पश्चिम एशिया युद्ध के कगार पर, ईरान में पढ़ाई कर रहे अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं कश्मीरी परिवार
ईरान को एमबीबीएस समेत अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर होने वाले खर्च के लिहाज से वहनीय माना जाता है और कश्मीर के सैकड़ों छात्र वहां विभिन्न कॉलेजों में दाखिला लेना पसंद करते हैं
ईरान में पढ़ाई कर रहे सैकड़ों कश्मीरी युवकों के परिवार के सदस्य अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं, क्योंकि पश्चिम एशिया पूर्ण युद्ध के कगार पर है और कई लोग अब अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए वहां भेजने से कतराने लगे हैं।
ईरान को एमबीबीएस समेत अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर होने वाले खर्च के लिहाज से वहनीय माना जाता है और कश्मीर के सैकड़ों छात्र वहां विभिन्न कॉलेजों में दाखिला लेना पसंद करते हैं। ऐसे छात्रों के परिवार इजराइल-हिज्बुल्ला संघर्ष और इजराइल-हमास युद्ध का दायरा बढ़ने के घटनाक्रमों को लेकर बहुत परेशान हैं।
एक अक्टूबर को ईरान ने इजराइल पर करीब 200 मिसाइल दागीं। ईरान ने यह मिसाइल इजराइल द्वारा हिज्बुल्ला प्रमुख हसन नसरल्ला और चरमपंथी संगठन के अन्य कमांडर को मारने के जवाब में दागीं। ईरान की कार्रवाई के बाद, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान को इसकी ‘‘कीमत चुकानी’’ पड़ेगी।
गांदरबल जिले के डाब गांव के निवासी डॉ. सैयद शिराज ने कहा, ‘‘मेरी बेटी का कॉलेज तेहरान से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर है। ईरान की राजधानी और पड़ोसी देशों में भी तनाव है।’’
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जिनके भी रिश्तेदार या परिजन ईरान में हैं, वे सभी परेशान हैं लेकिन हमें उम्मीद है कि सब ठीक हो जाएगा।’’
शिराज ने कहा कि वह अपनी बेटी से लगातार संपर्क में हैं और वीडियो या ऑडियो कॉल के माध्यम से स्थिति की नियमित रूप से जानकारी लेते रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी बेटी का कहना है कि तेहरान में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन ऐसी कोई आपात स्थिति नहीं है। हालांकि, दूसरे देशों के लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है कि वे तेहरान में दूतावास के संपर्क में रहें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि स्थिति बहुत खराब होने वाली है लेकिन हमें अपने देश के नियमों का पालन करना होगा।’’
श्रीनगर के अंदरूनी इलाके सैदा कादल के निवासी एजाज अहमद हाजी ने कहा कि उनके भाई - इमरान हुसैन और बिलाल अहमद - ईरान में धार्मिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पिछले चार दिनों से भाइयों से बात नहीं की है और मैं चिंतित हूं। विदेश में रह रहे अपने नागरिकों को सकुशल रखना भारत सरकार की जिम्मेदारी है।’’
उन्होंने कहा, "मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि मेरे भाई सुरक्षित रहें और मैं ईरान के लोगों के लिए भी प्रार्थना करता हूं।’’
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