पाक सेना प्रमुख की नियुक्ति पर विवाद जारी, मौका नहीं मिलने पर लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास ने मांगा रिटायरमेंट
अपने करियर के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल अब्बास ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ के निजी सचिव के रूप में कार्य किया। उन्होंने 12 डिवीजन आर्मी की कमान संभाली और सीजीएस बनने से पहले वह 10 कोर के कमांडर थे। उन्होंने नियंत्रण रेखा तक सैनिकों की कमान संभाली है।
पाकिस्तानी सेना के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास ने जल्दी सेवानिवृत्ति की मांग करते हुए विदाई लेने का फैसला किया है। उनके पारिवारिक सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। माना जा रहा है कि अब्बास ने पाक सेना प्रमुख नहीं बनाए जाने पर रिटायरमेंट का फैसला लिया है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, परिवार के एक विश्वस्त सूत्र ने कहा कि, अपनी व्यावसायिकता, दूरदर्शिता और नेतृत्व के लिए जाने जाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास ने सेना से विदाई लेने का फैसला किया है। अपने व्यक्तित्व के अनुरूप वह जल्दी सेवानिवृत्ति की मांग कर रहे हैं।
जियो न्यूज ने बताया कि 27 नवंबर के बाद वह वरिष्ठता सूची में दूसरे नंबर पर आ जाएंगे। उन्हें 1987 में पाकिस्तान सैन्य अकादमी (पीएमए) द्वारा 41 बलूच रेजिमेंट में नियुक्त किया गया था। उन्होंने एक संपूर्ण सज्जन और उच्च सत्यनिष्ठा वाले अधिकारी के रूप में ख्याति प्राप्त की है।
अपने सुशोभित करियर के दौरान, लेफ्टिनेंट जनरल अब्बास ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ के निजी सचिव के रूप में कार्य किया। उन्होंने 12 डिवीजन आर्मी की कमान संभाली और सीजीएस बनने से पहले वह 10 कोर के कमांडर थे। सूत्र ने कहा कि संस्था और यह देश उन्हें याद करेगा। उन्होंने अपने 40 साल के करियर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) से वजीरिस्तान, बलूचिस्तान से लेकर उत्तरी क्षेत्रों तक सैनिकों की सेवा और कमान संभाली।
दरअसल अजहर अब्बास का यह फैसला पाकिस्तान की संघीय सरकार द्वारा जनरल असीम मुनीर को पाक सेना के अगले प्रमुख के रूप में और जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीजेसीएससी) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने के बाद सामने आया है।
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