दुनिया की 5 बड़ी खबरें: काबुल में मस्जिद बम विस्फोट में चार की मौत और गरीबी की चपेट में आएंगे 1 अरब से ज्यादा लोग!

पश्चिम काबुल स्थित एक मस्जिद में शुक्रवार को हुए एक बम विस्फोट में पेश इमाम सहित कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और एक रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोना काल में वैश्विक गरीबी का संकट बढ़ सकता है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

काबुल: मस्जिद में बम विस्फोट में चार लोगों की मौत

पश्चिम काबुल स्थित एक मस्जिद में शुक्रवार को हुए एक बम विस्फोट में पेश इमाम सहित कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और अनेक अन्य घायल हो गए। यह जानकारी अफगानिस्तान सरकार के एक अधिकारी ने दी। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियन ने कहा कि बम मस्जिद के भीतर रखा गया था लेकिन उनके पास इससे अलावा कोई विस्तृत जानकारी नहीं थी। पुलिस ने क्षेत्र की घेराबंदी कर दी और घायलों को एंबुलेंस और पास के अस्पताल ले जाने में मदद की। किसी ने अभी इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है।

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कोविड-19: 1.1 अरब हो सकती है अत्यंत गरीबी में रहने वालों की संख्या!

एक रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोना काल में वैश्विक गरीबी का संकट बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर एक अरब से ज्यादा लोग गरीबी की चपेट में आ जाएंगे। कोरोना वायरस के चलते लोगों की आय में भी कमी आई है। रिपोर्ट के अनुसार 39.5 करोड़ अतिरिक्त लोग अत्यंत गरीब हो सकते हैं। दुनियाभर में प्रतिदिन 1.90 डॉलर से कम पर गुजारा करने वालों की कुल संख्या 1 अरब के आंकड़े को पार कर सकती है। संयुक्त राष्ट्र युनिवर्सिटी के UNU-WIDER द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में ये अनुमान लगाया गया है। इसमें अत्यंत गरीब उन लोगों को कहा गया है जो प्रतिदिन 1.90 डॉलर (करीब 145 रुपये) में अपना गुजारा करते हैं। साथ ही उच्चतर गरीबी रेखा में उन लोगों को रखा गया है जो प्रतिदिन 5.50 डॉलर में गुजारा करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार प्रति व्यक्ति आय में 20 फीसदी की कमी होने से अत्यंत गरीबी में रहने वालों की संख्या 1.12 अरब से अधिक हो सकती है।

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कोविड-19 के वैश्विक मामले 75 लाख के पार

जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के अनुसार दुनिया में कोविड-19 के मामलों की कुल संख्या 75 लाख से अधिक हो गई है, जबकि मरने वालों की संख्या 4.2 लाख के करीब है। शुक्रवार सुबह तक कुल मामलों की संख्या 75,00,777 थी, जबकि मौतों की संख्या 4,20,993 हो गई थी। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने अपनी ताजा जानकारी में यह खुलासा किया है। सीएसएसई के अनुसार, दुनिया में अब भी सबसे अधिक 20,22,488 मामलों और 1,13,803 लोगों की मृत्यु के साथ अमेरिका शीर्ष पर बना हुआ है। मामलों के संदर्भ में ब्राजील 8,02,828 संक्रमणों की संख्या के साथ दूसरे स्थान पर है। सीएसएसई के आंकड़ों में इसके बाद रूस (5,01,800), यूके (2,92,860), भारत (2,86,605), स्पेन (2,42,707), इटली (2,36,142), पेरू (2,14,788), फ्रांस (1,92,493), जर्मनी (1,86,691), ईरान (1,80,156), तुर्की (1,74,023), चिली (1,54,092), मैक्सिको (1,33,974), पाकिस्तान (1,25,933) और सऊदी अरब (1,16,021) हैं। वहीं इस घातक वायरस से मौतों की बात करें तो अमेरिका 41,364 के साथ पहले नंबर पर है और इसके बाद ब्रिटेन है। 10,000 से अधिक मौत वाले अन्य देशों में ब्राजील (40,919), इटली (34,167), फ्रांस (29,349), स्पेन (27,136) और मैक्सिको (15,944) हैं।

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H-1B वीजा पर रोक लगा सकते हैं ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप H-1B समेत वहां काम करने के लिए दिए जाने वाले तमाम वीजा सस्पेंड करने पर विचार कर रहे हैं। कोरोना वायरस की महामारी की वजह से अमेरिका में बेरोजगारी में बेतहाशा वृद्धि हुई है जिसे देखते हुए ट्रंप प्रशासन ये कदम उठाने की योजना बना रहा है। H-1B वीजा अमेरिकी सरकार विदेशी टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल्स को देती है, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय हैं. ऐसे में ट्रंप अगर ये फैसला करते हैं तो इससे तमाम भारतीय प्रभावित होंगे। द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, वीजा पर प्रस्तावित रोक 1 अक्टूबर से शुरू हो रहे नए वित्तीय वर्ष में भी जारी रह सकती है. इस दौरान, तमाम नए वीजा जारी किए जाते हैं

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ईरान ने कहा-अमेरिका के साथ और कैदियों की अदला-बदली के लिए तैयार

ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह अमेरिका के साथ और कैदियों की अदला-बदली को लेकर तैयार है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने गुरुवार को हालिया कूटनीतिक प्रयासों का संदर्भ दिया, जिसमें दोनों तरफ से कैदियों की रिहाई के संकेत हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस बाबत जमीन तैयार हो जाती है तो ईरान अमेरिका के जेलों से से अपने नागरिकों को निकालने के लिए सभी कूटनीतिक प्रयास करेगा। बीते सप्ताह, ईरान ने अमेरिका के नौसेना के अधिकारी माइकल व्हाइट को रिहा किया था, जो ईरान की जेल में जासूसी के आरोपों में बंद थे। इसकी एवज में अमेरिका ने भी ईरानी वैज्ञानिक माजिद ताहिरी को अमेरिकी जेल से रिहा किया था। वह अमेरिकी प्रतिबंधों की अवहेलना करने के मामले में वहां बंद थे।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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