तवांग में भारत और चीनी सैनिकों की झड़प पर अमेरिका की प्रतिक्रिया आई सामने, जानें क्या कहा?

एक बयान में अमेरिका ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच के तनाव की स्थिति का बारीकी से निगरानी कर रहा है। वह दोनों पक्षों (भारत और चीन) को विवादित सीमाओं पर चर्चा करने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय माध्यमों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में घुसपैठ करते हुए चीनी सैनिकों की भारतीय सैनिकों से हुई झड़प के मुद्दे पर अमेरिका की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिका ने कहा कि चीन उकसावे की कार्रवाई करता है। भारत का समर्थन करते हुए अमेरिका ने अपने बयान में कहा कि वह अपने मित्र देशों के साथ हमेशा खड़ा रहेगा। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि बाइडेन प्रशासन इस बात से खुश है कि भारत और चीन दोनों देशों ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हुई झड़प के बाद अपनी सेनाओं को डिसइनगेजमेंट किया और स्थिति को नियंत्रण में रखा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान व्हाइट हाउस के मीडिया सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा, “अमेरिका दोनों देशों के बीच के तनाव की स्थिति का बारीकी से निगरानी कर रहा है। वह दोनों पक्षों (भारत और चीन) को विवादित सीमाओं पर चर्चा करने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय माध्यमों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

पेंटागन के प्रेस सचिव पैट राइडर ने कहा “हम अपने भागीदारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग बने रहेंगे। हम स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारत के प्रयासों का पूरा समर्थन करते हैं।”


तवांग में 9 दिसंबर को हुआ क्या था?

तवांग में भारतीय पोस्ट को हटवाने के लिए 9 दिसंबर को चीनी सैनिक आए थे। भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों के देखते ही मोर्चा संभाला और भिड़ गए। आमने-सामने के क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया। हिंसक घटना में 6 भारतीय जवान घायल हो गए। कई चीनी सैनिकों के घाल होने की भी खबर है। हालांकि चीन की तरफ से कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में क्या कहा?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बताया कि भारतीय सैनिकों की बहादुरी की वजह से चीनी सैनिकों को पीछे हटना पड़ा। उन्होंने बताया कि 9 दिसंबर 2022 को PLA सैनिकों ने अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया। चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया। इस दौरान दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं हैं। उन्होंने सदन को बताया कि झड़प में हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ।

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