की जान चली गई है। इन देशों में कोरोना बहुत ही तेजी से फैल रहा है। कोरोना वायरस ने इटली और स्पेन में तो कोहराम मचा दिया है। सबसे ज्यादा खतरे की बात यह है कि कोरोना ने अब नौजवान, स्वस्थ और फिट लोगों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। पहले बीमार और बुजुर्गों को ही इससे अधिक खतरा था लेकिन अब नौजवान और स्वस्थ लोगों की भी इस वायरस से जान जाने लगी है। कई देशों में नौजवानों ने पाबंदियों को नहीं माना और वे पार्टी करते रहे। इसकी वजह से भी कोरोना का संक्रमण फैलने में मदद मिली। लेकिन अब कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनमें स्वस्थ नौजवानों की भी कोरोना से मौत हो गई।
ब्रिटेन की अखबार डेली मेल की खबर के मुताबिक, यहां कई फिट और नौजवानों की भी कोरोना वायरस से मौत हुई है। ऐसे ही एक शख्स ने एडम हार्किन्स। उनकी उम्र महज 28 साल थी, लेकिन अब उनका नाम कोरोना से जान गंवाने वाले सबसे कम उम्र के लोगों में शामिल हो गया है। उन्हें इंड्यूस्ड कोमा में रखा गया था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनकी मां जैकी ने कहा कि वह बिल्कुल स्वस्थ था।
ऐसी ही एक घटना बर्मिंघम से सामने आई है। भारतीय मूल की पूजा जिनकी उम्र 33 साल थी, उनकी भी मौत कोरोना वायरस से हो गई है। पूजा से पहले उनके पिता सुधीर शर्मा की भी मौत एक दिन पहले ही कोरोना से ही हुई थी।
हालांकि, कोरोना वायरस के कुल मृतकों की संख्या का विश्लेषण करें तो कहीं बड़ी संख्या बुजुर्गों की है। लेकिन कोरोना अब नौजवानों की भी जानें ले रहा है। जानकारों का कहना है कि जिन देशों में स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी नहीं हैं, वहां और अधिक लोगों की मौत हो सकती है।
कई रिपोर्टों में इस तरह के दावे किए गए हैं कि ज्यादातर नौजवानों को कोरोना से मामूली बुखार जैसे लक्षण ही दिखेंगे या कुछ में हल्के लक्षण भी नही होंगे। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोज ए गेब्रियेसुस ने भी पिछले हफ्ते कहा है कि महामारी में नौजवान और स्वस्थ लोग अपराजेय नहीं रहेंगे। बुजुर्ग सबसे अधिक पीड़ित होंगे, लेकिन नौजवानों को कोरोना नहीं छोड़ेगा।
टेड्रोज ए गेब्रियेसुस की बातें अब सच भी होने लगी है। एक आंकड़े के मुताबिक, अमेरिका में हॉस्पिटल में भर्ती किए गए 500 मरीजों में 20 फीसदी यानी कि करीब 100 लोग, 20 से 44 साल की उम्र के थे। कोरोना को लेकर आईसीयू में भर्ती होने वाले हर 10 में से एक व्यक्ति भी नौजवान होता है।
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