दुनिया की 5 बड़ी खबरें: आतंकी दलदल में डूबता जा रहा पाकिस्तान और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन की कोई रुचि नहीं
चीन ने कहा है कि अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव अमेरिका का अंदरूनी मामला है। चीन इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। अमेरिका और सीरिया ने 29 पाकिस्तानियों को हिरासत में लिया है, जो सीरिया सरकार के खिलाफ खूंखार इस्लामिक स्टेट (आईएस) के लिए लड़ रहे थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन की कोई रुचि नहीं
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जीतने की प्रबल इच्छा रखते हैं। उन्होंने औपचारिक रूप से रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए नामांकन भरा और रिपब्लिकन नेशनल कांग्रेस में भाषण दिया। 70 मिनट तक चले इस भाषण में ट्रंप ने न सिर्फ डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडन पर जबरदस्त जुबानी हमला किया, बल्कि 15 बार चीन की चर्चा की और लगातार चीन को दोषी ठहराया। जब ट्रंप व्हाइट हाउस में आत्म-प्रशंसा कर रहे थे, तब व्हाइट हाउस के बाहर बिलकुल अलग नजारा दिखाई दे रहा था। नस्लवाद विरोधी प्रदर्शनकारी अस्थाई रूप से लगाए गए कंटीले तार की दूसरी ओर विरोध कर रहे थे। कुछ दिन पहले अमेरिकी पुलिस ने फिर एक बार अश्वेत व्यक्ति की गोली मार कर हत्या कर दी, जिससे प्रदर्शन और उपद्रव निरंतर हो रहे हैं।
हम कहना चाहते हैं कि अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव अमेरिका का अंदरूनी मामला है। चीन इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। इसके साथ चीन अमेरिका से आग्रह करता है कि आम चुनाव की आड़ में चीन के बारे में बकवास करना बंद करो।
सीरियाई संघर्ष : पाकिस्तान लड़ रहा अपने आप से
इससे ज्यादा विडंबना देखने को नहीं मिल सकती कि जिस समय प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान को आतंक समर्थकों और प्रमोटरों की कुख्यात सूची से बाहर निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, उसी वक्त वह अपने देश को अच्छी तरह से विकसित आतंकी दलदल में डूबते हुए पाते हैं।
इस सप्ताह ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई है कि अमेरिका और सीरिया ने 29 पाकिस्तानियों को हिरासत में लिया है, जो सीरिया सरकार के खिलाफ खूंखार इस्लामिक स्टेट (आईएस) के लिए लड़ रहे थे। दिलचस्प बात यह है कि इन 29 में से नौ महिलाएं हैं। अब अमेरिका उनसे यह पता लगाने के लिए पूछताछ कर रहा है कि उन्हें सीरिया में लड़ने के लिए किसने भेजा था और क्या वे आईएस में शामिल होने से पहले अन्य आतंकी संगठनों के साथ भी संलिप्त थे।
अमेरिका, इराक में सैन्य उपस्थिति घटाएगा
अमेरिका, इराक में अपनी सैन्य उपस्थिति में एक तिहाई कटौती करेगा, जिससे देश में अमेरिकी सैनिकों की संख्या करीब 5,200 से घटकर 3,500 रह जाएगी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अमेरिका के कई अधिकारियों के हवाले से द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में कहा कि पेंटागन अगले दो या तीन महीनों में इराक में सैन्य उपस्थिति को लगभग एक तिहाई कम कर देगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस कदम से इस्लामिक स्टेट (आईएस) आतंकी समूह के खिलाफ अभियान के शुरुआती चरण में 2015 में जितने अमेरिकी सैनिक तैनात थे, अमेरिका लगभग उसी स्तर पर वापस आ जाएगा।
लेबनान में एक और साल के लिए बना रहेगा संरा फोर्स
सुरक्षा परिषद ने लेबनान में यूएन इंटरिम फोर्स (यूएनआईएफआईएल) को 31 अगस्त, 2021 तक एक और साल के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, प्रस्ताव 2539 को शुक्रवार को 15-सदस्यीय परिषद के सर्वसम्मति समर्थन से जीत मिली। इस प्रस्ताव में, भविष्य में सुरक्षा स्थिति में कमी आने की परिस्थिति में सैनिकों की शक्ति बढ़ाने की संभावना के बिना ही 15,000 अधिकृत सैनिकों से सेना की टुकड़ी को घटाकर 13,000 सैनिकों तक करने का फैसला लिया गया है।
प्रस्ताव में यूएनआईएफआईएल की सकारात्मक भूमिका की सराहना की गई है। यूएनआईएफआईएल की तैनाती लेबनानी सशस्त्र बलों के साथ मिलाकर की गई है, जिससे देश के दक्षिणी हिस्से में एक नई रणनीतिक परिस्थिति स्थापित करने में मदद मिली है।
वांग यी की फ्रांस के राष्ट्रपति से मुलाकात
28 अगस्त को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने पेरिस के एलिसी भवन में फ्रांस की यात्रा पर गए चीनी स्टेट कांसुलर, विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। वांग यी ने मैक्रॉन को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का संदेश और किताब भेंट की। वांग यी ने कहा कि इससे चीन और फ्रांस के बीच संबंध, दोनों देशों के नेताओं द्वारा निर्मित मैत्री और विश्वास पर चीन का बड़ा ध्यान जाहिर होता है। चीन फ्रांस के साथ मिलकर दोनों देशों के नेताओं द्वारा संपन्न महत्वपूर्ण सहमतियों का कार्यान्वयन करना, दोनों देशों के बीच सर्वांगीण रणनीतिक साझेदारी संबंध को गहराना चाहता है।
फौरी बात यही है कि महामारी की रोकथाम और नियंत्रण के सामान्यीकरण की स्थिति में दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान को फिर से शुरू किया जाए। दवा, वैक्सीन अनुसंधान और विकास, भविष्य की बड़ी महामारी की रोकथाम में समन्वय और सहयोग को मजबूत किया जाए, ताकि जल्द ही पूरी तरह से महामारी को हराया जा सके, मानव जाति के स्वास्थ्य समुदाय के निर्माण के लिए सकारात्मक योगदान किया जा सके।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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