दुनिया की बड़ी खबरेंः थाईलैंड ने खोजा कोरोना का इलाज और चीन में फंसे पाकिस्तानी छात्र अपनी सरकार पर बिफरे

थाईलैंड के डॉक्टरों ने दावा किया है कि उन्होंने कुछ दवाओं के इस्तेमाल से एक नई दवा बनाई है, जो कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों को 48 घंटे में ठीक कर देगी। चीन में फंसे पाकिस्तानी छात्रों ने इमरान सरकार से भारत से सीख लेते हुए उन्हें वहां से निकालने की मांग की है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

थाईलैंड ने किया कोरोना का इलाज खोजने का दावा

चीन के वुहान से शुरू हुआ कोराना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। इस जानलेवा वायरस का संक्रमण दुनिया के अब कई देशों में फैल चुका है। खबर है कि अब तक दुनिया भर में 17,387 लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा चीन में 17,205 लोग संक्रमित हैं। हालात को देखते हुए दुनिया भर के डॉक्टर कोरोना वायरस का इलाज खोजने में जुटे हैं। इस बीच थाईलैंड के डॉक्टरों ने दावा किया है कि उन्होंने कुछ दवाओं के इस्तेमाल से एक नई दवा बनाई है, जो कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों को 48 घंटे में ठीक कर देगी।

थाईलैंड के डॉक्टर क्रिएनसाक ने अपने दावे में कहा कि उन्होंने कोरोना वायरस से संक्रमित 71 साल की एक बुजुर्ग महिला को नई दवा देकर 48 घंटे में ठीक कर दिया। डॉक्टर का दावा है कि पीड़ित महिला दवा देने के 12 घंटे के अंदर ही बिस्तर से उठकर बैठ गई, जबकि उससे पहले वह हिलने डुलने की भी स्थिति में नहीं थी। डॉक्टर के मुताबिक लैब में भी इस दवा की जांच में सकारात्मक नतीजे मिले हैं। वहीं इस दवा के प्रयोग से मरीज 48 घंटे में 90 फीसदी से ज्यादा ठीक हो गया।

चीन में कोरोना वायरस ने ली 361 की जान

चीन में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में इस जानलेवा वायरस से मरने वालों की संख्या 361 हो गई है, जबकि 17,205 लोग इस घातक बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि उसे 31 प्रांतों और शिंजियांग प्रोडक्शन एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्प्स से रविवार को 2,829 नए मामलों की पुष्टि होने और 57 लोगों की मौत की सूचना मिली।

रविवार को हुई मौतों में 56 मौतें अकेले हुबेई प्रांत में हुई हैं, जो इस बीमारी के प्रकोप का केंद्र है। स्वास्थ्य़ आयोग ने कहा कि रविवार को 5,173 नए संदिग्ध मामले सामने आए, जिनमें से 2,296 मरीजों की स्थिति गंभीर है और 21,558 लोगों के वायरस से संक्रमित होने का संदेह है। वहीं ठीक होने के बाद कुल 475 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है। आयोग ने कहा कि 152,700 लोग अभी भी चिकित्सा निगरानी में हैं।


चीन ने 10 दिन में खड़ा किया हजार बेड का अस्पताल

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए चीन पूरी ताकत के साथ जुटा है। कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित चीन के वुहान में मरीजों के लिए सोमवार से एक नया अस्पताल शुरू हो गया। खास बात ये है कि एक हजार बेड की क्षमता वाले ह्यूशेनशान अस्पताल को सिर्फ चीन ने महज 10 दिन में तैयार किया है। इस अस्पताल में चीनी सशस्त्र बलों के 1,400 मेडिकल स्टाफ काम करेंगे और इनमें से कुछ लोग एसएआरएस जैसी बीमारियों से लड़ने का अनुभव भी रखते हैं।

यह अस्पताल क्षेत्र के अन्य अस्पतालों में हुए नुकसान को कम करेगा। इसके अलावा एक और अस्पताल लीशेनशान अस्पताल का निर्माण बुधवार तक पूरा होने वाला है। बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अनुसार, चीन में सोमवार को कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 361 हो गई और 17,205 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। चीन में लगभग 1,52,700 लोगों को निगरानी में रखा गया है, जिनमें से 21,558 संदिग्ध मामले हैं।

चीन में फंसे पाकिस्तानी छात्र इमरान सरकार पर बिफरे

चीन में पढ़ाई कर रहे पाकिस्तानी छात्रों का गुस्सा अपने देश की सरकार पर उबल पड़ा है। कोरोना वायरस के फैलते कहर के बीच अब तक चीन में फंसे इन छात्रों ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो डालकर इमरान सरकार को भारत से सीख लेते हुए ठीक उसी तरह उन्हें वहां से निकालने की मांग की है, जिस तरह भारत ने अपने छात्रों को वहां से निकाला है।

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक पाकिस्तानी छात्र कहता सुनाई दे रहा है कि कैसे भारत के छात्रों को वहां की सरकार बाहर निकाल रही है, जबकि पाकिस्तान की सरकार ने अपने छात्रों को वहीं मरने के लिए छोड़ दिया है। वीडियो में एक पाकिस्तानी छात्र अपने हॉस्टल की खिड़की से नीचे का दृश्य दिखा रहा है, जिसमें एक बस में कुछ लोगों को चढ़ते हुए देखा जा सकता है। छात्र कह रहा है कि यह चीन में भारतीय दूतावास की ओर से आई हुई बस है, जो अपने छात्रों को यहां से सुरक्षित बाहर निकालने आई है। बांग्लादेश वाले भी अपने छात्रों को निकालने आ रहे हैं। लेकिन पाकिस्तानी सरकार अपने छात्रों को कहती है कि आप जिंदा रहो, मरो, संक्रमित हो जाओ, हम आपको नहीं निकालेंगे।


इराक में नए प्रधानमंत्री को प्रदर्शनकारियों ने खारिज किया

इराक में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के पद पर मोहम्मद तावफिक अलवी की नियुक्ति को खारिज कर दिया है। अलवी का सत्तारूढ़ दल से संबंध बताया जाता है। प्रदर्शनकारियों के एक प्रवक्ता ने बताया कि देश में लगभग चार महीने पहले शुरू हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन के केंद्र बगदाद स्थित तहरीर स्क्वायर पर प्रदर्शनकारियों ने अलवी को पहले ही खारिज कर दिया था।

प्रदर्शनकारियों के अनुसार, साल 2006 और 2010 में संचार मंत्री रहे अलवी 2003 से देश को बर्बाद करने वाली राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा रहे हैं, जब अमेरिका ने इराक में घुसपैठ कर सद्दाम हुसैन को बेदखल किया था। उन्होंने अन्य शहरों में भी साथी प्रदर्शनकारियों से अगले शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए तैयार रहने का आवाह्न किया है।

बता दें कि राष्ट्रपति बरहाम सालेह ने अलवी को नए प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया है। पूर्व प्रधानमंत्री अदेल अब्देल महदी ने दो महीने पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस बीच तीन जनवरी को अमेरिकी हवाई हमले में ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद से देश में फैली अशांति के बीच अब्देल महदी अंतरिम तौर पर पद संभाले हुए थे।

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